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Rajasthan High Court: मृतक किसान के आश्रित को मुआवजा क्यों नहीं दिया ? - ईटीवी भारत राजस्थान नयूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने किसान की मौत के बाद आश्रितों को मुआवजा राशि नहीं देने को लेकर कृषि सचिव समेत अन्य अधिकारियों से सवाल किया है.

Rajasthan High Court,  High Court asked the Agriculture Secretary
राजस्थान हाईकोर्ट .
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 7, 2023, 10:30 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कृषि सचिव, कृषि निदेशक और सवाई माधोपुर कृषि उपज मंडी के सचिव से पूछा है कि किसान की मौत के बाद उसके आश्रितों को नियमानुसार मुआवजा राशि जारी क्यों नहीं की गई है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश मोहिनी देवी की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता धर्मेन्द्र शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का पति मुकेश कुमार मीणा 28 मार्च 2021 को कृषि कार्य कर रहा था. इस दौरान मशीन से गेहूं निकालते समय उसके पति के सीने में दर्द हुआ और उसकी मौत हो गई. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार की राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना के तहत कृषि कार्य करने के दौरान मौत होने पर किसान को मुआवजा राशि देने का प्रावधान है. ऐसे में याचिकाकर्ता ने इस योजना के तहत कृषि उपज मंडी, सवाई माधोपुर में आवेदन किया.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: नर्सिंगकर्मी को गलत अनुभव प्रमाण पत्र देकर नियुक्ति से वंचित क्यों किया

मंडी सचिव ने 28 अप्रैल 2022 को उसका आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कृषक की मौत प्राकृतिक रूप से हुई है. ऐसे में यह दुर्घटना सीधे तौर पर कृषि कार्य से जुड़ी न होने के कारण उसे मुआवजा नहीं दिया जा सकता. याचिका में इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए कहा गया कि कृषि विपणन निदेशालय की वर्ष 2009 की गाइड लाइन के तहत कृषि कार्य के दौरान मौत होने पर मृत किसान के आश्रित मुआवजे के हकदार हैं. याचिकाकर्ता के पति की मौत गेहूं निकालने के दौरान हुई है. यह कृषि कार्य की श्रेणी में ही आता है. इसलिए उसे नियमानुसार मुआवजा दिलाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कृषि सचिव, कृषि निदेशक और सवाई माधोपुर कृषि उपज मंडी के सचिव से पूछा है कि किसान की मौत के बाद उसके आश्रितों को नियमानुसार मुआवजा राशि जारी क्यों नहीं की गई है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश मोहिनी देवी की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता धर्मेन्द्र शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का पति मुकेश कुमार मीणा 28 मार्च 2021 को कृषि कार्य कर रहा था. इस दौरान मशीन से गेहूं निकालते समय उसके पति के सीने में दर्द हुआ और उसकी मौत हो गई. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार की राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना के तहत कृषि कार्य करने के दौरान मौत होने पर किसान को मुआवजा राशि देने का प्रावधान है. ऐसे में याचिकाकर्ता ने इस योजना के तहत कृषि उपज मंडी, सवाई माधोपुर में आवेदन किया.

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मंडी सचिव ने 28 अप्रैल 2022 को उसका आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कृषक की मौत प्राकृतिक रूप से हुई है. ऐसे में यह दुर्घटना सीधे तौर पर कृषि कार्य से जुड़ी न होने के कारण उसे मुआवजा नहीं दिया जा सकता. याचिका में इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए कहा गया कि कृषि विपणन निदेशालय की वर्ष 2009 की गाइड लाइन के तहत कृषि कार्य के दौरान मौत होने पर मृत किसान के आश्रित मुआवजे के हकदार हैं. याचिकाकर्ता के पति की मौत गेहूं निकालने के दौरान हुई है. यह कृषि कार्य की श्रेणी में ही आता है. इसलिए उसे नियमानुसार मुआवजा दिलाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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