जयपुर. राजस्थान के चुनावी रण में धनबल, बाहुबल और नशे की सामग्री के उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए राजस्थान पुलिस ने मुस्तैदी दिखाई है. इसका नतीजा है कि अचार संहिता लागू होने के एक महीने के समय में पुलिस ने 350 करोड़ रुपए की अवैध सामग्री जब्त की है. यह आंकड़ा साल 2018 में चुनाव के समय की गई जब्ती के मुकाबले 550 फीसदी ज्यादा है. पुलिस ने जो 350 करोड़ रुपए की जब्ती की है, उसमें नकदी के अलावा सोना-चांदी, अवैध शराब और नशे की अवैध खेप भी शामिल है. इस बार चुनाव में अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए पुलिस ने खास रणनीति और एक्शन प्लान तैयार किया, जिसके आधार पर फील्ड स्टाफ से समन्वय स्थापित कर लक्ष्य निर्धारित किए जा रहे हैं. इसके साथ ही पुलिस मुख्यालय में बने स्टॉर्म क्लब वार रूम के जरिए आईजी विकास कुमार लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
जोधपुर अव्वल, बूंदी दूसरे और जयपुर तीसरे स्थान पर : आईजी विकास कुमार के अनुसार चुनाव से पहले अवैध सामग्री की जब्ती के मामले में जोधपुर प्रदेश में टॉप पर है. जोधपुर पुलिस ने आचार संहिता लागू होने के बाद अब तक 20 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध सामग्री जब्त की है. वहीं, इस मामले में बूंदी दूसरे स्थान पर है. राजधानी जयपुर अवैध सामग्री की जब्ती के लिहाज से तीसरे स्थान पर है.
ऑपरेशन जैकपॉट: चुनावी सीजन में अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए राजस्थान पुलिस ने 9 नवंबर को ऑपरेशन जैकपॉट की शुरुआत की है. इसके तहत बड़े 'मगरमच्छों' पर शिकंजा कसा जा रहा है. इसके तहत भी दो श्रेणियां बनाई गई हैं. 30 लाख रुपए से अधिक की जब्ती की कार्रवाई को 'गुड कैच' और 75 लाख रुपए से अधिक की जब्ती को 'ग्रेट कैच' कहा जा रहा है. इंटेलिजेंस के आधार पर अवैध गतिविधियों में लिप्त बड़े गिरोहों पर नकेल कसने के लिए करवाई को अंजाम दिया जा रहा है.
ऑपरेशन नकासी: प्रदेशभर की 660 नाकाबंदी चेकपोस्ट पर कड़ी मुस्तैदी दिखाई जा रही है. यह लक्ष्य रखा गया है कि कुल जब्ती में 40 फीसदी भागीदारी इन चेकपोस्ट की होनी चाहिए. शून्य कार्रवाई वाली चेकपोस्ट की संख्या कैसे कम हो इस पर भी लगातार मंथन किया जा रहा है. वरिष्ठ अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से चेकपोस्ट की जिम्मेदारी भी दी जा रही है. अवैध गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए संवेदनशीलता और आकार के आधार पर प्रदेश के जिलों को पांच श्रेणियों में बांटा गया है. इन श्रेणियों के आधार पर 20 करोड़, 15 करोड़, 13 करोड़ और 10 करोड़ की जब्ती का लक्ष्य तय किया गया है. बाकि जिलों को भी पांच करोड़ से अधिक की अवैध सामग्री की जब्ती का लक्ष्य दिया गया है.