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Paper Leak Cases : पायलट फार्मूले पर CM ने शुरू किया काम ! अब पेपर लीक करने पर होगी उम्रकैद की सजा

पेपर लीक मामले पर प्रदेश की गहलोत सरकार दोषियों को उम्र कैद की सजा के प्रावधान का बिल लाने (Bill for Paper Leak cases) जा रही है. 14 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में यह बिल लाया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को सोशल मीडिया के जरिए ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी.

Life imprisonment in Paper Leak Cases
पेपर लीक करने पर होगी उम्रकैद की सजा
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Published : Jul 4, 2023, 3:27 PM IST

पेपर लीक करने पर होगी उम्रकैद की सजा.

जयपुर. पेपर लीक मामले पर विपक्ष और अपने ही सत्ता पक्ष के लोगों की आलोचना झेल चुकी प्रदेश की गहलोत सरकार अब पेपर लीक कानून में उम्र कैद का प्रावधान करने जा रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि पेपर लीक के खिलाफ बनाए गए कानून में अब अधिकतम सजा का प्रावधान उम्र कैद किया जाएगा, इसके लिए आगामी विधानसभा सत्र में बिल लाने का फैसला सरकार ने कर लिया है.

एंटी चीटिंग एक्ट में उम्र कैद की सजा का प्रावधान : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि RPSC, DOP, RSSB और अन्य हितधारकों के साथ चर्चा कर बेहतर प्रक्रिया तैयार करें. इसके साथ सीएम गहलोत ने कहा कि पेपर लीक के खिलाफ बनाए गए कानून में भी अधिकतम सजा का प्रावधान उम्रकैद करने के लिए आगामी विधानसभा सत्र में बिल लाने का फैसला किया है.

पढ़ें. REET Paper Leak Case : मास्टर माइंड रामकृपाल को ED ने दबोचा, कई बड़े नाम आ सकते हैं जद में

उम्रकैद बड़ा निर्णय : बता दें कि मार्च 2023 में विधानसभा में प्रदेश की गहलोत सरकार ने पेपर लीक मामलों पर लगाम लगाने के लिए एंट्री चीटिंग एक्ट लेकर आए थे. इस कानून में प्रतियोगी परीक्षाओं सहित कोई भी सार्वजनिक परीक्षा में नकल रोकने के लिए सख्त प्रावधान किए गए थे, जिसमें परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल गिरोह में शामिल लोगों को अपराध साबित होने पर 5 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. नकल कराने में शामिल लोगों पर सजा के साथ 10 लाख से 10 करोड़ तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया.

Life imprisonment in Paper Leak Cases
सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर दी जानकारी

कानून में संशोधन : इसके साथ ही बिल में गिरोह की प्रॉपर्टी को जब्त करने के प्रावधान भी किए थे, इतना ही नहीं परीक्षा में अगर कोई परीक्षार्थी नकल करता हुआ पकड़ा गया या फिर पेपर लीक गिरोह से पेपर खरीदने का दोषी साबित हो गया तो उसे 3 साल तक की सजा और 1 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान भी किया गया था. अब प्रदेश की गहलोत सरकार इस कानून में और कुछ संशोधन करने जा रही है. इनमें से नकल गिरोह में शामिल होने यह पेपर लीक का दोषी पाए जाने पर 5 से 10 साल की सजा को बढ़ाकर अधिकतम सजा उम्र कैद में बदलने जा रही है.

पढ़ें. रीट पेपर लीक में मनी लॉन्ड्रिंग : आरोपी रामकृपाल मीणा को भेजा जेल, 62 आरोपियों के खिलाफ जांच लंबित

गहलोत ने शुरू किया पायलट फार्मूले पर काम ? : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं. सीएम गहलोत के निर्देश के बाद अब सियासी गलियारों में सचिन पायलट और सीएम के बीच की सियासी दूरियों के कम होने की चर्चा जोरों पर है. क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन पायलट के फार्मूले पर काम कर रहे हैं ? पिछले दिनों पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने आरपीएससी में हो रही गड़बड़ियों और पेपर लीक के मामले को लेकर अजमेर से जयपुर तक पैदल मार्च किया था और मांग की थी कि पेपर लीक को लेकर सरकार ठोस और मजबूत कदम उठाएं.

बेरोजगारों ने किया फैसले का स्वागत : प्रदेश में पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने पर उम्र कैद की सजा के प्रावधान के फैसले के बाद अब बेरोजगार संगठनों ने भी इस फैसले का स्वागत किया. बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि बेरोजगार लगातार सरकार से यह मांग रहे थे कि पेपर लीक के नाम पर युवाओं के साथ में धोखा हो रहा है, उनके सपनों को तोड़ा जा रहा है. ऐसे में सरकार युवा बेरोजगारों के हित को लेकर ठोस कदम उठाएं और पेपर लीक में दोषी पाए जाने पर उम्र कैद की सजा का प्रावधान किया जाए. सरकार ने महासंघ की मांग को मान लिया है सरकार का फैसला स्वागत योग्य है. इसके साथ ही उपेन यादव ने केंद्र सरकार से भी मांग की है कि वो भी संसद में पेपर लीक के दोषियों को कठोर सजा दिलाने के लिए कानून लेकर आएं, ताकि पूरे देश मे पेपर माफियाओं के खात्मा किया जा सके.

पेपर लीक करने पर होगी उम्रकैद की सजा.

जयपुर. पेपर लीक मामले पर विपक्ष और अपने ही सत्ता पक्ष के लोगों की आलोचना झेल चुकी प्रदेश की गहलोत सरकार अब पेपर लीक कानून में उम्र कैद का प्रावधान करने जा रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि पेपर लीक के खिलाफ बनाए गए कानून में अब अधिकतम सजा का प्रावधान उम्र कैद किया जाएगा, इसके लिए आगामी विधानसभा सत्र में बिल लाने का फैसला सरकार ने कर लिया है.

एंटी चीटिंग एक्ट में उम्र कैद की सजा का प्रावधान : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि RPSC, DOP, RSSB और अन्य हितधारकों के साथ चर्चा कर बेहतर प्रक्रिया तैयार करें. इसके साथ सीएम गहलोत ने कहा कि पेपर लीक के खिलाफ बनाए गए कानून में भी अधिकतम सजा का प्रावधान उम्रकैद करने के लिए आगामी विधानसभा सत्र में बिल लाने का फैसला किया है.

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उम्रकैद बड़ा निर्णय : बता दें कि मार्च 2023 में विधानसभा में प्रदेश की गहलोत सरकार ने पेपर लीक मामलों पर लगाम लगाने के लिए एंट्री चीटिंग एक्ट लेकर आए थे. इस कानून में प्रतियोगी परीक्षाओं सहित कोई भी सार्वजनिक परीक्षा में नकल रोकने के लिए सख्त प्रावधान किए गए थे, जिसमें परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल गिरोह में शामिल लोगों को अपराध साबित होने पर 5 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. नकल कराने में शामिल लोगों पर सजा के साथ 10 लाख से 10 करोड़ तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया.

Life imprisonment in Paper Leak Cases
सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर दी जानकारी

कानून में संशोधन : इसके साथ ही बिल में गिरोह की प्रॉपर्टी को जब्त करने के प्रावधान भी किए थे, इतना ही नहीं परीक्षा में अगर कोई परीक्षार्थी नकल करता हुआ पकड़ा गया या फिर पेपर लीक गिरोह से पेपर खरीदने का दोषी साबित हो गया तो उसे 3 साल तक की सजा और 1 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान भी किया गया था. अब प्रदेश की गहलोत सरकार इस कानून में और कुछ संशोधन करने जा रही है. इनमें से नकल गिरोह में शामिल होने यह पेपर लीक का दोषी पाए जाने पर 5 से 10 साल की सजा को बढ़ाकर अधिकतम सजा उम्र कैद में बदलने जा रही है.

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गहलोत ने शुरू किया पायलट फार्मूले पर काम ? : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं. सीएम गहलोत के निर्देश के बाद अब सियासी गलियारों में सचिन पायलट और सीएम के बीच की सियासी दूरियों के कम होने की चर्चा जोरों पर है. क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन पायलट के फार्मूले पर काम कर रहे हैं ? पिछले दिनों पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने आरपीएससी में हो रही गड़बड़ियों और पेपर लीक के मामले को लेकर अजमेर से जयपुर तक पैदल मार्च किया था और मांग की थी कि पेपर लीक को लेकर सरकार ठोस और मजबूत कदम उठाएं.

बेरोजगारों ने किया फैसले का स्वागत : प्रदेश में पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने पर उम्र कैद की सजा के प्रावधान के फैसले के बाद अब बेरोजगार संगठनों ने भी इस फैसले का स्वागत किया. बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि बेरोजगार लगातार सरकार से यह मांग रहे थे कि पेपर लीक के नाम पर युवाओं के साथ में धोखा हो रहा है, उनके सपनों को तोड़ा जा रहा है. ऐसे में सरकार युवा बेरोजगारों के हित को लेकर ठोस कदम उठाएं और पेपर लीक में दोषी पाए जाने पर उम्र कैद की सजा का प्रावधान किया जाए. सरकार ने महासंघ की मांग को मान लिया है सरकार का फैसला स्वागत योग्य है. इसके साथ ही उपेन यादव ने केंद्र सरकार से भी मांग की है कि वो भी संसद में पेपर लीक के दोषियों को कठोर सजा दिलाने के लिए कानून लेकर आएं, ताकि पूरे देश मे पेपर माफियाओं के खात्मा किया जा सके.

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