जयपुर. विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. राज्य के दोनों ही प्रमुख दल कांग्रेस और बीजेपी ने प्रत्याशियों की दो सूचियां भी जारी कर दी है. विपक्ष में बैठी बीजेपी जीत को लेकर आश्वस्त है. पार्टी का दावा है कि बड़े बहुमत के साथ भाजपा सरकार बनाने जा रही है. भाजपा के इन जीत के दावों के बीच पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि जिस जीत की तरफ आज भाजपा बढ़ रही है, वो उनके अध्यक्ष रहते हुए जो काम किया उसका प्रतिफल है. दूसरी पार्टियों की तुलना में आज भाजपा ज्यादा मजबूती से खड़ी है. पूनिया ने दावा किया कि बीजेपी 150 सीटों के बहुमत के साथ जीत दर्ज करेगी.
कांग्रेस की हिस्ट्री रिपीट नहीं होगी : सतीश पूनिया ने कहा कि पार्टी की अपनी नैसर्गिक ताकत है. वो तो उसका एक निमित्त और कारक थे कि उन्होंने एक उत्प्रेरक का काम किया, लेकिन ये बात सही है कि जब विपक्ष में होते तो चुनौतियां ज्यादा होती हैं. उसमें कोविड की चुनौती और उसके बाद सदन और सदन के बाहर की चुनौती, लेकिन कार्यकर्ताओं के परिश्रम को धन्यवाद देता हूं कि जिन्होंने अध्यक्ष कालखंड में मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया. उन्होंने कहा कि हमने नीचले बूथ स्तर तक संगठन को सर्वश्रेष्ठ सर्वव्यापी बनाने का काम किया और आज उसका प्रतिफल साफ तौर पर दिखता है. इसलिए दूसरी पार्टियों के नाते देखें तो संगठन को हम कांग्रेस से बेहतर कहेंगे.
विचार के नाते बेहतरीन, लीडरशिप के नाते बेहतरीन, कार्यकर्ताओं की ताकत में हम बेहतर और इसके साथ आम जनता का बेहतरीन समर्थन हमारे पक्ष में खड़ा हुआ दिखता है. पूनिया ने कहा कि हम कांग्रेस की कमजोरी नहीं बल्कि हमारी खूबियों के आधार पर सत्ता में आएंगे. जो काम अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने किया उसका आज प्रतिफल मिलता दिखाई दे रहा है. भारतीय जनता पार्टी 150 सीटों से भी ऊपर के बहुमत के साथ सत्ता में आएगी. कांग्रेस कुछ भी दावा करें लेकिन उनकी हिस्ट्री रिपीट होने वाली नहीं है.
आमेर का विकास पहले 'दिया तले अंधेरा' : पूनिया ने अपने क्षेत्र की समस्याओं पर बात करते हुए कहा कि पहली बार जब 2013 में चुनाव लड़ने के लिए आया था तो आमेर विधानसभा से बहुत वाकिफ नहीं था और यह सोचकर आया था कि यहां काफी बहुत विकास हुआ होगा. शहर के नजदीक है, लेकिन पता लगा कि यहां तो 'दिया तले अंधेरा' है. हमने यहां 350 करोड़ की सड़कें बनाई, सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को क्रमोन्नत करवाया, जीएसएस, सीएससी और पीएचसी का निर्माण जैसे बहुत सारे काम इन पांच सालों में किया लेकिन अभी भी उन कामों को और ज्यादा मजबूती से करने की आवश्यकता है. जो इंफ्रास्ट्रक्चर का डवलपमेंट है, वह एक चुनौती है, जिसको पूरा करना है.
पूनिया ने कहा कि क्षेत्र में पेयजल एक बड़ी समस्या है. भूजल स्तर नीचे चला गया. दूसरी कोई व्यवस्था है नहीं, उस पर काफी काम करने की जरूरत है. हालांकि, कुछ क्षेत्र में बीसलपुर का पानी आता है, लेकिन अभी उसका विस्तार करना है. पूनिया ने कहा कि आमेर क्षेत्र में पर्यटन में बड़ी संभावनाएं हैं. दुनिया का हर तीसरा पर्यटक जब राजस्थान आता है तो आमेर जरूर आता है तो आईकॉनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन को डवलप करना जरूरी है. साथ ही कृषि और पशुपालन में बहुत संभावना है. भंडारण की व्यवस्था नहीं है. मार्केटिंग की व्यवस्था नहीं है. उन पर आने वाले दिनों में काम किया जायेगा.
विरोध 1952 से होता आया है : पार्टी में टिकट बंटवारे के बाद से हो रहे विरोध पर सतीश पूनिया ने कहा कि समर्थन और विरोध राजनीति का हिस्सा है. इसलिए विरोध होना कोई अपवाद नहीं है. कई जगहों पर प्रत्याशी को टिकट दिया जाता है, उसके खिलाफ रिएक्शन नहीं होता. कुछ जगह उसका रिएक्शन दिखाई देता है. इस बार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बैनर पर चुनाव लड़ने के लिए लगभग 10 हजार लोगों ने आवेदन किया था. 200 सीटें हैं, उन्हीं पर उतने ही प्रत्याशी पार्टी घोषित करेगी, बाकी जो लोग हैं उसमें कुछ निरपेक्ष होते हैं जो पार्टी के काम लग जाते हैं. कुछ लोग विरोध भी करते हैं और विरोध कोई अपवाद नहीं है. 1952 से होता आया है. पार्टी का कैरेक्टर यह है कि इस तरीके के विरोध को समय रहते ठीक कर लिया जाता है. बीजेपी में भी डैमेज कंट्रोल की टीम इसी को ठीक करने में लगी है. 95% डैमेज कंट्रोल हो चूका है, बाकि को भी सब ठीक कर लेंगे.
तीसरी सूची में भी योग्य प्रत्याशियों का होगा चयन : पार्टी की तीसरी सूची को लेकर सतीश पूनिया ने कहा कि कुछ चीजें रणनीतिक होती है, कुछ होमवर्क की होती है. कई बार इलाकों के स्थानीय समीकरणों पर काम करना होता है. एक निर्धारित नाम चल रहा होता है, बाद में पता लगता है कि सामने वाली पार्टी ने अपनी रणनीति बदली है तो उसी को ध्यान में रखा कर उम्मीदवार बदला जाता है. इन सब पर एक होमवर्क किया जाता है. उसके लिए पार्टी स्तर पर लगातार काम किया जाता रहा है और किया जा रहा है. जल्द ही अच्छे और योग्य लोगों का चयन होगा. कांग्रेस को चुनाव में मुद्दों पर घेरने की रणनीति पर पूनिया ने कहा कि पांच साल से इस कांग्रेस सरकार के खिलाफ कुछ मुद्दे तो स्थापित है. किसानों की कर्ज माफी, महिला सुरक्षा, पेपर लीक, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण जैसे अनेक मुद्दे हैं जो इस अहंकारी कांग्रेस को सत्ता से बाहर निकालने का काम करेंगे.