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Arun Chaturvedi Wish: पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने सिविल लाइन से विधानसभा चुनाव लड़ने की जतायी इच्छा, बोले पार्टी आलाकमान फैसला मंजूर

बीजेपी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने अपनी पुरानी विधानसभा सीट सिविल लाइन से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई. आज भाजपा मुख्यालय पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से किए गए आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर मीडिया से बातचीत करते हुए चतुर्वेदी ने चुनाव लड़ने अपनी मंशा जताई.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 12, 2023, 7:35 PM IST

भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने जतायी अपनी इच्छा

जयपुर. बीजेपी ने राजस्थान में अपने विधानसभा के प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी. 41 उम्मीदवारों की इस सूची में 80 फीसदी से ज्यादा प्रत्याशी बदले गए हैं. जयपुर की दो सीटों पर नाम घोषित किए गए दोनों ही सीटों पर प्रत्याशी बदले गए हैं. इसके बाद जयपुर की बाकी सीटों पर पूर्व के प्रत्याशियों की धकड़ने बढ़ हुई है कि कहीं उनका भी टिकट न कट जाए. इस बीच सिविल लाइन से पूर्व भाजपा के प्रत्याशी अरुण चतुर्वेदी ने खुलेआम अपनी पुरानी विधानसभा सीट से ही विधायक का चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. चतुर्वेदी ने कहा कि उनकी इच्छा है कि पार्टी उन्हें उनकी उसी विधानसभा सीट से विधायक का प्रत्याशी घोषित करें, जहां से वह पूर्व में चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि चतुर्वेदी ने इसके साथ यह भी कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत इच्छा है. बाकी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा और जो भी आदेश देगा वह उसका पालन करेंगे. चतुर्वेदी ने इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप भी लगाया.

सीएम गहलोत कर रहे आचार संहिता का उल्लंघन : बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर राजनीतिक लाभ के लिए आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया. चतुर्वेदी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने 9 अक्टूबर को चुनाव की तारीखों की घोषणा की. आयोग की घोषणा के साथ प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई. लेकिन प्रदेश में उसी दिन देर रात तक गहलोत सरकार ट्रांसफर-पोस्टिंग के आदेश निकालते रहे. इतना ही नहीं जब आयोग ने चुनाव घोषित कर दिया उसके बाद सीएम गहलोत तीन आरपीएससी सदस्य और पांच बोर्ड समेत कई नियुक्तियां देकर अपने चहेतों को राजनीतिक लाभ देने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत कल दिल्ली में सोनिया गांधी के घर गए, वहां वे अपने साथ अपने सचिव को लेकर गए, ये आचार संहिता का खुला उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि हम चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करेंगे.

पढ़ें भाजपा में सिर्फ कमल ही खेमा, वसुंधरा राजे हमारी दूसरे नंबर की शीर्ष नेता : नारायण लाल पंचारिया

मन की बात हुई: दो दिन पहले प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी से उनके स्वयं के निवास पर 40 मिनट से अधिक की हुई मुलाकात पर अरुण चतुर्वेदी कहा कि सीपी जोशी भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. मैं अच्छा मानता हूं कि भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष कार्यकर्ताओं के पास जाता है, मन की बातें करता है. संगठन की बात भी होती है और परिवार की बात होती है. इसी तरह से हमारी बातें हुई.

पढ़ें Congress ERCP Yatra : यात्रा की शुरुआत 16 को बारां में करेंगे खड़गे, 20 को प्रियंका गांधी की सभा के साथ होगा समापन

सिविल लाइन सीट से लड़ना चाहूंगा चुनाव : अरुण चतुर्वेदी से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने अपनी पार्टी के सामने दावेदारी रखी है. उस पर उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव 2023 लड़ने की इच्छा संगठन के सामने व्यक्त की है. पार्टी का कार्यकर्ता हूं 1989 से भाजपा का कार्यकर्ता बन कर काम किया है. उसके बाद से संगठन ने जो भी निर्देश दिया उसे आधी रात को को भी पूरा करने की कोशिश की है. चुनाव कहां से लड़वाना है इस बारे में निर्णय पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करता है. हम सभी कार्यकर्ता हैं, हमने सिर्फ अपनी इच्छा व्यक्त की है, बाकी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा और जो भी आदेश उन्हें देगा वह उसका पालन करेंगे.

भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने जतायी अपनी इच्छा

जयपुर. बीजेपी ने राजस्थान में अपने विधानसभा के प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी. 41 उम्मीदवारों की इस सूची में 80 फीसदी से ज्यादा प्रत्याशी बदले गए हैं. जयपुर की दो सीटों पर नाम घोषित किए गए दोनों ही सीटों पर प्रत्याशी बदले गए हैं. इसके बाद जयपुर की बाकी सीटों पर पूर्व के प्रत्याशियों की धकड़ने बढ़ हुई है कि कहीं उनका भी टिकट न कट जाए. इस बीच सिविल लाइन से पूर्व भाजपा के प्रत्याशी अरुण चतुर्वेदी ने खुलेआम अपनी पुरानी विधानसभा सीट से ही विधायक का चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. चतुर्वेदी ने कहा कि उनकी इच्छा है कि पार्टी उन्हें उनकी उसी विधानसभा सीट से विधायक का प्रत्याशी घोषित करें, जहां से वह पूर्व में चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि चतुर्वेदी ने इसके साथ यह भी कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत इच्छा है. बाकी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा और जो भी आदेश देगा वह उसका पालन करेंगे. चतुर्वेदी ने इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप भी लगाया.

सीएम गहलोत कर रहे आचार संहिता का उल्लंघन : बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर राजनीतिक लाभ के लिए आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया. चतुर्वेदी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने 9 अक्टूबर को चुनाव की तारीखों की घोषणा की. आयोग की घोषणा के साथ प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई. लेकिन प्रदेश में उसी दिन देर रात तक गहलोत सरकार ट्रांसफर-पोस्टिंग के आदेश निकालते रहे. इतना ही नहीं जब आयोग ने चुनाव घोषित कर दिया उसके बाद सीएम गहलोत तीन आरपीएससी सदस्य और पांच बोर्ड समेत कई नियुक्तियां देकर अपने चहेतों को राजनीतिक लाभ देने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत कल दिल्ली में सोनिया गांधी के घर गए, वहां वे अपने साथ अपने सचिव को लेकर गए, ये आचार संहिता का खुला उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि हम चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करेंगे.

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मन की बात हुई: दो दिन पहले प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी से उनके स्वयं के निवास पर 40 मिनट से अधिक की हुई मुलाकात पर अरुण चतुर्वेदी कहा कि सीपी जोशी भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. मैं अच्छा मानता हूं कि भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष कार्यकर्ताओं के पास जाता है, मन की बातें करता है. संगठन की बात भी होती है और परिवार की बात होती है. इसी तरह से हमारी बातें हुई.

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सिविल लाइन सीट से लड़ना चाहूंगा चुनाव : अरुण चतुर्वेदी से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने अपनी पार्टी के सामने दावेदारी रखी है. उस पर उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव 2023 लड़ने की इच्छा संगठन के सामने व्यक्त की है. पार्टी का कार्यकर्ता हूं 1989 से भाजपा का कार्यकर्ता बन कर काम किया है. उसके बाद से संगठन ने जो भी निर्देश दिया उसे आधी रात को को भी पूरा करने की कोशिश की है. चुनाव कहां से लड़वाना है इस बारे में निर्णय पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करता है. हम सभी कार्यकर्ता हैं, हमने सिर्फ अपनी इच्छा व्यक्त की है, बाकी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा और जो भी आदेश उन्हें देगा वह उसका पालन करेंगे.

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