जयपुर. राजस्थान विधानसभा बजट सत्र के दौरान मंगलवार को कई विभागों से जुड़े सवाल पूछे गए. जिनमें राजकीय महाविद्यालय में शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पद लंबे समय से रिक्त होने के सवाल पर स्पीकर सीपी जोशी ने मंत्री राजेंद्र यादव से कहा कि सरकार सभी राजकीय महाविद्यालयों में सर्वप्रथम प्रिंसिपल की व्यवस्था करे. उन्होंने कहा कि अगर उच्च शिक्षा विभाग में पद खाली पड़े रहेंगे तो एजुकेशन की उच्च गुणवत्ता के लिए हम क्या कर सकेंगे.
वहीं, नगर निगम कोटा में कोटा दक्षिण में बाकी बची 6 इंदिरा रसोई अब तक नहीं खोले जाने के मुद्दे पर जब विधायक कल्पना देवी ने मंत्री शांति धारीवाल से जवाब मांगा. तब स्पीकर ने अपने आसन से कहा कि इसका जवाब मैं देता हूं कि सरकार को यह पता है कि कोटा के महाराजा और महारानी दोनों वहां रहते हैं वो इसकी व्यवस्था कर सकते है. इसलिए सरकार ने यह व्यवस्था नहीं की. बता दे कि कल्पना देवी कोटा के पूर्व राजपरिवार की हैं.
जोधपुर के फिनटेक डिजिटल यूनिवर्सिटी की घोषणा विधानसभा में एक्ट लाए बिना ही किए जाने पर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सवाल उठाए. तभी स्पीकर ने कहा कि अब सूचना प्रौद्योगिकी अर्थात आईटी का जमाना है इसमें सरकार पहल कर रही है तो आपको उसकी सराहना करनी चाहिए. वहीं, रतनगढ़ विधानसभा में पेड़ पौधे लगाए जाने संबंधी सवाल में जब विधायक अभिनेश महर्षी ने कहा कि वहां कोई पेड़ लगा ही नहीं तो मंत्री ने इसकी जांच करने का आश्वासन सदन को दिया.
एक अन्य सवाल में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की ओर से जब पंजीयन कार्यालयों में अंकेक्षण के दौरान हुई तकनीकी खामियों के लिए जिम्मेदार कर्मियों पर कार्रवाई संबंधी सवाल किया, तो मंत्री ने कहा कि सरकार को इसमें दोषी कर्मचारियों की गलती की रिपोर्ट बीते अक्टूबर महीने में ही मिल गई थी. फिर राठौड़ ने कहा कि अक्टूबर महीने में ही सरकार के पास रिपोर्ट पहुंच गई थी तब ऐसे में जल्द ही उन्हें इसकी जांच पूरी कर लेनी चाहिए.
इसके जवाब में मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि सॉफ्टवेयर की वजह से कोई गलती नहीं हुई है बल्कि जिम्मेदार लोगों द्वारा जांच करने में कोताही बरतने की वजह से यह सब हुआ है. फिलहाल उनके उपर कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने भी कहा कि सुपर विजन की नेगलिजेंस सरकार ने मानी है तो इस पर कार्रवाई की कोई समय सीमा निर्धारित की जाए. जिस पर मंत्री शांति धारीवाल ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया.