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Rajasthan High Court: हेड कांस्टेबल से निरीक्षक तक की पदोन्नतियों पर रोक, मांगा जवाब - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका पर (Rajasthan High Court bans promotions ) सुनवाई करते हुए हेड कांस्टेबल से निरीक्षक तक की पदोन्नतियों पर रोक लगा दी है.

Rajasthan High Court bans promotions,  Rajasthan High Court
हेड कांस्टेबल से निरीक्षक तक की पदोन्नतियों पर रोक.
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Published : Apr 19, 2023, 8:10 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग के गत 27 मार्च के आदेश के आधार पर की जा रही पदोन्नतियों पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव, डीजीपी और जयपुर पुलिस कमिश्नर से जवाब तलब किया है. 27 मार्च के आदेश से हेड कांस्टेबल से निरीक्षक स्तर तक के कर्मचारियों की पदोन्नति की जा रही थी.

याचिका में अधिवक्ता शोभित तिवाड़ी ने अदालत को बताया कि 27 सितंबर, 2022 को हाईकोर्ट की एकलपीठ ने राज्य सरकार की सहमति से एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करने के आदेश दिए थे. इस कमेटी को जिस वर्ष की रिक्तियां हैं, उसका उसी वर्ष उपयोग करने और वर्षवार रिक्तियों का आंकलन करने को कहा था. वहीं जरुरत पड़ने पर छाया पद भी सृजित करने के आदेश दिए थे.

पढ़ेंः राजस्थान हाईकोर्ट ने सीनियर डेमोंस्ट्रेटर को हटाने पर लगाई रोक, राज्य सरकार से मांगा जवाब

याचिका में कहा गया कि इस फैसले की पालना में कमेटी ने अपनी रिपोर्ट विभाग में पेश की. वहीं विभाग ने इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए याचिकाकर्ताओं को पदोन्नत करने के बजाए पदावनत कर दिया. याचिका में बताया गया कि विभाग ने 27 सितंबर के आदेश की पालना में छाया पद भी सृजित नहीं किए. वहीं गत 27 मार्च को आदेश जारी कर कांस्टेबल से निरीक्षक पद की वर्ष 2009 से वर्ष 2017 तक की रिव्यू डीपीसी कर ली और इस दौरान पदोन्नति के पदों को भी आगामी वर्षो में दिखा दिया. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने की जा रही पदोन्नतियों पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है. बताया जा रहा है कि इस आदेश से हेड कांस्टेबल और एएसआई की वर्ष 2015 व उपनिरीक्षक और निरीक्षक की वर्ष 2020-21 की पदोन्नति प्रभावित होंगी.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग के गत 27 मार्च के आदेश के आधार पर की जा रही पदोन्नतियों पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव, डीजीपी और जयपुर पुलिस कमिश्नर से जवाब तलब किया है. 27 मार्च के आदेश से हेड कांस्टेबल से निरीक्षक स्तर तक के कर्मचारियों की पदोन्नति की जा रही थी.

याचिका में अधिवक्ता शोभित तिवाड़ी ने अदालत को बताया कि 27 सितंबर, 2022 को हाईकोर्ट की एकलपीठ ने राज्य सरकार की सहमति से एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करने के आदेश दिए थे. इस कमेटी को जिस वर्ष की रिक्तियां हैं, उसका उसी वर्ष उपयोग करने और वर्षवार रिक्तियों का आंकलन करने को कहा था. वहीं जरुरत पड़ने पर छाया पद भी सृजित करने के आदेश दिए थे.

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याचिका में कहा गया कि इस फैसले की पालना में कमेटी ने अपनी रिपोर्ट विभाग में पेश की. वहीं विभाग ने इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए याचिकाकर्ताओं को पदोन्नत करने के बजाए पदावनत कर दिया. याचिका में बताया गया कि विभाग ने 27 सितंबर के आदेश की पालना में छाया पद भी सृजित नहीं किए. वहीं गत 27 मार्च को आदेश जारी कर कांस्टेबल से निरीक्षक पद की वर्ष 2009 से वर्ष 2017 तक की रिव्यू डीपीसी कर ली और इस दौरान पदोन्नति के पदों को भी आगामी वर्षो में दिखा दिया. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने की जा रही पदोन्नतियों पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है. बताया जा रहा है कि इस आदेश से हेड कांस्टेबल और एएसआई की वर्ष 2015 व उपनिरीक्षक और निरीक्षक की वर्ष 2020-21 की पदोन्नति प्रभावित होंगी.

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