जयपुर. भाजपा ने भले ही रास्थान में प्रत्याशियों की दूसरी सूची में सभी को साध कर टिकट देने की कोशिश की हो, लेकिन प्रत्याशियों के विरोध ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी है. टिकट नहीं मिलने पर कार्यकर्ताओं का गुस्सा उबाल पर है. कहीं टायर जलाए जा रहे हैं तो कहीं कार्यालय में तोड़फोड़ हो रही है. कार्यकर्ताओं में असंतोष और विरोध की यह आग राजधानी जयपुर से लेकर दूर दराज के विधानसभा क्षेत्रों में भी भड़की हुई है. हालात यह है कि टिकट कटने पर गुस्से की आंच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के घर तक जा पहुंची है. ऐसे में पार्टी और सियासी हलकों में सवाल उठ रहा है कि भाजपा का डैमेज कंट्रोल सिस्टम कहां है ? क्या इस विरोध के साथ भाजपा सत्ता में आने का सपना देख रही है ?
13 दिन से असंतोष जारी : राजस्थान में सत्ता के महासंग्राम में बीजेपी कांग्रेस से आगे चल रही है. चाहे वह चुनाव अभियान शुरू करना हो या फिर टिकट वितरण, लेकिन बीजेपी आंतरिक विरोध में भी कांग्रेस से आगे है. भाजपा ने प्रत्याशियों की दो सूचियां जारी कर 124 नाम तय कर दिए हैं. पहली सूची 9 अक्टूबर को जारी हुई थी. 41 प्रत्याशियों की इस सूची में सात सांसदों को टिकट दिया था. टिकट वितरण के साथ 7 में से 6 सांसदों और कुछ जगह पर पैराशूट उम्मदिवारों को लेकर विरोध शुरू हो गया. हालात यह रहे कि करीब 13 दिन बाद भी कार्यकर्ताओं का यह असंतोष खत्म नहीं हुआ. इस बीच बीजेपी ने दो दिन पहले ही 83 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी. हालांकि, इस सूची में सबको साधने की कोशिश की गई, लेकिन इस सूची में करीब 7 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे गए, जिसके बाद पहले से ज्यादा उग्रता के साथ प्रदेश की कई विधानसभा सीटों पर विरोध का गुब्बार उठ रहा है.
अध्यक्ष के घर पथराव : दूसरी सूची में जिन 7 मौजूद विधायकों के टिकट काटे गए, उसमे चित्तौड़गढ़ से तीन बार के विधायक चंद्रभान आक्या के साथ ही सांगानेर से अशोक लाहोटी का भी नाम है. चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट कटने के साथ ही चित्तौड़गढ़ में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया. समर्थकों ने सीधे-सीधे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और स्थानीय सांसद सीपी जोशी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. आक्रोश का आलम यह रहा कि कार्यकर्ताओं ने उनके आवास पर पत्थर तक फेंके. चंद्रभान आक्या ने टिकट कटने की वजह उनसे सीपी जोशी की पुरानी अदावत के कारण खुन्नस निकालना बताना आग में घी का काम किया. इधर सांगानेर से टिकट काटे जाने पर खफा अशोक लाहोटी के समर्थक बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंच गए. आक्रोश में न केवल जमकर नारेबाजी की और टायर जलाए, बल्कि दूसरे स्थान से टिकट की मांग भी कर डाली.
यहां भी हो रहा विरोध : विरोध के स्वर राजधानी जयपुर और चित्तौड़ के अलावा प्रतापगढ़ में भी उठने लगे हैं. नाराज कार्यकर्ताओं ने प्रतापगढ़ विधानसभा में वंशवाद और 16 हजार से अधिक वोटों से हारने के वाले को टिकट देने का आरोप लगाते हुए बड़ी संख्या में सीपी जोशी और वसुंधरा राजे के खिलाफ नारेबाजी कर आक्रोश जताया. इसके अलावा उदयपुर में उप माहापौर पारस सिंघवी ने समर्थकों के साथ बैठक की. भाजपा प्रत्याशी ताराचंद जैन और असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया पर तीखे प्रहार किए. उधर झाड़ोल में भी बगावत सामने आई है. वर्तमान विधायक बाबूलाल खराड़ी को छठी बार मैदान में उतारने से कार्यकर्ता विरोध में उतर गए हैं. राजसमंद से दिप्ती माहेश्वरी को टिकट देने पर जबरदस्त विरोध सामने आया है. नाराज कार्यकर्ताओं ने जिला कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर इस्तीफे की चेतावनी दी है.
यहां हुई कार्रवाई : उधर भाजपा ने बढ़ते इस विरोध का डैमेज कंट्रोल करने के लिए सख्त एक्शन लेना भी शुरू कर दिया है. भाजपा प्रदेश अनुशासन समिति अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने राजसमंद में भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय में तोडफोड़ करने और हिंसक प्रदर्शन के लिए उकसा कर अनुशासन भंग करने के आरोप में भाजपा के सदस्य अजय प्रजापत, देवी लाल जटीया, हिम्मत कुमावत और मुकेश शर्मा को अविलंब प्रभाव से भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है. इन चारों कार्यकर्ता उक्त आरोप में जांच के दौरान भाजपा से निलंबित रहेंगे.
इनका कहना है : दूसरी ओर कार्यकर्ताओं में आक्रोश पर सीपी जोशी का कहना है कि भाजपा में एक व्यक्ति का नहीं, सामूहिक निर्णय होता है. सामूहिकता से सारे निर्णय से निकली सूची को लेकर लोगों में उत्साह है. बीजेपी के प्रति विश्वास है. सारे निर्णय पार्लियामेंटरी बोर्ड में होते हैं. कमल खिलाने के लिए सभी लोग मिल-बैठकर बात कर लेंगे. वहीं, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आक्रोश की बात को सिरे से ही नकार दिया. राठौड़ ने कहा कि कोई विराेध नहीं है. सामूहिकता के आधार पर हमने निर्णय लिया है. किसी का किसी से कोई व्यक्तिगत खुन्नस नहीं निकाली है. जो भी है वो आलाकमान का फैसला है.