जयपुर. राजस्थान में पायलट कैंप और गहलोत कैंप के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर लगातार रस्साकशी चल रही है. पायलट कैंप की ओर से राजस्थान एससी आयोग के अध्यक्ष और विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा सबसे ज्यादा सक्रिय हैं. लेकिन एआईसीसी सदस्यों की सूची से खिलाड़ी लाल बैरवा का नाम नदारद था, जबकि वे चंडीगढ़ में पीआरओ की भूमिका भी निभा चुके हैं.
बता दें, कांग्रेस में यह नियम है कि संगठन चुनाव में पीआरओ या एपीआरओ बनने वाले नेताओं को एआईसीसी का सदस्य बनाया जाए. इस नियम के बावजूद खिलाड़ी लाल बैरवा का नाम एआईसीसी की सूची से नदारद था. इसकी शिकायत खिलाड़ी लाल बैरवा ने कांग्रेस संगठन चुनाव प्राधिकरण के चेयरमैन मधुसूदन मिस्त्री से की. ऐसे में मिस्त्री ने खिलाड़ी लाल बैरवा को आश्वस्त किया कि उनका नाम एआईसीसी सदस्यों की सूची में नियमों के अनुसार शामिल हो जाएगा. इसके बाद बुधवार सुबह खिलाड़ी लाल बैरवा को कांग्रेस संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने फोन कर एआईसीसी मेंबर बनाए जाने की जानकारी दी.
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बता दें कि राजस्थान से खिलाड़ी लाल बैरवा, पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा, राज्यसभा सांसद नीरज डांगी और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी को अलग-अलग राज्यों का पीआरओ बनाया गया था. जबकि विधायक कृष्णा पूनिया एपीआरओ बनाई गई थीं. लेकिन राजस्थान के जो एआईसीसी मेंबर बनाए गए उनमें खिलाड़ी लाल बैरवा को छोड़ बाकी सभी नेताओं को एआईसीसी सदस्य बना दिया गया. ऐसे में विवाद हुआ और खिलाड़ी लाल बैरवा को एआईसीसी मेंबर बना दिया गया.
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कांग्रेस पार्टी में चुनाव करवाने अन्य राज्यों में जाने वाले पीआरओ को इलेक्टेड एआईसीसी मेंबर और एपीआरओ को कॉपटेड एआईसीसी मेंबर बनाया जाता है, लेकिन खिलाड़ी लाल बैरवा के साथ ही पूरे देश में 2-3 नेता और ऐसे थे जिन्हें पीआरओ होने के बावजूद एआईसीसी सदस्य नहीं बनाया गया था. अब खिलाड़ी लाल बैरवा की नाराजगी का फायदा उन नेताओं को भी हुआ है और खिलाड़ी लाल के साथी बाकी नेताओं को भी एआईसीसी मेंबर बनाया जा सकता है. बता दें, अभी एआईसीसी की ओर से लिखित आदेश की जगह विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा को फोन कर इसकी जानकारी दी गई है.