जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव के समर में उतरी भाजपा ने दो सूचियां जारी करते हुए 124 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है. दोनों सूचियों में शामिल कई नामों पर जमीनी स्तर पर विरोध हो रहा है और प्रत्याशियों के नामों पर पुनर्विचार की मांग उठ रही है. इस बीच राजस्थान चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी ने साफ कर दिया है कि अब घोषित प्रत्याशियों के नामों पर कोई पुनर्विचार नहीं होगा , जिसको टिकट दे दिया है वही प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा. प्रत्याशी बदलने का कोई सवाल ही नहीं है . इसके साथ ही जोशी ने प्रदेश में कांग्रेस के नेताओं पर हो रही ईडी की कार्रवाई को सही बताते हुए कहा कि बेरोजगारों पर हुए अन्याय के खिलाफ जब न्याय मिलने का समय आ रहा है तो कांग्रेस और मुख्यमंत्री को दर्द क्यों हो रहा है?
घोषित प्रत्याशियों में बदलाव का सवाल ही नहीं : प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी ने साफ कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने एक बार जो फैसला कर लिया, उसे वापस नहीं लिया जाएगा . टिकट बदलने का सवाल ही खड़ा नहीं होता है. जोशी ने टिकट बदलाव को लेकर दबाव बना रहे नेताओं को कड़ा संदेश दिया है. इसके साथ ही जोशी ने प्रत्याशियों की तीसरी सूची को लेकर कहा कि उचित स्तरीय मंथन हो रहा है , जल्द पार्टी अपने उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी करेगी.
ED की कार्रवाई से सीएम परेशान क्यों? : इसके अलावा प्रल्हाद जोशी ने राजस्थान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के घर हुई ईडी की कार्रवाई पर कहा कि राजस्थान में 19 बार रिकॉर्ड पेपर लीक से 70 लाख से अधिक युवाओं का भविष्य खराब हुआ है. कांग्रेस के एक पूर्व राज्य मंत्री सहित आरपीएससी के सदस्य भी इस मामले में पकड़े गए हैं . ऐसे में ईडी की कार्रवाई हो रही है और कांग्रेस के नेता गलत नहीं हैं तो क्यों डर रहे हैं? . उन्होंने कहा कि राजस्थान में अगर सरकार एसीबी को कमजोर नहीं करती और भ्रष्टाचार करने वाले नेताओं को संरक्षण नहीं देती तो कार्रवाई की जरूरत ही नहीं थी . राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार में सरकारी ऑफिस में करोड़ों रुपए मिल रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
इसे भी पढ़ें - Rajasthan Election 2023 : राजधानी में फंस गया पेंच, जानिए कांग्रेस और बीजेपी के सामने की चुनौती