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cyber crime in rajasthan: राजस्थान के स्कूल-कॉलेजों में बनेंगे साइबर क्लब, स्टूडेंट्स को साइबर क्राइम से बचने के सिखाएंगे गुर

बदलते तकनीक के साथ ही साइबर क्राइम का दायरा (instructions to open cyber club in schools) भी लगातार बढ़ता जा रहा है. इससे बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए अब राजस्थान के स्कूल-कॉलेजों में साइबर क्लब बनाए जाएंगे.

Rajasthan government gave instructions,  instructions to open cyber club in schools
स्कूल-कॉलेजों में बनेंगे साइबर क्लब.
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Published : Feb 8, 2023, 7:37 PM IST

जयपुर. बढ़ते साइबर क्राइम पर नकेल कसने के लिए बच्चों को स्कूल से ही तैयार किया जाएगा. राज्य सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों को साइबर क्लब तैयार करने के निर्देश दिए हैं. जिससे स्टूडेंट्स में साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूकता पैदा हो सके. स्कूल-कॉलेज में बनाए जाने वाले साइबर क्लब में बच्चों को ऑनलाइन रहने के दौरान रखी जाने वाली सावधानी के बारे में बताया जाएगा. साथ ही कंप्यूटर को ठीक से बंद करने के सम्बंध में नियमित अंतराल पर केस स्टडीज, कंप्यूटर में अपडेटेड एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल- मेंटेन करने के तरीके, अपडेटेड इंटरनेट ब्राउजर, कंप्यूटर की असामान्य गतिविधि और प्रॉब्लम के प्रति अलर्ट रहना सिखाया जाएगा.

राज्य सरकार के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इसके संबंध में निर्देश जारी किए हैं. जारी निर्देश में साइबर क्लब के संचालन के लिए सभी उच्च माध्यमिक स्तर की विद्यालयों में एक नोडल अधिकारी चिह्नित किए जाने और सभी सूचनाएं संबंधित जिला पुलिस अधीक्षक से साझा करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. क्लब के जरिए स्टूडेंट्स को बताया जाएगा कि किस तरह से पासवर्ड चेंज करना चाहिए. अगर कोई अंजान व्यक्ति ईमेल या अटैचमेंट भेजता है, तो उसे ओपन नहीं करना है.

पढ़ेंः Cyber Fraud In Alwar : पुलिस के हत्थे चढ़े शातिर, 3 साल में कर चुके हैं 11 करोड़ की ठगी

क्लब में बच्चों को इस बात को लेकर भी अलर्ट किया जाएगा कि अनजान लोगों से दोस्ती ना करें, ऑनलाइन कंटेट शेयर करते हुए सावधान रहें. साथ ही किसी भी तरह की प्रोफाइल बनाते समय सबसे स्ट्रॉन्ग प्राइवेसी सेटिंग्स को अपनाएं. क्लब में वाई-फाई को लेकर मिलने वाली जानकारी भी शामिल होगी. स्टूडेंट्स को इस बात की जानकारी दी जाएगी कि वो अनजान वाई-फाई नेटवर्क से ना जुड़ें. साइबर क्लब की गतिविधियों के तहत कार्यशाला, सेमिनार, वाद-विवाद प्रतियोगिता के साथ ही पोस्टर मेकिंग, स्लोगन लेखन और लघु कहानियों का आयोजन भी किया जा सकेगा. बता दें कि इंटरनेट जहां लोगों के लिए सहूलियत बना. वहीं इसी इंटरनेट की वजह से साइबर क्राइम और ऑनलाइन अपराध भी बढ़ा है. नेशनल साइबर क्राइम रिर्पोटिंग पोर्टल के अनुसार 50 फीसदी से ज्यादा साइबर क्राइम ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित हैं. ऐसे में प्रदेश के बच्चों को साइबर क्राइम से निपटना सिखाया जाएगा.

जयपुर. बढ़ते साइबर क्राइम पर नकेल कसने के लिए बच्चों को स्कूल से ही तैयार किया जाएगा. राज्य सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों को साइबर क्लब तैयार करने के निर्देश दिए हैं. जिससे स्टूडेंट्स में साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूकता पैदा हो सके. स्कूल-कॉलेज में बनाए जाने वाले साइबर क्लब में बच्चों को ऑनलाइन रहने के दौरान रखी जाने वाली सावधानी के बारे में बताया जाएगा. साथ ही कंप्यूटर को ठीक से बंद करने के सम्बंध में नियमित अंतराल पर केस स्टडीज, कंप्यूटर में अपडेटेड एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल- मेंटेन करने के तरीके, अपडेटेड इंटरनेट ब्राउजर, कंप्यूटर की असामान्य गतिविधि और प्रॉब्लम के प्रति अलर्ट रहना सिखाया जाएगा.

राज्य सरकार के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इसके संबंध में निर्देश जारी किए हैं. जारी निर्देश में साइबर क्लब के संचालन के लिए सभी उच्च माध्यमिक स्तर की विद्यालयों में एक नोडल अधिकारी चिह्नित किए जाने और सभी सूचनाएं संबंधित जिला पुलिस अधीक्षक से साझा करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. क्लब के जरिए स्टूडेंट्स को बताया जाएगा कि किस तरह से पासवर्ड चेंज करना चाहिए. अगर कोई अंजान व्यक्ति ईमेल या अटैचमेंट भेजता है, तो उसे ओपन नहीं करना है.

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क्लब में बच्चों को इस बात को लेकर भी अलर्ट किया जाएगा कि अनजान लोगों से दोस्ती ना करें, ऑनलाइन कंटेट शेयर करते हुए सावधान रहें. साथ ही किसी भी तरह की प्रोफाइल बनाते समय सबसे स्ट्रॉन्ग प्राइवेसी सेटिंग्स को अपनाएं. क्लब में वाई-फाई को लेकर मिलने वाली जानकारी भी शामिल होगी. स्टूडेंट्स को इस बात की जानकारी दी जाएगी कि वो अनजान वाई-फाई नेटवर्क से ना जुड़ें. साइबर क्लब की गतिविधियों के तहत कार्यशाला, सेमिनार, वाद-विवाद प्रतियोगिता के साथ ही पोस्टर मेकिंग, स्लोगन लेखन और लघु कहानियों का आयोजन भी किया जा सकेगा. बता दें कि इंटरनेट जहां लोगों के लिए सहूलियत बना. वहीं इसी इंटरनेट की वजह से साइबर क्राइम और ऑनलाइन अपराध भी बढ़ा है. नेशनल साइबर क्राइम रिर्पोटिंग पोर्टल के अनुसार 50 फीसदी से ज्यादा साइबर क्राइम ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित हैं. ऐसे में प्रदेश के बच्चों को साइबर क्राइम से निपटना सिखाया जाएगा.

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