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Rajasthan Assembly Election 2023 : टिकट मिलने के बाद उठ रहे विरोध के सुर पर बोले विजय बैंसला- यह फैमिली इश्यू है, सुलझा लेंगे

बीजेपी ने देवली उनियारा विधानसभा सीट से कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला को प्रत्याशी बनाया है. बैंसला का नाम सामने आने के साथ ही स्थानीय स्तर पर विरोध शुरू हो गया. इस बीच ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए विजय बैंसला ने कहा कि यह फैमली इश्यू है, कोई बड़ी बात नहीं है, इसे सुलझा लिया जाएगा.

BJP Candidate Vijay Bainsla
BJP Candidate Vijay Bainsla
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 10, 2023, 11:44 PM IST

देवली उनियारा सीट से प्रत्याशी विजय बैंसला

जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के रण में उतर चुकी भाजपा की ओर से उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के साथ ही शुरू हुआ विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. देवली उनियारा सीट से प्रत्याशी विजय बैंसला का विरोध पार्टी मुख्यालय तक पहुंचा. अपने ही लोगों से मिल रही इस चुनौती पर जब ईटीवी भारत ने विजय बैंसला से खास बातचीत की तो उन्होंने कहा कि यह परिवार का मामला है, कोई ज्यादा बड़ी बात नहीं है. इन सबको सुलझा लिया जाएगा.

विरोध कोई बड़ी बात नहीं : बाहरी व्यक्ति को टिकट मिलने की बात कहते हुए विजय बैंसला का स्थानीय स्तर पर विरोध हो रहा है. इसके साथ ही बीजेपी से टिकट लेने पर गुर्जर समाज की और से सोशल मीडिया पर उठ रहे सवालों पर बैंसला ने कहा कि क्या वो अकेले ही चुनाव लड़ रहे हैं और कोई समाज का नहीं है? बैंसला ने कहा कि अगर आप को कुछ पाना है तो कुछ खोना पड़ता है. हमने कुछ किया तो हादसे भी हुए हैं, लेकिन हमने पाया भी है. समाज अब आगे बढ़ रहा है, तरक्की कर रहा है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि समाज की बात तो आज भी करते हैं, लेकिन समाज के साथ अन्य समाज भी हैं, जिनकी बात भी करनी है.

पढे़ं. Rajasthan Assembly Election 2023 : भाजपा की पहली सूची के बाद पार्टी में उबल रहा असंतोष, डैमेज कंट्रोल के लिए बनाई कमेटी

मूलभूत आवश्यकता पहुंचाना प्राथमिकता : बैंसला ने कहा कि पहले भी वो गुर्जर समाज के साथ अन्य समाज की बात करते थे, लेकिन उस वक्त पटरी, आरक्षण, 5% बैकलॉग की आवाज ज्यादा सुनाई देती थी. वो उस समय की बड़ी चीज होती थी, लेकिन उस वक्त भी सर्व समाज के उत्थान की बात होती थी. अब यह सब इसलिए सुनाई दे रहा है, क्योंकि वह बातें और मांगे पूरी हो गई हैं. अब सबको लग रहा है कि विजय बैंसला गुर्जरों की बात छोड़ सर्व समाज की बात करने लगे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात है इस क्षेत्र की मूलभूत आवश्यकता, जो कि पिछले सालों में पूरी नहीं हुई है. क्षेत्र के लोग आज भी पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से दूर हैं. पार्टी ने उन्हें मौका दिया है. अब जनता भी अगर मौका देगी तो वह उन समस्याओं का निराकरण करेंगे.

पढ़ें. Rajasthan Assembly Election 2023: भाजपा डरी हुई है, इसीलिए सांसदों को मैदान में उतरना पड़ा: रंजीत रंजन

दिया तले अंधेरा : विजय बैंसला ने चुनावी मुद्दे को लेकर कहा कि प्रदेश और स्थानीय दो तरह के मुद्दे हैं. प्रदेश में कानून व्यवस्था , महिला सुरक्षा , बेरोजारी बड़े मुद्दे हैं. स्थानीय देवली उनियारा के मुद्दे की बात करें तो यहां की जनता को पीने का पानी , स्वास्थ्य, अच्छी शिक्षा नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र का सबसे बड़ा मुद्दा पीने का पानी का है. बीसलपुर बांध से पूरे जयपुर और आधे राजस्थान को पीने का पानी मिलता है, लेकिन देवली उनियारा को नहीं मिलता. " दिया तले अंधेरा " की स्थिति है. हालात यह है कि जहां पानी के स्त्रोत हैं, उससे 400 मीटर दूर पानी नहीं है, खेती के लिए भी पानी नहीं है , पीने के लिए पानी नहीं है. यह बड़ा मुद्दा है. हम लगातार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं. बदलाव करने का समय आ गया है , हम तो अच्छी शिक्षा , अच्छी स्वास्थ्य की बात करते हैं , कर्ज मुक्त समाज की बात करते हैं.

पढ़ें. Rajasthan Assembly Election 2023 : हाड़ौती में 23 साल से भाजपा ही रही है सिरमौर, क्या कांग्रेस तोड़ पाएगी तिलिस्म, यहां समझिए साल 2000 के बाद का सियासी गणित

3 महीने में पूरी दुनिया लपेटने की कोशिश : विजय बैंसला अपनी सीट को लेकर कितना सुरक्षित महसूस करते हैं इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव विचारधाराओं का होता है. एक कर्मठ व्यक्ति का चुनाव होता है और एक चॉइस होती है लोगों के सामने. जिसने अच्छा काम किया या जिसमें उन्हें संभावना दिखती है, उसे समर्थन देते हैं. वहीं, इंडिविजुअल की बात करें तो जो अपनी गाड़ियों से नहीं उतरे, जिन्होंने जूते खराब नहीं किए, किसी की समस्याओं को नहीं सुना, जनता ने ऐसे लोगों को भी देखा है. अब वक्त बदलाव का है. रही बात प्रदेश में कांग्रेस सरकार की तो ये लोग आखिरी के तीन महीनों में पूरी दुनिया समेटना चाहते हैं, लेकिन प्रदेश की जनता अब बहकावे में नहीं आएगी. उन्होंने दावा किया कि 2023 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है.

देवली उनियारा सीट से प्रत्याशी विजय बैंसला

जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के रण में उतर चुकी भाजपा की ओर से उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के साथ ही शुरू हुआ विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. देवली उनियारा सीट से प्रत्याशी विजय बैंसला का विरोध पार्टी मुख्यालय तक पहुंचा. अपने ही लोगों से मिल रही इस चुनौती पर जब ईटीवी भारत ने विजय बैंसला से खास बातचीत की तो उन्होंने कहा कि यह परिवार का मामला है, कोई ज्यादा बड़ी बात नहीं है. इन सबको सुलझा लिया जाएगा.

विरोध कोई बड़ी बात नहीं : बाहरी व्यक्ति को टिकट मिलने की बात कहते हुए विजय बैंसला का स्थानीय स्तर पर विरोध हो रहा है. इसके साथ ही बीजेपी से टिकट लेने पर गुर्जर समाज की और से सोशल मीडिया पर उठ रहे सवालों पर बैंसला ने कहा कि क्या वो अकेले ही चुनाव लड़ रहे हैं और कोई समाज का नहीं है? बैंसला ने कहा कि अगर आप को कुछ पाना है तो कुछ खोना पड़ता है. हमने कुछ किया तो हादसे भी हुए हैं, लेकिन हमने पाया भी है. समाज अब आगे बढ़ रहा है, तरक्की कर रहा है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि समाज की बात तो आज भी करते हैं, लेकिन समाज के साथ अन्य समाज भी हैं, जिनकी बात भी करनी है.

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मूलभूत आवश्यकता पहुंचाना प्राथमिकता : बैंसला ने कहा कि पहले भी वो गुर्जर समाज के साथ अन्य समाज की बात करते थे, लेकिन उस वक्त पटरी, आरक्षण, 5% बैकलॉग की आवाज ज्यादा सुनाई देती थी. वो उस समय की बड़ी चीज होती थी, लेकिन उस वक्त भी सर्व समाज के उत्थान की बात होती थी. अब यह सब इसलिए सुनाई दे रहा है, क्योंकि वह बातें और मांगे पूरी हो गई हैं. अब सबको लग रहा है कि विजय बैंसला गुर्जरों की बात छोड़ सर्व समाज की बात करने लगे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात है इस क्षेत्र की मूलभूत आवश्यकता, जो कि पिछले सालों में पूरी नहीं हुई है. क्षेत्र के लोग आज भी पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से दूर हैं. पार्टी ने उन्हें मौका दिया है. अब जनता भी अगर मौका देगी तो वह उन समस्याओं का निराकरण करेंगे.

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3 महीने में पूरी दुनिया लपेटने की कोशिश : विजय बैंसला अपनी सीट को लेकर कितना सुरक्षित महसूस करते हैं इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव विचारधाराओं का होता है. एक कर्मठ व्यक्ति का चुनाव होता है और एक चॉइस होती है लोगों के सामने. जिसने अच्छा काम किया या जिसमें उन्हें संभावना दिखती है, उसे समर्थन देते हैं. वहीं, इंडिविजुअल की बात करें तो जो अपनी गाड़ियों से नहीं उतरे, जिन्होंने जूते खराब नहीं किए, किसी की समस्याओं को नहीं सुना, जनता ने ऐसे लोगों को भी देखा है. अब वक्त बदलाव का है. रही बात प्रदेश में कांग्रेस सरकार की तो ये लोग आखिरी के तीन महीनों में पूरी दुनिया समेटना चाहते हैं, लेकिन प्रदेश की जनता अब बहकावे में नहीं आएगी. उन्होंने दावा किया कि 2023 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है.

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