जयपुर. यूं तो राजस्थान ने कोरोना के खिलाफ केंद्र सरकार से भी पहले जंग छेड़ दी थी. लेकिन कुछ वजहों से यह लड़ाई अपने मुकाम पर नहीं पहुंच सकी. अब ताजा हालात ये हैं कि राजस्थान कोरोना के खिलाफ जंग में कुछ कमजोर पड़ता दिखाई दे रहा है.
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भीलवाड़ा ने साहस का परिचय देते हुए पूरे देश में उदाहरण पेश किया. लेकिन जयपुर के रामगंज इलाके से कोरोना का ऐसा बम फूटा जिसने पूरे प्रदेश को अपनी जद में ले लिया. अब ताजा स्थिति ये है कि स्थिति संभाले नहीं संभल रही है. इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत ने बात की राजस्थान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया से.
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सतीश पूनिया ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने कोरोना काल में तुष्टीकरण और वोटबैंक की राजनीति की. इसी कारण स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई. पूनिया ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि वह कोरोना संक्रमितों के सही आंकड़े छुपा रही है. कोरोना पर काबू न पाना एक बड़ी प्रशासनिक लापरवाही रही.
खुद के गृह नगर में स्थिति नहीं संभाल पाए गहलोत..
पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला बोलते हुए कहा कि सीएम के खुद के निर्वाचन क्षेत्र सरदारपुरा के तीन थानों में कर्फ्यू लगा हुआ है. जोधपुर में स्थिति खराब है और कोटा में भी हालात चिंताजनक है. रामगंज तो कोरोना का हॉट स्पॉट बना हुआ है. रामगंज से निकले व्यक्ति ने बाड़मेर में, सीकर में और अन्य जिलों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इस बीमारी को फैलाया. 33 में से 31 जिलों में संक्रमण का फैलना सरकार और जनता के लिए बड़ी चुनौती है.
सरकार को समय रहते चेताया..
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि हमारी पार्टी ने पहल करते हुए इस संकट पर सीएम से बात की. मैं और नेता प्रतिपक्ष सीएम से 27 मार्च को मिलने गए थे. इस दौरान सीएम से 21 बिंदुओं पर बातचीत हुई. सरकार ने कुछ मुद्दों पर विचार भी किया, लेकिन ज्यादातर मुद्दों को उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया. सरकार की उदासीनता और लापरवाही के चलते स्थिति ज्यादा बिगड़ी.
केंद्र और पीएम को कोसने में लगे रहते हैं सीएम- पूनिया
सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ज्यादातर समय तो सीएम को कोसने में ही निकल जाता है. गहलोत बेहतर प्रबंधन की बजाय केंद्र सरकार और मोदी जी को कोसने में लगे रहते हैं. उन्होंने काफी समय तो सियासती बयानबाजी में ही निकाल दिया. केंद्र सरकार राजस्थान की हरसंभव मदद कर रही है. पीएम मोदी अच्छे कामों के लिए सीएम की तारीफ कर चुके हैं, लेकिन सीएम गहलोत के मुंह से कभी पीएम के लिए एक शब्द तारीफ का नहीं निकलता.
सरकारी खजाने से एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ..
पूनिया ने प्रदेश सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि इस संकट के बीच भी सरकार ने प्रत्यक्ष रूप से सरकारी खजाने से एक पैसा भी खर्च नहीं किया. उन्होंने सरकार को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर सरकार ने पैसा खर्च किया है तो वो इसका हिसाब दे. प्रदेश में जितने भी सेवा कार्य हुए हैं वो भामाशाहों, एनजीओ, धार्मिक संगठनों, विधायक कोष आदि के माध्यम से ही हुए.