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राजस्थान कांग्रेस को अब प्रियंका से उम्मीद, सियासी गलियारों में चुनाव लड़ने की चर्चा तेज

राजस्थान में बीते दो लोकसभा चुनावों में अपना खाता तक नहीं खोल पाने वाली कांग्रेस को अब पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से उम्मीद जगी है. वहीं, बीते दो दिनों से प्रियंका राहुल गांधी के साथ टोंक-सवाई माधोपुर जिले में पैदलयात्रा कर रही हैं. ऐसे में अब सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा (Discussion of Contesting Elections) जोर पकड़े हुए हैं कि प्रियंका यहां से चुनावी मैदान में ताल ठोक सकती हैं...

Rajasthan Congress expects from Priyanka
Rajasthan Congress expects from Priyanka
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Published : Dec 12, 2022, 8:05 PM IST

Updated : Dec 13, 2022, 9:05 AM IST

राजस्थान कांग्रेस को अब प्रियंका से उम्मीद

जयपुर. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) अब पूर्वी राजस्थान में प्रवेश कर चुकी है. बीते दो दिनों से जिस तरह से प्रियंका गांधी अपने भाई व पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ टोंक और सवाई माधोपुर में पैदल मार्च करते नजर आई, उससे अब सियासी गलियारों में कयासों का दौर शुरू हो (Rajasthan Congress expect from priyanka) गया है. असल में बीते दो लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रदेश में खाता तक नहीं पाई है, जो पार्टी के लिए खासा चिंता का विषय है. ऐसे में अब कांग्रेस प्रियंका गांधी के सहारे सूबे में लोकसभा चुनाव जीतने की कोशिश करेगी.

साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी यह कयास लगाए जा रहे थे कि प्रियंका गांधी राजस्थान की टोंक या फिर सवाई माधोपुर सीट से चुनावी मैदान में उतर सकती हैं, लेकिन उस समय प्रियंका ने खुद को यूपी की रायबरेली और अमेठी सीट तक ही सीमित रखा था. जहां वो अपनी मां व पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए प्रचार करते दिखी थी. यही कारण था कि प्रियंका राजस्थान ही नहीं कहीं से भी चुनाव नहीं लड़ी, लेकिन अब वो पूरी तरह से पार्टी में सक्रिय हो चुकी हैं. साथ ही पार्टी की प्रमुख रणनीतिकार नेताओं में भी शामिल हैं.

इसे भी पढ़ें - पूनिया का राहुल से 8वां सवाल, पूछा- राजस्थान के उपभोक्ताओं को कब मिलेगी सस्ती बिजली ?

ऐसे में 2013 में 21 सीटों पर सिमटने वाली कांग्रेस 2014 के लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी. वहीं, 2018 में सूबे की सत्ता में आने के बाद भी 2019 के लोकसभा में पार्टी को असफलता ही हाथ लगी. खैर, अब कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व यह मान चुका है कि अब प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व को आलाकमान की सहायता की (Tonk Sawai Madhopur Seat ) सख्त जरूरत है. इधर, जैसे ही प्रियंका ने 'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल होने के लिए टोंक और सवाई माधोपुर जिले को चुना वैसे ही एक बार फिर से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. साथ ही कयास लगाए जा रहे हैं कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रियंका राजस्थान के टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट से मैदान में उतर सकती हैं.

Rajasthan Congress expects from Priyanka
भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं प्रियंका गांधी वाड्रा...

वहीं, सियासी जानकारों की मानें तो यदि प्रियंका टोंक-सवाई माधोपुर से लड़ी तो जयपुर, कोटा, करौली, भीलवाड़ा, अलवर और दौसा में भी पार्टी को इसका फायदा हो सकता है. दरअसल, प्रदेश में बीते दो लोकसभा चुनाव से कांग्रेस के हाथ खाली हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में मिली पराजय के (Priyanka active in Tonk Sawai Madhopur) बाद प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व की ओर से यह कहा गया कि मोदी लहर और राजस्थान में सरकार नहीं होने के चलते उन्हें नुकसान हुआ. लेकिन 2019 में सूबे की सत्ता में होने के बावजूद यहां कांग्रेस एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत सकी थी.

कांग्रेस आलाकमान अब यह मान चुका है कि राजस्थान का कांग्रेस नेतृत्व कमजोर है और उन्हें प्रियंका गांधी जैसी फायर ब्रांड नेता की जरूरत है. अगर प्रियंका गांधी राजस्थान के टोंक-सवाई माधोपुर सीट से अपनी चुनावी यात्रा शुरू करती है तो राजस्थान में कांग्रेस को न केवल एक सीट पर बल्कि टोंक-सवाई माधोपुर से जुड़ी जयपुर, दौसा, भीलवाड़ा, अलवर, अजमेर और करौली लोकसभा सीटों पर भी फायदा हो सकता है.

वैसे भी करौली और दौसा में लोकसभा चुनाव में हार का अंतर काफी कम था और पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस के वोट बैंक को काफी मजबूत माना जाता है. वहीं यहां प्रियंका के 'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल होना यह संकेत दे रहा है कि आने वाले दिनों में वो इस क्षेत्र में सक्रिय हो सकती हैं.

राजस्थान कांग्रेस को अब प्रियंका से उम्मीद

जयपुर. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) अब पूर्वी राजस्थान में प्रवेश कर चुकी है. बीते दो दिनों से जिस तरह से प्रियंका गांधी अपने भाई व पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ टोंक और सवाई माधोपुर में पैदल मार्च करते नजर आई, उससे अब सियासी गलियारों में कयासों का दौर शुरू हो (Rajasthan Congress expect from priyanka) गया है. असल में बीते दो लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रदेश में खाता तक नहीं पाई है, जो पार्टी के लिए खासा चिंता का विषय है. ऐसे में अब कांग्रेस प्रियंका गांधी के सहारे सूबे में लोकसभा चुनाव जीतने की कोशिश करेगी.

साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी यह कयास लगाए जा रहे थे कि प्रियंका गांधी राजस्थान की टोंक या फिर सवाई माधोपुर सीट से चुनावी मैदान में उतर सकती हैं, लेकिन उस समय प्रियंका ने खुद को यूपी की रायबरेली और अमेठी सीट तक ही सीमित रखा था. जहां वो अपनी मां व पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए प्रचार करते दिखी थी. यही कारण था कि प्रियंका राजस्थान ही नहीं कहीं से भी चुनाव नहीं लड़ी, लेकिन अब वो पूरी तरह से पार्टी में सक्रिय हो चुकी हैं. साथ ही पार्टी की प्रमुख रणनीतिकार नेताओं में भी शामिल हैं.

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ऐसे में 2013 में 21 सीटों पर सिमटने वाली कांग्रेस 2014 के लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी. वहीं, 2018 में सूबे की सत्ता में आने के बाद भी 2019 के लोकसभा में पार्टी को असफलता ही हाथ लगी. खैर, अब कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व यह मान चुका है कि अब प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व को आलाकमान की सहायता की (Tonk Sawai Madhopur Seat ) सख्त जरूरत है. इधर, जैसे ही प्रियंका ने 'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल होने के लिए टोंक और सवाई माधोपुर जिले को चुना वैसे ही एक बार फिर से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. साथ ही कयास लगाए जा रहे हैं कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रियंका राजस्थान के टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट से मैदान में उतर सकती हैं.

Rajasthan Congress expects from Priyanka
भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं प्रियंका गांधी वाड्रा...

वहीं, सियासी जानकारों की मानें तो यदि प्रियंका टोंक-सवाई माधोपुर से लड़ी तो जयपुर, कोटा, करौली, भीलवाड़ा, अलवर और दौसा में भी पार्टी को इसका फायदा हो सकता है. दरअसल, प्रदेश में बीते दो लोकसभा चुनाव से कांग्रेस के हाथ खाली हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में मिली पराजय के (Priyanka active in Tonk Sawai Madhopur) बाद प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व की ओर से यह कहा गया कि मोदी लहर और राजस्थान में सरकार नहीं होने के चलते उन्हें नुकसान हुआ. लेकिन 2019 में सूबे की सत्ता में होने के बावजूद यहां कांग्रेस एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत सकी थी.

कांग्रेस आलाकमान अब यह मान चुका है कि राजस्थान का कांग्रेस नेतृत्व कमजोर है और उन्हें प्रियंका गांधी जैसी फायर ब्रांड नेता की जरूरत है. अगर प्रियंका गांधी राजस्थान के टोंक-सवाई माधोपुर सीट से अपनी चुनावी यात्रा शुरू करती है तो राजस्थान में कांग्रेस को न केवल एक सीट पर बल्कि टोंक-सवाई माधोपुर से जुड़ी जयपुर, दौसा, भीलवाड़ा, अलवर, अजमेर और करौली लोकसभा सीटों पर भी फायदा हो सकता है.

वैसे भी करौली और दौसा में लोकसभा चुनाव में हार का अंतर काफी कम था और पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस के वोट बैंक को काफी मजबूत माना जाता है. वहीं यहां प्रियंका के 'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल होना यह संकेत दे रहा है कि आने वाले दिनों में वो इस क्षेत्र में सक्रिय हो सकती हैं.

Last Updated : Dec 13, 2022, 9:05 AM IST
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