जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस फिलहाल टिकट मंथन में जुटी हुई है. 22 अगस्त से ब्लॉक स्तर पर शुरू हुआ मंथन 27 अगस्त को प्रदेश इलेक्शन कमेटी की बैठक के बाद 28 से 31 अगस्त को स्क्रीनिंग कमेटी के मंथन और पैनल तैयार करने के साथ पूरा हो जाएगा. ऐसे में अगस्त के अंतिम सप्ताह में पार्टी टिकटों के मंथन पर जुटी रहेगी. देखने में ऐसा लग रहा हो कि कांग्रेस में इस बार टिकट देने की प्रक्रिया पूरी तरह से राजस्थान में ही केंद्रित हो गई है, लेकिन हकीकत यह है कि प्रदेश के साथ ही दिल्ली में भी राजस्थान विधानसभा चुनाव के टिकट को लेकर समानांतर मंथन और काम चल रहा है.
चाहे प्रभारी हों, सह प्रभारी हों या फिर ऑब्जर्वर और स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य, सभी दिल्ली में बैठकर भी राजस्थान के चुनाव पर मंथन कर रहे हैं. यहां तक कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के अचानक हुए दिल्ली दौरे को भले ही कांग्रेस के नए मुख्यालय के शिलान्यास के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात के साथ जोड़ा जा रहा हो, लेकिन हकीकत यह है कि डोटासरा को टिकट को लेकर पार्टी लाइन के बारे में अवगत करवाने के लिए ही बुलवाया गया था. आने वाले समय में एआईसीसी के डायरेक्शन के अनुसार ही टिकटों का वितरण किया जाएगा.
डोटासरा को अचानक बुलाया गया दिल्ली: वैसे तो यह कहा जा रहा है कि गोविंद डोटासरा 25 अगस्त को दिल्ली में मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस के जयपुर में बनने वाले नए ऑफिस का शिलान्यास का न्योता देने गए थे. लेकिन हकीकत यह है कि गोविंद डोटासरा को दिल्ली 15 जीआरजी में एक सीक्रेट बैठक में गए थे, जिसमें स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन गौरव गोगोई, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और तीनों सह प्रभारी भी मौजूद रहे.
कहा जा रहा है कि गोविंद डोटासरा को कांग्रेस आलकमान की ओर से कोई सीक्रेट मैसेज भी दिया गया है. डोटासरा की दिल्ली यात्रा को लेकर बात इसलिए भी चल रही है क्योंकि जिन सदस्यों से मुलाकात करने डोटासरा अचानक दिल्ली पहुंचे थे, दो दिन बाद उन सभी नेताओं को जयपुर आना था. तो ऐसे में क्या चर्चा थी जो दिल्ली में ही की जा सकती थी. इससे पहले 24 अगस्त को प्रभारी रंधावा और तीनों सह प्रभारीयों ने भी दिल्ली में बैठक की.