जयपुर. प्रदेश को 2030 तक विकसित राज्य के रूप में विकसित करने के क्रम में स्वास्थ्य महकमे ने एक कदम बढ़ाया है. जिसके तहत मेडिकल सेक्टर में 2030 तक राजस्थान को कैसे नंबर वन बनाया जा सकता है, इस संबंध में आम जनता से सुझाव लिए जाएंगे. स्वास्थ्य महकमे की ओर से 25 अगस्त से 5 सितंबर तक जिला और संभाग स्तर पर डिटेल कंसल्टेशन किया जाएगा.
प्रदेश के अस्पतालों में किस तरह की सुविधाएं विकसित की जाएं, अस्पतालों में क्वालिटी ट्रीटमेंट मिल रहा है या नहीं, मेडिकल हेल्थ इंश्योरेंस के क्षेत्र में किस तरह की सुविधाएं आम जनता को मिलनी चाहिए और शहरी क्षेत्र की तरह ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और फैसिलिटी कैसे बढ़ाई जा सकती है. इस तरह की सवालों को लेकर चिकित्सा महकमा अब प्रदेश की आम जनता के बीच में जाएगा. ताकि आम जनता के सुझाव लेकर चिकित्सा क्षेत्र में राजस्थान को देश में अव्वल बनाया जा सके. इस संबंध में शनिवार को पहले मुख्य सचिव और फिर चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने विभागीय अधिकारियों के साथ मंथन किया. इस दौरान अस्पताल में सेवाओं और मेडिकल एजुकेशन को लेकर आम जनता से सुझाव आमंत्रित करने के निर्देश दिए.
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शुभ्रा सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में विकसित राजस्थान 2030 का एक दस्तावेज तैयार किया जा रहा है. एक परिकल्पना है जिसमें सभी हितधारकों को जोड़कर चर्चा करके एक विजन प्लान बनाना चाहते हैं. इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल एजुकेशन और आयुर्वेद विभाग के साथ बैठकर एक समग्र कार्य नीति बनाई है. साथ ही संभागीय जिला स्तर पर कैसे इसे आगे लेकर जाना है इस पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गई है. अब आगामी 25 अगस्त से 5 सितंबर तक संभाग स्तर और जिला स्तर पर डिटेल कंसल्टेशन करेंगे. विशेष फोकस रहेगा कि जितने भी हितधारक हैं, वो इस चर्चा से जुड़े और सकारात्मक सुझाव विभाग को दें. जिससे कि मुख्यमंत्री की विकसित राजस्थान की परिकल्पना सफल हो.
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