जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का एक सप्ताह के भीतर आज दूसरी बार पार्टी हाईकमान से मिलने दिल्ली जा रहे हैं. हालांकि आज उनकी बैठक संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल के साथ है. जिसमें वे प्रदेश कांग्रेस में खाली पड़े पदों पर नियुक्ति के संबंध में उनका अनुमोदन लेंगे. लेकिन गोविंद डोटासरा की इस यात्रा का असली मकसद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह का फॉर्मूला कैसे शांतिपूर्वक लागू कराया जाए.
राजस्थान कांग्रेस में ऐसा लगातार कहा जा रहा है कि हाईकमान ने गहलोत और पायलट दोनों नेताओं को सुलह का फॉर्मूला 29 मई को ही बता दिया गया था. लेकिन उसके 1 महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी उस फॉर्मूले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में दोनों नेताओं के बीच सुलह का फॉर्मूला किस तरह से लागू हो. इसको लेकर आज डोटासरा की दिल्ली यात्रा को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
क्या ये पहले से प्रस्तावित थी बैठक जिसमें शामिल होना था मुख्यमंत्री गहलोत को : आज 3 जुलाई है और 3 या 4 जुलाई को ही राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख नेताओं के साथ राहुल गांधी की मुलाकात होनी थी. इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दोनों पैर में चोट लग गई जिसके चलते मुख्यमंत्री गहलोत दिल्ली नहीं जा सकते हैं. ऐसे में आज ही राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा का दिल्ली जाना इस तरफ इशारा कर रहा है कि उनकी मुलाकात राहुल गांधी से भी हो सकती है. उनके साथ बैठक में कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट भी मौजूद रह सकते हैं. अब मुख्यमंत्री गहलोत और पायलट के बीच में मतभेद नहीं है. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बिना कोई फॉर्मूला तैयार नहीं हो सकता है. इसलिए कहा ये जा रहा है कि मुख्यमंत्री गहलोत इस बैठक में ऑनलाइन जुड़ सकते हैं. इसकी सच्चाई तो डोटासरा के दिल्ली से लौटने के बाद ही पता चलेगा परंतु अभी चर्चाओं का बाजार काफी गरम है.
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