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राजस्थान कांग्रेस आरक्षण पर मास्टर स्ट्रोक लगाने का कर रही विचार, दिनभर चला बैठकों का दौर

राजस्थान की गहलोत सरकार और कांग्रेस संगठन प्रदेश में आरक्षण को लेकर मास्टर स्ट्रोक लगाने पर गहन मंथन कर रही है.

Congress thinks over to increase caste reservatio
राजस्थान कांग्रेस आरक्षण पर मास्टर स्ट्रोक लगाने का कर रही विचार, दिनभर चला बैठकों का दौर
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Published : Jun 8, 2023, 8:02 PM IST

राजस्थान में आरक्षण बढ़ाने को लेकर क्या है कांग्रेस का प्लान, बताया रंधावा ने...

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार महंगाई राहत कैम्प के बाद अब चुनावों से पहले एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण बढ़ोतरी और जातिगत जनगणना को लेकर भी विचार कर रही है. हालांकि सरकार को भी यह पता है कि जिस तरह से बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर मामला कोर्ट में चला गया और इसमें कई कानूनी पेचीदगियां हैं. बावजूद इसके राजस्थान में वर्तमान आरक्षण की बढ़ोतरी के लिए क्या किया जा सकता है, इस पर राजस्थान कांग्रेस और गहलोत सरकार की ओर से विचार चल रहा है.

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने गुरुवार को जयपुर के खासा कोठी में मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह एक सेंसेटिव मामला है और जिस तरह से बिहार में जातिगत जनगणना की गई. उसमें दिक्कत आई. इसे भी ध्यान में रखा जा रहा है और आरक्षण की बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस विधायकों और पब्लिक से बात की जाएगी. रंधावा ने कहा कि यह संवेदनशील मामला है. इसकी सारी लीगल ओपिनियन लेने के बाद ही कांग्रेस आगे बढ़ेगी. लेकिन इसे लेकर रोडमैप तैयार किया जा रहा है.

पढ़ेंः Rajasthan: जयपुर में माली समाज ने उठाई 12% आरक्षण की मांग, बीजेपी नेताओं के संबोधन के दौरान अशोक गहलोत के लगे जयकारे

आपको बता दें कि राजस्थान में अभी ओबीसी जातियों के लिए 21 प्रतिशत, एससी के लिए 16 प्रतिशत और एसटी के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण है. लेकिन ओबीसी आरक्षण को केंद्र की तरह 21 से बढ़ाकर 27 किए जाने की मांग लगातार राजस्थान में हो रही है. यह तभी संभव है जब जातिगत जनगणना हो. वहीं अगर राज्य सरकार ओबीसी आरक्षण को 21 से बढ़ाकर 27 करती है, तो वह इसके साथ ही एससी, एसटी आरक्षण में भी क्या कोई बढ़ोतरी की गुंजाइश है? इस पर भी विचार किया जा रहा है. क्योंकि चुनाव में इन तीनों तबकों का प्रभाव सर्वाधिक होता है, ऐसे में हो सकता है कि राजस्थान की गहलोत सरकार और कांग्रेस थिंक टैंक आरक्षण में बढ़ोतरी को लेकर कोई नया निर्णय ले ले.

पढ़ेंः OBC Reservation in Rajasthan : ओबीसी आरक्षण सीमा बढ़ाने की मांग तेज, हरीश चौधरी ने आयोग को सौंपा ज्ञापन

बैक टू बैक बैठकों का दौरः रंधावा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आज 1 दिन में तीन बार बैठक हुई. वहीं तीनों सह प्रभारी अमृता धवन, वीरेंद्र सिंह राठौड़ और काजी निजामुद्दीन रंधावा के साथ मुख्यमंत्री आवास पर दो बार बैठक करने पहुंचे. सह प्रभारियों ने अपने जिलों के दौरों का फीडबैक भी प्रभारी और मुख्यमंत्री को दिया. उन्होंने बताया कि किस क्षेत्र में कांग्रेस कमजोर है और किस क्षेत्र में मजबूत. लेकिन एक के बाद एक तीन बैठकों ने यह सवाल जरूर खड़ा कर दिया कि ऐसा क्या मुद्दा है की मुख्यमंत्री आवास पर संगठन के इन नेताओं को बार-बार बैठक के लिए बुलाया गया.

राजस्थान में आरक्षण बढ़ाने को लेकर क्या है कांग्रेस का प्लान, बताया रंधावा ने...

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार महंगाई राहत कैम्प के बाद अब चुनावों से पहले एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण बढ़ोतरी और जातिगत जनगणना को लेकर भी विचार कर रही है. हालांकि सरकार को भी यह पता है कि जिस तरह से बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर मामला कोर्ट में चला गया और इसमें कई कानूनी पेचीदगियां हैं. बावजूद इसके राजस्थान में वर्तमान आरक्षण की बढ़ोतरी के लिए क्या किया जा सकता है, इस पर राजस्थान कांग्रेस और गहलोत सरकार की ओर से विचार चल रहा है.

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने गुरुवार को जयपुर के खासा कोठी में मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह एक सेंसेटिव मामला है और जिस तरह से बिहार में जातिगत जनगणना की गई. उसमें दिक्कत आई. इसे भी ध्यान में रखा जा रहा है और आरक्षण की बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस विधायकों और पब्लिक से बात की जाएगी. रंधावा ने कहा कि यह संवेदनशील मामला है. इसकी सारी लीगल ओपिनियन लेने के बाद ही कांग्रेस आगे बढ़ेगी. लेकिन इसे लेकर रोडमैप तैयार किया जा रहा है.

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आपको बता दें कि राजस्थान में अभी ओबीसी जातियों के लिए 21 प्रतिशत, एससी के लिए 16 प्रतिशत और एसटी के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण है. लेकिन ओबीसी आरक्षण को केंद्र की तरह 21 से बढ़ाकर 27 किए जाने की मांग लगातार राजस्थान में हो रही है. यह तभी संभव है जब जातिगत जनगणना हो. वहीं अगर राज्य सरकार ओबीसी आरक्षण को 21 से बढ़ाकर 27 करती है, तो वह इसके साथ ही एससी, एसटी आरक्षण में भी क्या कोई बढ़ोतरी की गुंजाइश है? इस पर भी विचार किया जा रहा है. क्योंकि चुनाव में इन तीनों तबकों का प्रभाव सर्वाधिक होता है, ऐसे में हो सकता है कि राजस्थान की गहलोत सरकार और कांग्रेस थिंक टैंक आरक्षण में बढ़ोतरी को लेकर कोई नया निर्णय ले ले.

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बैक टू बैक बैठकों का दौरः रंधावा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आज 1 दिन में तीन बार बैठक हुई. वहीं तीनों सह प्रभारी अमृता धवन, वीरेंद्र सिंह राठौड़ और काजी निजामुद्दीन रंधावा के साथ मुख्यमंत्री आवास पर दो बार बैठक करने पहुंचे. सह प्रभारियों ने अपने जिलों के दौरों का फीडबैक भी प्रभारी और मुख्यमंत्री को दिया. उन्होंने बताया कि किस क्षेत्र में कांग्रेस कमजोर है और किस क्षेत्र में मजबूत. लेकिन एक के बाद एक तीन बैठकों ने यह सवाल जरूर खड़ा कर दिया कि ऐसा क्या मुद्दा है की मुख्यमंत्री आवास पर संगठन के इन नेताओं को बार-बार बैठक के लिए बुलाया गया.

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