जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने दौसा जिले में हेड कांस्टेबल से एएसआई पदोन्नति के लिए 10 जनवरी से आयोजित होने वाली परीक्षा को स्थगित कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में गत 12 दिसंबर को जारी पात्रता सूची पर भी रोक दी है. अधिकरण ने यह आदेश बच्चू सिंह की अपील पर दिए.
अपील में अधिवक्ता एमएस राघव ने अधिकरण को बताया कि दौसा जिले में हेड कांस्टेबल से एएसआई की वर्ष 2018-19 की पदोन्नति के लिए गत 6 दिसंबर को पात्र व अपात्र अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई. जिसमें अप्रार्थी रामसिंह को संबंधित वर्ग में रिक्तियां नहीं होने के कारण अपात्र माना गया. अपील में कहा गया कि डीजीपी ने गत 12 दिसंबर को फिर से पात्रता सूची जारी कर कहा कि सेवा में प्रवेश के समय की वरिष्ठता को देखते हुए यह महत्वपूर्ण नहीं है कि वह आरक्षण का लाभ लेकर चयनित हुए हैं या नहीं. वहीं इस पात्रता सूची में पूर्व में अपात्र घोषित अप्रार्थी रामसिंह को भी शामिल कर लिया गया.
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अपील में कहा गया कि जब चयनित व्यक्ति सेवा में प्रवेश के समय आरक्षण का लाभ प्राप्त कर चुका है तो वह उसी वर्ग में पदोन्नति के लिए पात्र माना जाएगा और उसे सामान्य वर्ग में नहीं रखा जा सकता. डीजीपी गलत तरीके से पूर्व में आरक्षण का लाभ लेकर सेवा में प्रवेश पाने वालों को पुन: लाभ दे रहे हैं और अपात्रों को पदोन्नति परीक्षा में शामिल किया जा रहा है. इसके साथ ही इस पात्रता सूची के आधार पर 10 और 11 जनवरी को परीक्षा आयोजित की जा रही है जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने पात्रता सूची पर रोक लगाते हुए परीक्षा स्थगित कर दी है.
चिकित्सा विभाग से जवाब तलब: राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रयोगशाला सहायक पद के लिए पात्रता रखने और साक्षात्कार के लिए चयनित होने के बाद भी अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं देने पर चिकित्सा विभाग से जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश अशोक भडाना की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता हितेश बागड़ी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता चिकित्सा विभाग में संविदा पर प्रयोगशाला सहायक के पद पर कार्यरत था. इस दौरान विभाग ने प्रयोगशाला सहायक के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे. जिसमें आवेदन करने पर याचिकाकर्ता का चयन साक्षात्कार के लिए कर लिया गया.
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वहीं बाद में दस्तावेज सत्यापन के दौरान उसका नाम चयनित अभ्यर्थियों की सूची में शामिल नहीं किया गया. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता के पूरी तरह से पात्र होने के बावजूद उसे बिना कारण बताए चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया और उसके स्थान पर किसी अन्य अभ्यर्थी को नियुक्ति दी गई है. ऐसे में उसे प्रयोगशाला सहायक के पद पर नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.