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Rajasthan Assembly Election 2023 : सियासी जमीन पर 'एकला चलो रे' की परिपाटी ने थर्ड फ्रंट के सितारे को रखा गर्दिश में, वरना भाजपा-कांग्रेस के बिगड़ जाते समीकरण - Rajasthan Election News

राजस्थान के चुनावी जमीन पर भाजपा और कांग्रेस को ही जनता सत्ता सौंपती रही है. राजस्थान में मौजूद अन्य दलों की ओर से तीसरे मोर्चे की संभावनाओं पर बात तो होती है, लेकिन इस पर कभी कोई भी दल आगे नहीं बढ़ सका है. राजनीति के जानकारों की मानें तो 'एकला चलो रे' की जगह ये पार्टियां अगर एक छतरी के नीचे आ जाएं तो चौंकाने वाले परिणाम देखने को मिल सकते हैं.

Rajasthan Election 2023
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Published : Aug 3, 2023, 8:50 PM IST

थर्ड फ्रंट की पार्टियों में साथ मिलकर चुनाव लड़ने में झिझक

जयपुर. राजस्थान के सियासी मैदान में राजनीतिक दलों की ओर से बिसात बिछाई जाने लगी है. भाजपा और कांग्रेस चुनावी मैदान में जीत का परचम लहराने का दावा कर रही हैं. दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के इन दावों के बीच बसपा, आरएलपी, सीपीएम, आम आदमी पार्टी और बीटीपी जैसे दल भी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने में लगे हैं. हालांकि राजस्थान की राजनीति को लेकर यह कहा जाता है कि यहां जनता तीसरी पार्टी को पसंद नहीं करती है, लेकिन बावजूद इसके पिछले तीन चुनाव में इन पार्टियों को वोट मिले हैं.

Rajasthan Election 2023
2018 : भाजपा-कांग्रेस और थर्ड फ्रंट पार्टियों के हाल

राजस्थान में परिसीमन के बाद देखें तो 2008 से लेकर लेकर अब तक हुए 3 चुनावो में 20% से 30% वोट भाजपा और कांग्रेस के अलावा गिरा है. मतलब साफ है कि अगर भाजपा-कांग्रेस को छोड़ बाकी चुनाव लड़ने वाले दल एक छतरी के नीचे आ जाएं तो सरकार बनाने और बिगाड़ने में इनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो सकती है.

इसे भी पढ़ें - Rajasthan Election 2023 : राजस्थान में बिछी चुनावी बिसात, इस माह इन तीन जिलों में सभा कर सकते हैं पीएम, ये है भाजपा का प्लान

चुनाव में अलायंस बनाने को नहीं कोई तैयारः राजस्थान की राजनीतिक जमीन पर थर्ड फ्रंट को भले ही अब तक कोई विशेष जगह नहीं मिली हो, लेकिन अगर थर्ड फ्रंट की तमाम पार्टियां एकजुट होकर चुनाव लड़ें तो नतीजा चौंकाने वाला हो सकता है. राजस्थान में बसपा, आरएलपी, आम आदमी पार्टी अलायंस की बात तो करती है, लेकिन आगे बढ़कर अलायंस का नेतृत्व नहीं करना चाहती. बसपा और माकपा तो किसी पार्टी से प्री पोल अलायंस करना ही नहीं चाहती. वहीं हनुमान बेनीवाल हो या आम आदमी पार्टी अलायंस की बात तो करते हैं, लेकिन आगे बढ़ने को तैयार नहीं है. ऐसे में राजस्थान में कोई प्री पोल अलायंस के बिना 2023 के चुनावों में भी थर्ड फ्रंट के हाथ कुछ लगेगा यह दूर की कौड़ी दिखाई देता है.

Rajasthan Election 2023
2008 : भाजपा-कांग्रेस और थर्ड फ्रंट पार्टियों के हाल

2018 में 20 प्रतिशत वोट गया अन्य कोः 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने भले ही सरकार बनाई हो, लेकिन हकीकत यह है कि भाजपा और कांग्रेस के बीच केवल 189899 मतों का अंतर था. ये अंतर कुल वोट का केवल आधा प्रतिशत ही था. वहीं, बसपा, रालोपा, सीपीएम, बीटीपी, राष्ट्रीय लोक दल और निर्दलीयों ने मिलकर 20% से ज्यादा वोट हासिल किया था. अगर यह वोट एकजुट होता या दोनों पार्टियों में से किसी के साथ चला जाता तो सरकार किसी की भी बन सकती थी. राजस्थान की सियासी जमीन पर तीसरा मोर्चा अभी तक भले ही कोई परिवर्तन नहीं कर सका हो, लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि अगर सभी एकजुट हो जाएं तो भाजपा और कांग्रेस की राहें मुश्किल हो सकती हैं.

थर्ड फ्रंट की पार्टियों में साथ मिलकर चुनाव लड़ने में झिझक

जयपुर. राजस्थान के सियासी मैदान में राजनीतिक दलों की ओर से बिसात बिछाई जाने लगी है. भाजपा और कांग्रेस चुनावी मैदान में जीत का परचम लहराने का दावा कर रही हैं. दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के इन दावों के बीच बसपा, आरएलपी, सीपीएम, आम आदमी पार्टी और बीटीपी जैसे दल भी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने में लगे हैं. हालांकि राजस्थान की राजनीति को लेकर यह कहा जाता है कि यहां जनता तीसरी पार्टी को पसंद नहीं करती है, लेकिन बावजूद इसके पिछले तीन चुनाव में इन पार्टियों को वोट मिले हैं.

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2018 : भाजपा-कांग्रेस और थर्ड फ्रंट पार्टियों के हाल

राजस्थान में परिसीमन के बाद देखें तो 2008 से लेकर लेकर अब तक हुए 3 चुनावो में 20% से 30% वोट भाजपा और कांग्रेस के अलावा गिरा है. मतलब साफ है कि अगर भाजपा-कांग्रेस को छोड़ बाकी चुनाव लड़ने वाले दल एक छतरी के नीचे आ जाएं तो सरकार बनाने और बिगाड़ने में इनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो सकती है.

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चुनाव में अलायंस बनाने को नहीं कोई तैयारः राजस्थान की राजनीतिक जमीन पर थर्ड फ्रंट को भले ही अब तक कोई विशेष जगह नहीं मिली हो, लेकिन अगर थर्ड फ्रंट की तमाम पार्टियां एकजुट होकर चुनाव लड़ें तो नतीजा चौंकाने वाला हो सकता है. राजस्थान में बसपा, आरएलपी, आम आदमी पार्टी अलायंस की बात तो करती है, लेकिन आगे बढ़कर अलायंस का नेतृत्व नहीं करना चाहती. बसपा और माकपा तो किसी पार्टी से प्री पोल अलायंस करना ही नहीं चाहती. वहीं हनुमान बेनीवाल हो या आम आदमी पार्टी अलायंस की बात तो करते हैं, लेकिन आगे बढ़ने को तैयार नहीं है. ऐसे में राजस्थान में कोई प्री पोल अलायंस के बिना 2023 के चुनावों में भी थर्ड फ्रंट के हाथ कुछ लगेगा यह दूर की कौड़ी दिखाई देता है.

Rajasthan Election 2023
2008 : भाजपा-कांग्रेस और थर्ड फ्रंट पार्टियों के हाल

2018 में 20 प्रतिशत वोट गया अन्य कोः 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने भले ही सरकार बनाई हो, लेकिन हकीकत यह है कि भाजपा और कांग्रेस के बीच केवल 189899 मतों का अंतर था. ये अंतर कुल वोट का केवल आधा प्रतिशत ही था. वहीं, बसपा, रालोपा, सीपीएम, बीटीपी, राष्ट्रीय लोक दल और निर्दलीयों ने मिलकर 20% से ज्यादा वोट हासिल किया था. अगर यह वोट एकजुट होता या दोनों पार्टियों में से किसी के साथ चला जाता तो सरकार किसी की भी बन सकती थी. राजस्थान की सियासी जमीन पर तीसरा मोर्चा अभी तक भले ही कोई परिवर्तन नहीं कर सका हो, लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि अगर सभी एकजुट हो जाएं तो भाजपा और कांग्रेस की राहें मुश्किल हो सकती हैं.

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