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Rajasthan Assembly Election 2023 : हनुमान बेनीवाल पर ज्योति मिर्धा का तीखा हमला, कहा- RLP कोई दल नहीं गिरोह है - Rajasthan assembly Election

आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल पर हाल ही में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुई पूर्व सांसद व नागौर विधानसभा सीट से भाजपा की प्रत्याशी ज्योति मिर्धा ने तीखा हमला बोला. ज्योति मिर्धा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि आरएलपी कोई दल नहीं, बल्कि एक गिरोह है. अब उनके साथ जुड़े हुए लोग भी उनसे अलग हो रहे हैं.

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हनुमान बेनीवाल पर ज्योति मिर्धा का तीखा हमला
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 23, 2023, 9:46 PM IST

हनुमान बेनीवाल पर ज्योति मिर्धा का तीखा हमला

जयपुर. विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाली पूर्व सांसद व नागौर से भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा ने सोमवार को आरएलपी से जुड़े करीब आधा दर्जन नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाई. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और कहा कि आरएलपी कोई दल नहीं है, बल्कि एक गिरोह है और अब उस गिरोह के काम को उनकी पार्टी में काम करने वाले नेता समझने लगे हैं. यही वजह है कि अब वो पार्टी छोड़कर भाजपा के साथ जुड़ रहे हैं. मिर्धा ने कहा कि आने वाले दिनों में और भी कई बड़े चेहरे आरएलपी से बीजेपी में शामिल होते दिखाई देंगे.

2023 में भाजपा की सरकार : ज्योति मिर्धा ने कहा कि पार्टी ने विधानसभा चुनाव का टिकट देकर एक बड़ी जिम्मेदार दी है. उन्होंने अब तक विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था, पार्टी ने मौका दिया है तो वो पूरी शिद्दत के साथ पूरा करेंगीं. मिर्धा ने कहा कि जब भाजपा में शामिल हुई, तब उनकी कोई शर्त नहीं थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें एक जिम्मेदारी दी है. मौका दिया है तो उन्हें लगता है कि इस जिम्मेदारी को गंभीरता के साथ निभाना पड़ेगा और वे उस चुनौती के लिए भी तैयार हैं. उन्होंने कहा कि नागौर और प्रदेश में पार्टी के पक्ष में बहुत अच्छा रुझान है. अगले दो दिनों में बड़ी मीटिंग करनी है और उसके साथ ही चुनावी मैदान में उतरना है. माहौल बीजेपी के पक्ष में है. फतेह हमारी निश्चित होगी. 2023 में बड़े बहुमत के साथ बीजेपी की सरकार बनेगी.

RLP दल नहीं गिरोह है : ज्योति मिर्धा ने कहा कि नागौर की बात करें तो वहां पर सो कॉल्ड थर्ड फ्रंट है, जो अपने आप को राजनीतिक दल के तोर पर दर्शाता है, लेकिन उनका काम स्वच्छ राजनीति करने का नहीं है. वे सिर्फ सौदेबाजी ज्यादा किया करते हैं. वह कोई दल नहीं है, वह एक गिरोह है और वो उसी रूप में काम कर रहा है. जनता के मुद्दे उनकी समस्याओं से उनको कोई मतलब नहीं है. जिस तरह से उन्होंने नागौर में राजनीति बिगाड़ी है, उसको ठीक करना है, क्योंकि नागौर की राजनीति के लिए कहा जाता है कि नागौर से जो आवाज निकलती है वह पूरे राजस्थान में उठकर जाती है. उन्होंने कहा कि आज बीजेपी की चर्चाएं गांव ढाणी तक हो रही है और रुझान पब्लिक का बीजेपी की तरफ है.

पढ़ें : Rajasthan assembly Election 2023 : रामलाल जाट बोले- मैं ही नहीं, 200 विधायक चाहते हैं मुख्यमंत्री का पद, लेकिन आलाकमान का फैसला अंतिम

पार्टी आदेश सिर माथे : हनुमान बेनीवाल के सामने चुनाव लड़ने को लेकर मिर्धा ने कहा कि यह कोई पहलवानी का कंपटीशन नहीं था. राजनीति अपने आप में एक स्ट्रेटजी होती है, पार्टी ने उन्हें मौका खींवसर से नहीं बल्कि नागौर से दिया है तो पार्टी ने कुछ ना कुछ सोचकर ही डिसीजन लिया होगा. हमारे लिए ये महत्वपूर्ण है कि किस तरह से आरएलपी को और कमजोर किया जाए और लोगों को बताया जा सके किस तरह से ये लोग सौदेबाजी का काम कर रहे हैं. लोगों को गुमराह किया जा रहा है. साफ-सुथरी राजनीति होनी चाहिए. मुद्दों की लड़ाई होनी चाहिए, लेकिन लोग मुद्दों की जगह भाषाओं का गलत इस्तेमाल करते हैं. मिर्धा ने कहा कि पार्लियामेंट्री भाषा का उपयोग न करके समाज के बड़े बुजुर्ग व महिलाओं के लिए ओछी भाषा का प्रयोग किया जाता है, वो शोभा नहीं देता. नागौर में इसी राजनीति को खत्म करके स्वच्छ राजनीती को खड़ा करना है.

पढ़ें : Rajasthan : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा बयान, कहा- पीएम मोदी कर रहे हमारी नकल, गजेंद्र सिंह शेखावत को बताया डरपोक

अभी और बड़े चेहरें आएंगे : ज्योति मिर्धा ने कहा कि जो आज बीजेपी में शामिल हुए हैं, वे मुद्दों के साथ बीजेपी से जुड़ें हैं. आरएलपी से मूंडवा के प्रधान और आरएलपी से सरपंच संघ के अध्यक्ष की पत्नी सभी ने भाजपा का दामन थामा है. पार्टी की रीति और नीति से प्रभावित हुए हैं. बिना किसी शर्त के पार्टी की सदस्यता ली है. मिर्धा ने कहा कि हनुमान बेनीवाल ने पिछले कुछ समय से कांग्रेस के साथ में सेटिंग कर ली थी. सचिन पायलट के साथ उन्होंने अपना गठबंधन कर लिया था और अपने कई प्रोजेक्ट पास करवाए हैं. सरकार के साथ अंदरखाने जो खिचड़ी पक रही थी, अब वो सबके सामने आ गई है. मिर्धा ने कहा कि जब हनुमान बेनीवाल की कांग्रेस सरकार के साथ सांठगांठ थी तो नागौर के सरपंच का पेमेंट क्यों नहीं दिलाते. मिर्धा ने सभी सरपंचों से सवाल भी किया है कि वे सभी हनुमान बेनीवाल से पूछे कि सरपंचों का पेमेंट क्यों नहीं करवाया ? ये सब दर्शाता है कि कहीं ना कहीं बेनीवाल अलग तरह की राजनीति करते हैं. मिर्धा ने कहा कि RLP का चेहरा सबके सामने आने लगा है. आने वाले दिनों में और कई बड़े चेहरे आरएलपी को छोड़ भाजपा का दामन थामेंगे.

हनुमान बेनीवाल पर ज्योति मिर्धा का तीखा हमला

जयपुर. विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाली पूर्व सांसद व नागौर से भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा ने सोमवार को आरएलपी से जुड़े करीब आधा दर्जन नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाई. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और कहा कि आरएलपी कोई दल नहीं है, बल्कि एक गिरोह है और अब उस गिरोह के काम को उनकी पार्टी में काम करने वाले नेता समझने लगे हैं. यही वजह है कि अब वो पार्टी छोड़कर भाजपा के साथ जुड़ रहे हैं. मिर्धा ने कहा कि आने वाले दिनों में और भी कई बड़े चेहरे आरएलपी से बीजेपी में शामिल होते दिखाई देंगे.

2023 में भाजपा की सरकार : ज्योति मिर्धा ने कहा कि पार्टी ने विधानसभा चुनाव का टिकट देकर एक बड़ी जिम्मेदार दी है. उन्होंने अब तक विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था, पार्टी ने मौका दिया है तो वो पूरी शिद्दत के साथ पूरा करेंगीं. मिर्धा ने कहा कि जब भाजपा में शामिल हुई, तब उनकी कोई शर्त नहीं थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें एक जिम्मेदारी दी है. मौका दिया है तो उन्हें लगता है कि इस जिम्मेदारी को गंभीरता के साथ निभाना पड़ेगा और वे उस चुनौती के लिए भी तैयार हैं. उन्होंने कहा कि नागौर और प्रदेश में पार्टी के पक्ष में बहुत अच्छा रुझान है. अगले दो दिनों में बड़ी मीटिंग करनी है और उसके साथ ही चुनावी मैदान में उतरना है. माहौल बीजेपी के पक्ष में है. फतेह हमारी निश्चित होगी. 2023 में बड़े बहुमत के साथ बीजेपी की सरकार बनेगी.

RLP दल नहीं गिरोह है : ज्योति मिर्धा ने कहा कि नागौर की बात करें तो वहां पर सो कॉल्ड थर्ड फ्रंट है, जो अपने आप को राजनीतिक दल के तोर पर दर्शाता है, लेकिन उनका काम स्वच्छ राजनीति करने का नहीं है. वे सिर्फ सौदेबाजी ज्यादा किया करते हैं. वह कोई दल नहीं है, वह एक गिरोह है और वो उसी रूप में काम कर रहा है. जनता के मुद्दे उनकी समस्याओं से उनको कोई मतलब नहीं है. जिस तरह से उन्होंने नागौर में राजनीति बिगाड़ी है, उसको ठीक करना है, क्योंकि नागौर की राजनीति के लिए कहा जाता है कि नागौर से जो आवाज निकलती है वह पूरे राजस्थान में उठकर जाती है. उन्होंने कहा कि आज बीजेपी की चर्चाएं गांव ढाणी तक हो रही है और रुझान पब्लिक का बीजेपी की तरफ है.

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पार्टी आदेश सिर माथे : हनुमान बेनीवाल के सामने चुनाव लड़ने को लेकर मिर्धा ने कहा कि यह कोई पहलवानी का कंपटीशन नहीं था. राजनीति अपने आप में एक स्ट्रेटजी होती है, पार्टी ने उन्हें मौका खींवसर से नहीं बल्कि नागौर से दिया है तो पार्टी ने कुछ ना कुछ सोचकर ही डिसीजन लिया होगा. हमारे लिए ये महत्वपूर्ण है कि किस तरह से आरएलपी को और कमजोर किया जाए और लोगों को बताया जा सके किस तरह से ये लोग सौदेबाजी का काम कर रहे हैं. लोगों को गुमराह किया जा रहा है. साफ-सुथरी राजनीति होनी चाहिए. मुद्दों की लड़ाई होनी चाहिए, लेकिन लोग मुद्दों की जगह भाषाओं का गलत इस्तेमाल करते हैं. मिर्धा ने कहा कि पार्लियामेंट्री भाषा का उपयोग न करके समाज के बड़े बुजुर्ग व महिलाओं के लिए ओछी भाषा का प्रयोग किया जाता है, वो शोभा नहीं देता. नागौर में इसी राजनीति को खत्म करके स्वच्छ राजनीती को खड़ा करना है.

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अभी और बड़े चेहरें आएंगे : ज्योति मिर्धा ने कहा कि जो आज बीजेपी में शामिल हुए हैं, वे मुद्दों के साथ बीजेपी से जुड़ें हैं. आरएलपी से मूंडवा के प्रधान और आरएलपी से सरपंच संघ के अध्यक्ष की पत्नी सभी ने भाजपा का दामन थामा है. पार्टी की रीति और नीति से प्रभावित हुए हैं. बिना किसी शर्त के पार्टी की सदस्यता ली है. मिर्धा ने कहा कि हनुमान बेनीवाल ने पिछले कुछ समय से कांग्रेस के साथ में सेटिंग कर ली थी. सचिन पायलट के साथ उन्होंने अपना गठबंधन कर लिया था और अपने कई प्रोजेक्ट पास करवाए हैं. सरकार के साथ अंदरखाने जो खिचड़ी पक रही थी, अब वो सबके सामने आ गई है. मिर्धा ने कहा कि जब हनुमान बेनीवाल की कांग्रेस सरकार के साथ सांठगांठ थी तो नागौर के सरपंच का पेमेंट क्यों नहीं दिलाते. मिर्धा ने सभी सरपंचों से सवाल भी किया है कि वे सभी हनुमान बेनीवाल से पूछे कि सरपंचों का पेमेंट क्यों नहीं करवाया ? ये सब दर्शाता है कि कहीं ना कहीं बेनीवाल अलग तरह की राजनीति करते हैं. मिर्धा ने कहा कि RLP का चेहरा सबके सामने आने लगा है. आने वाले दिनों में और कई बड़े चेहरे आरएलपी को छोड़ भाजपा का दामन थामेंगे.

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