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पीआरएन व कच्ची बस्ती में सरकार व जेवीवीएनएल की बिजली कनेक्शन की पॉलिसी क्या अलग-अलग हैं- हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने पृथ्वीराज नगर योजना (different policies for electricity connection ) में सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन नहीं देने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई की.

Rajasthan High Court asked,  Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : Apr 12, 2023, 9:01 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर की पृथ्वीराज नगर योजना में सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन नहीं देने से जुडे़ मामले में राज्य सरकार से पूछा है कि क्या पीआरएन व कच्ची बस्ती में बिजली कनेक्शन देने के लिए उनकी व जेवीवीएनएल की पॉलिसी अलगहै. इसके साथ ही अदालत ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी की उस मीटिंग के मिनट्स भी पेश करने को कहा है, जिसमें पीआरएन में सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन देने से मना किया गया था. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश कैलाश चन्द्र शर्मा व अन्य की याचिका पर दिए.

सुनवाई के दौरान अदालती आदेश के पालना में जेवीवीएनएल के एमडी वीसी के जरिए पेश हुए. अदालत ने उनसे पूछा कि क्या वे पीआरएन में बिजली कनेक्शन देने के लिए अधिकृत हैं या नहीं. इस पर एमडी ने कहा कि कच्ची बस्ती वाले भी हमसे बिजली कनेक्शन मांगते हैं तो जनसंख्या को देखते हुए उन्हें कनेक्शन दिए जाते हैं, लेकिन पीआरएन में कनेक्शन के लिए सरकार ने मना कर रखा है. इस पर अदालत ने उनसे पूछा कि किस आदेश से मना किया गया है. इस पर एमडी ने कहा कि पूर्व में सीएस की अध्यक्षता में मीटिंग हुई थी और उसमें ही पीआरएन में सोसायटी पट्टों पर कनेक्शन नहीं देने का निर्णय हुआ था.

पढ़ेंः स्कूलों में बिजली कनेक्शन के सवाल के जवाब पर स्पीकर की शिक्षा मंत्री को नसीहत

इस दौरान जेडीए के अधिवक्ता पुनीत सिंघवी ने कहा कि यदि सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन दिए गए तो पीआरएन में विकास नहीं हो पाएगा, दूसरी ओर जेवीवीएनएल के अधिवक्ता ने कहा कि यदि निर्माण अवैध है तो उसे तोड़ा क्यों नहीं गया?. वहीं राज्य सरकार के एएजी आरपी सिंह ने कहा कि सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन दे दिए तो कोई जेडीए से पट्टे नहीं लेगा और इससे राजस्व का नुकसान होगा. अदालत ने सभी पक्षों को सुनकर मामले की सुनवाई 15 मई तय करते हुए राज्य सरकार को बिजली कनेक्शन देने की पॉलिसी व पीआरएन में कनेक्शन नहीं देने के मिनट्स पेश करने के आदेश दिए.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने बताया कि पिछली सुनवाई पर अदालत ने राज्य सरकार से पूछा था कि पीआरएन में सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन देने या नहीं देने के संबंध में उनकी क्या मंशा है, लेकिन इस सवाल का जवाब नहीं देने पर अदालत ने जेवीवीएनएल के एमडी को हाजिर होने के लिए कहा था. याचिकाओं में कहा गया है कि राजस्थान बिजली एक्ट की धारा 43 के तहत याचिकाकर्ताओं को बिजली कनेक्शन दिया जाए और यह उनका अधिकार है व इसे रोका नहीं जा सकता. पीआरएन में पूर्व में सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन दिए हैं, इसलिए उन्हें भी कनेक्शन दिए जाएं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर की पृथ्वीराज नगर योजना में सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन नहीं देने से जुडे़ मामले में राज्य सरकार से पूछा है कि क्या पीआरएन व कच्ची बस्ती में बिजली कनेक्शन देने के लिए उनकी व जेवीवीएनएल की पॉलिसी अलगहै. इसके साथ ही अदालत ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी की उस मीटिंग के मिनट्स भी पेश करने को कहा है, जिसमें पीआरएन में सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन देने से मना किया गया था. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश कैलाश चन्द्र शर्मा व अन्य की याचिका पर दिए.

सुनवाई के दौरान अदालती आदेश के पालना में जेवीवीएनएल के एमडी वीसी के जरिए पेश हुए. अदालत ने उनसे पूछा कि क्या वे पीआरएन में बिजली कनेक्शन देने के लिए अधिकृत हैं या नहीं. इस पर एमडी ने कहा कि कच्ची बस्ती वाले भी हमसे बिजली कनेक्शन मांगते हैं तो जनसंख्या को देखते हुए उन्हें कनेक्शन दिए जाते हैं, लेकिन पीआरएन में कनेक्शन के लिए सरकार ने मना कर रखा है. इस पर अदालत ने उनसे पूछा कि किस आदेश से मना किया गया है. इस पर एमडी ने कहा कि पूर्व में सीएस की अध्यक्षता में मीटिंग हुई थी और उसमें ही पीआरएन में सोसायटी पट्टों पर कनेक्शन नहीं देने का निर्णय हुआ था.

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इस दौरान जेडीए के अधिवक्ता पुनीत सिंघवी ने कहा कि यदि सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन दिए गए तो पीआरएन में विकास नहीं हो पाएगा, दूसरी ओर जेवीवीएनएल के अधिवक्ता ने कहा कि यदि निर्माण अवैध है तो उसे तोड़ा क्यों नहीं गया?. वहीं राज्य सरकार के एएजी आरपी सिंह ने कहा कि सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन दे दिए तो कोई जेडीए से पट्टे नहीं लेगा और इससे राजस्व का नुकसान होगा. अदालत ने सभी पक्षों को सुनकर मामले की सुनवाई 15 मई तय करते हुए राज्य सरकार को बिजली कनेक्शन देने की पॉलिसी व पीआरएन में कनेक्शन नहीं देने के मिनट्स पेश करने के आदेश दिए.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने बताया कि पिछली सुनवाई पर अदालत ने राज्य सरकार से पूछा था कि पीआरएन में सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन देने या नहीं देने के संबंध में उनकी क्या मंशा है, लेकिन इस सवाल का जवाब नहीं देने पर अदालत ने जेवीवीएनएल के एमडी को हाजिर होने के लिए कहा था. याचिकाओं में कहा गया है कि राजस्थान बिजली एक्ट की धारा 43 के तहत याचिकाकर्ताओं को बिजली कनेक्शन दिया जाए और यह उनका अधिकार है व इसे रोका नहीं जा सकता. पीआरएन में पूर्व में सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन दिए हैं, इसलिए उन्हें भी कनेक्शन दिए जाएं.

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