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वकीलों की समस्याओं के लिए कमेटी गठित करने की मांग, ACJ को लिखा पत्र

राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में विवाद निस्तारण कमेटी गठित करने की मांग की है.

राजस्थान हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 20, 2023, 8:28 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में विवाद निस्तारण कमेटी गठित करने की मांग की है. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों की समस्याओं से जुड़े एक मामले में व्यवस्था दी थी कि हर हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश और दो वरिष्ठ न्यायाधीशों की एक विवाद निस्तारण कमेटी बनाई जाए. वकील अपनी समस्याओं के लिए आंदोलन करने से पहले इस कमेटी के सामने अपना पक्ष रखें.

प्रहलाद शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट में वकीलों से जुड़ी कई समस्याएं हैं. नए वकीलों के बैठने के लिए चैंबर की अपर्याप्त संख्या है, जबकि चैंबर आवंटन नियमों के तहत तीन साल की वकालत पूरी कर तीस मुकदमों में पैरवी कर चुका अधिवक्ता चैंबर आवंटन का हकदार होगा. इसके बावजूद भी युवा वकीलों को चैंबर नहीं मिले हैं. इसके अलावा वाहन खड़ा करने के लिए भी रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार वकील को वाहन खड़ा करने की जगह नहीं मिलती और दूसरी तरफ अदालत में उसके मुकदमें का नंबर निकल जाता है.

पढ़ें. जमानत याचिकाओं में परिवादी या पीड़ित को पक्षकार बनाना जरूरी नहीं : हाईकोर्ट

इसके अलावा वकीलों से जुड़ी रोजमर्रा की कई अन्य समस्याएं भी हैं. इनके निस्तारण के लिए अब तक विवाद निस्तारण कमेटी का गठन नहीं हुआ है, जबकि सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर चुका है. पूर्व में वकीलों की ओर से न्यायिक बहिष्कार करने पर प्रकरण सुप्रीम कोर्ट गया था. यहां अदालत ने तत्कालीन बार पदाधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किए थे. ऐसे में यदि इस विवाद निस्तारण कमेटी को समस्या बताने के बाद भी उसका निस्तारण नहीं होता है तो किए जाने वाले आंदोलन को नियम विरुद्ध नहीं कहा जा सकेगा.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में विवाद निस्तारण कमेटी गठित करने की मांग की है. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों की समस्याओं से जुड़े एक मामले में व्यवस्था दी थी कि हर हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश और दो वरिष्ठ न्यायाधीशों की एक विवाद निस्तारण कमेटी बनाई जाए. वकील अपनी समस्याओं के लिए आंदोलन करने से पहले इस कमेटी के सामने अपना पक्ष रखें.

प्रहलाद शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट में वकीलों से जुड़ी कई समस्याएं हैं. नए वकीलों के बैठने के लिए चैंबर की अपर्याप्त संख्या है, जबकि चैंबर आवंटन नियमों के तहत तीन साल की वकालत पूरी कर तीस मुकदमों में पैरवी कर चुका अधिवक्ता चैंबर आवंटन का हकदार होगा. इसके बावजूद भी युवा वकीलों को चैंबर नहीं मिले हैं. इसके अलावा वाहन खड़ा करने के लिए भी रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार वकील को वाहन खड़ा करने की जगह नहीं मिलती और दूसरी तरफ अदालत में उसके मुकदमें का नंबर निकल जाता है.

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इसके अलावा वकीलों से जुड़ी रोजमर्रा की कई अन्य समस्याएं भी हैं. इनके निस्तारण के लिए अब तक विवाद निस्तारण कमेटी का गठन नहीं हुआ है, जबकि सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर चुका है. पूर्व में वकीलों की ओर से न्यायिक बहिष्कार करने पर प्रकरण सुप्रीम कोर्ट गया था. यहां अदालत ने तत्कालीन बार पदाधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किए थे. ऐसे में यदि इस विवाद निस्तारण कमेटी को समस्या बताने के बाद भी उसका निस्तारण नहीं होता है तो किए जाने वाले आंदोलन को नियम विरुद्ध नहीं कहा जा सकेगा.

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