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Rajasthan High Court order: शादी-पार्टियों में बिना लाइसेंस म्यूजिक बजाने की छूट वाले पुलिस के आदेश पर रोक - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए (bans the order of police administration) अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रथम की ओर से जारी एक आदेश पर रोक लगा दी है.

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Published : Feb 1, 2023, 9:06 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने म्यूजिक कंपनियों को राहत देते हुए अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रथम के 7 दिसंबर 2022 के आदेश पर रोक लगा दी है. इस आदेश में होटल व मैरिज गार्डन संचालकों को कहा था कि वे शादी-पार्टियों में म्यूजिक बजाने के लिए कॉपीराइट मालिकों से लाइसेंस नहीं लें. अदालत ने कहा कि पुलिस प्रशासन का यह आदेश किसी होटल संचालक, इवेंट मैनेजर व डीजे वाले को यह अधिकार नहीं देता कि वे रजिस्टर्ड कॉपीराइट धारक कंपनी के लाइसेंस के बिना ही अपने इवेंट में कॉमर्शियल उपयोग के लिए उनके म्यूजिक, रिकार्डिंग या साउंड का उपयोग करे. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश फोनोग्राफिक परफोर्मेस लिमिटेड व नोवेक्स कम्युनिकेशन की याचिकाओं पर दिया.

याचिकाओं में कहा गया कि पुलिस प्रशासन ने 7 दिसंबर को आदेश जारी कर होटल व मैरिज गार्डन संचालकों को कहा था कि उन्हें संगीत बजाने के लिए कॉपीराइट कंपनियों से लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं है. क्योंकि असामाजिक तत्वों की ओर से कॉपीराइट एक्ट के उल्लंघन के नाम पर चौथ वसूली की जाती है. जबकि कानूनी तौर पर कॉमर्शियल यूज के लिए म्यूजिक बजाने के लिए कॉपीराइट लाइसेंस कंपनी से मंजूरी लेना जरूरी है.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: कृषि उपज मंडी की जमीन कुर्क करने के आदेश पर रोक

कॉपीराइट कानून के उल्लंघन होने पर ऐसा करने वाले के खिलाफ आपराधिक व सिविल कार्रवाई करने का भी प्रावधान है. वहीं पुलिस को ऐसा आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है कि वह म्यूजिक कंपनियों के कॉपीराइट मामले में दखल दे. पुलिस प्रशासन ने यह आदेश होटल संचालकों व इवेंट मैनेजर को फायदा पहुंचाने के लिए जारी किया है. वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पुलिस ने यह आदेश केवल कानून व व्यवस्था बनाए रखने के लिए जारी किया था. यह आदेश होटल संचालकों व इवेंट मैनेजर को बिना कॉपीराइट का लाइसेंस लिए म्यूजिक व साउंड बजाने की मंजूरी नहीं देता. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर पुलिस प्रशासन के आदेश पर रोक लगा दी.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने म्यूजिक कंपनियों को राहत देते हुए अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रथम के 7 दिसंबर 2022 के आदेश पर रोक लगा दी है. इस आदेश में होटल व मैरिज गार्डन संचालकों को कहा था कि वे शादी-पार्टियों में म्यूजिक बजाने के लिए कॉपीराइट मालिकों से लाइसेंस नहीं लें. अदालत ने कहा कि पुलिस प्रशासन का यह आदेश किसी होटल संचालक, इवेंट मैनेजर व डीजे वाले को यह अधिकार नहीं देता कि वे रजिस्टर्ड कॉपीराइट धारक कंपनी के लाइसेंस के बिना ही अपने इवेंट में कॉमर्शियल उपयोग के लिए उनके म्यूजिक, रिकार्डिंग या साउंड का उपयोग करे. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश फोनोग्राफिक परफोर्मेस लिमिटेड व नोवेक्स कम्युनिकेशन की याचिकाओं पर दिया.

याचिकाओं में कहा गया कि पुलिस प्रशासन ने 7 दिसंबर को आदेश जारी कर होटल व मैरिज गार्डन संचालकों को कहा था कि उन्हें संगीत बजाने के लिए कॉपीराइट कंपनियों से लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं है. क्योंकि असामाजिक तत्वों की ओर से कॉपीराइट एक्ट के उल्लंघन के नाम पर चौथ वसूली की जाती है. जबकि कानूनी तौर पर कॉमर्शियल यूज के लिए म्यूजिक बजाने के लिए कॉपीराइट लाइसेंस कंपनी से मंजूरी लेना जरूरी है.

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कॉपीराइट कानून के उल्लंघन होने पर ऐसा करने वाले के खिलाफ आपराधिक व सिविल कार्रवाई करने का भी प्रावधान है. वहीं पुलिस को ऐसा आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है कि वह म्यूजिक कंपनियों के कॉपीराइट मामले में दखल दे. पुलिस प्रशासन ने यह आदेश होटल संचालकों व इवेंट मैनेजर को फायदा पहुंचाने के लिए जारी किया है. वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पुलिस ने यह आदेश केवल कानून व व्यवस्था बनाए रखने के लिए जारी किया था. यह आदेश होटल संचालकों व इवेंट मैनेजर को बिना कॉपीराइट का लाइसेंस लिए म्यूजिक व साउंड बजाने की मंजूरी नहीं देता. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर पुलिस प्रशासन के आदेश पर रोक लगा दी.

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