जयपुर. सीएम अशोक गहलोत राजस्थान विधानसभा में राज्य का वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश कर रहे हैं. यह मौजूदा सरकार का आखिरी बजट है क्योंकि इस साल के अंत में ही राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं. सीएम गहलोत इस बार 'बचत, राहत, बढ़त' की थीम पर बजट पेश कर रहे हैं.
सीएम अशोक गहलोत पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि यह बजट युवाओं और स्टूडेंट्स को समर्पित रहेगा. ऐसे में वो एक लाख नई भर्तियां निकालने की घोषणा बजट में कर सकते हैं. इससे बेरोजगार युवाओं को बड़ी राहत मिलेगी. वहीं प्रदेश के युवाओं की सरकारी नौकरियों को लेकर कोटा फिक्स करने की मांग पर भी मुहर लग सकती है.
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देश के कई राज्यों में सरकारी नौकरी के लिए ऐसे कानून बन चुके हैं, जिसके तहत सिर्फ उस राज्य के युवाओं को ही नौकरी में वरियता दी जा रही है. सीएम गहलोत राजस्थान में भी इस तरह के प्रावधान की घोषणा कर सकते हैं. ताकि प्रदेश की 90 से 95 फीसदी भर्तियों में प्रदेश के युवाओं को नौकरियों के अवसर मिले. वहीं बजट में स्कूली शिक्षा, हायर एजुकेशन, स्पोर्ट्स और स्टेडियम स्टाफ, हॉस्टल, कॉलेज समेत युवाओं और स्टूडेंट्स से जुड़ी कई घोषणाएं बजट में हो सकती हैं.
राजे के रिकॉर्ड की बराबरी : साल 2003 में वसुंधरा राजे जब पहली बार मुख्यमंत्री बनी थी, तब उन्होंने वित्त विभाग की कमान संभाली थी. इसके बाद गहलोत ने अपने दूसरे कार्यकाल में वित्त विभाग की कमान संभाली. तब से प्रदेश में वित्त जैसा महत्वपूर्ण महकमा मुख्यमंत्री के पास ही रहता है. बतौर सीएम वसुंधरा राजे ने 10 बार बजट पेश किया और अपने तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश कर सीएम गहलोत भी इस रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है.