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Rajasthan High Court order: मादक दवाइयां रखने के आरोपी डॉ. तांबी को मिली जमानत - राजस्थान लेटेस्ट न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे (Rajasthan High Court grants bail) डॉ अनिल तांबी की जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया है.

Rajasthan High Court grants bail,  High Court grants bail to Dr Anil Tambi
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : Mar 10, 2023, 8:24 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अवैध मादक दवाइयां रखने के आरोप में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे मनोचिकित्सक डॉ. अनिल तांबी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश अनिल तांबी की जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.

याचिका पर सुनवाई के दौरान वकीलों के न्यायिक बहिष्कार के चलते तांबी की ओर से उनके अधिवक्ता की जगह पावर ऑफ अटॉर्नी होल्डर अदिति तांबी पेश हुई. उनकी ओर से कहा गया कि डॉ. अनिल तांबी को मामले में झूठा फंसाया गया है. पेशे से चिकित्सक तांबी करीब ढाई माह से जेल में बंद हैं. उन्हें प्रकरण के सह आरोपी मोहम्मद वाहिद कुरैशी के बयानों के आधार पर आरोपी बनाया गया है.

पढ़ेंः अवैध मादक दवाइयां रखने के आरोपी डॉ. तांबी का अंतरिम जमानत से इनकार

इसके अलावा केन्द्र सरकार की 28 मार्च 2019 की अधिसूचना के तहत उन्हें दवाइयां सप्लाई का अधिकार है. उन्होंने सभी रिकॉर्ड जांच अधिकारी को उपलब्ध करा दिए हैं. इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के निरीक्षक राजेश शुक्ला ने कहा कि सर्च के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से उन्हें कोई दस्तावेज मुहैया नहीं कराए गए थे. ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें जमानत नहीं दी जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. बता दें कि गत 29 नवंबर को नारकोटिक्स ब्यूरो ने मेडिकल स्टोर पर छापा मारकर बड़ी मात्रा में दवाइयां जब्त की थी. इस दुकान से मिले इनपुट के आधार पर डॉ. अनिल तांबी को गिरफ्तार किया गया था. गत दिनों एनडीपीएस कोर्ट की ओर से तांबी की जमानत खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत याचिका पेश कर रिहा करने की गुहार की थी.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अवैध मादक दवाइयां रखने के आरोप में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे मनोचिकित्सक डॉ. अनिल तांबी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश अनिल तांबी की जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.

याचिका पर सुनवाई के दौरान वकीलों के न्यायिक बहिष्कार के चलते तांबी की ओर से उनके अधिवक्ता की जगह पावर ऑफ अटॉर्नी होल्डर अदिति तांबी पेश हुई. उनकी ओर से कहा गया कि डॉ. अनिल तांबी को मामले में झूठा फंसाया गया है. पेशे से चिकित्सक तांबी करीब ढाई माह से जेल में बंद हैं. उन्हें प्रकरण के सह आरोपी मोहम्मद वाहिद कुरैशी के बयानों के आधार पर आरोपी बनाया गया है.

पढ़ेंः अवैध मादक दवाइयां रखने के आरोपी डॉ. तांबी का अंतरिम जमानत से इनकार

इसके अलावा केन्द्र सरकार की 28 मार्च 2019 की अधिसूचना के तहत उन्हें दवाइयां सप्लाई का अधिकार है. उन्होंने सभी रिकॉर्ड जांच अधिकारी को उपलब्ध करा दिए हैं. इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के निरीक्षक राजेश शुक्ला ने कहा कि सर्च के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से उन्हें कोई दस्तावेज मुहैया नहीं कराए गए थे. ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें जमानत नहीं दी जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. बता दें कि गत 29 नवंबर को नारकोटिक्स ब्यूरो ने मेडिकल स्टोर पर छापा मारकर बड़ी मात्रा में दवाइयां जब्त की थी. इस दुकान से मिले इनपुट के आधार पर डॉ. अनिल तांबी को गिरफ्तार किया गया था. गत दिनों एनडीपीएस कोर्ट की ओर से तांबी की जमानत खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत याचिका पेश कर रिहा करने की गुहार की थी.

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