जयपुर. राजधानी जयपुर के बाल सुधार गृह से बाल अपचारियों के फरार होने के मामले में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लेते हुए इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि यह न केवल सुरक्षा में चूक, बल्कि प्रशासनिक अमले की लापरवाही है और इस पूरे मामले की जांच होगी. उन्होंने विभागीय और पुलिस अधिकारियों से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.
राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि ट्रांसपोर्ट नगर स्थित बाल सुधार गृह से 15 बच्चों का बाथरूम के रास्ते पलायन कर जाना दुर्भाग्यपूर्ण है और बाल आयोग इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है. उन्होंने कहा कि बाल सुधार गृह में 18 वर्ष से कम उम्र के विधि से संघर्षरत बच्चों को रखा जाता है. उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए काउंसलिंग की जाती है. शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण से जोड़ते हुए यह संदेश दिया जाता है कि उन्हें अपराध जगत की तरफ कदम बढ़ाने की जगह सही रास्ते पर चलना चाहिए.
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क्या कमी और क्या कारण रहे, जांच होगी : उनका मानना है कि इसके लिए वह कई दिनों से प्लानिंग कर रहे होंगे. वे बोलीं, क्या कमी ऐसी रह गई और क्या कारण रहे कि यह बच्चे पलायन कर गए. इसे लेकर हमने जांच कमेटी बनाई है. बाल अधिकारिता विभाग की कमिश्नर से भी इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है. इसके साथ ही जयपुर कलेक्टर और पुलिस के अधिकारियों से भी स्पष्टीकरण और तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. साथ ही ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति ना हो, उसके लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए. इस पर भी मंथन किया जाएगा.
सुरक्षित और अच्छे वातावरण में रहे बच्चे : उन्होंने कहा कि दो सिक्योरिटी गार्ड मौजूद होने के बाद भी 15 बच्चों का पलायन कर जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ वहां के प्रशासनिक अमले की लापरवाही भी कहीं न कहीं इसकी वजह रही है. इसे और सख्त करने की आवश्यकता है. किस तरह से बच्चे बाल सुधार गृह में सुरक्षित रहें, एक अच्छे वातावरण में रहे और पलायन जैसी घटनाएं रुके. इसके लिए बाल आयोग, बाल अधिकारिता विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों को सामूहिक प्रयास के साथ निर्णय लेना चाहिए और ठोस कदम उठाने होंगे.