जयपुर. राज्य घुमंतू बोर्ड के पूर्व चेयरमैन गोपाल केसावत समेत चारों आरोपियों को एसीबी ने सोमवार को 3 दिन के रिमांड पर लिया है. इससे पूर्व कोर्ट ने सभी आरोपियों को 15 दिन के लिए न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था. जिसके बाद एसीबी ने पूछताछ के लिए फिर से आरोपियों को रिमांड पर लिया है. हालांकि एसीबी एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने रविवार को कहा था कि आरपीएससी के साथ कनेक्शन के कोई सबूत नहीं मिले हैं. इसके साथ ही आरपीएससी को भी क्लीन चिट दे दी थी. अब एसीबी अधिकारियों का कहना है कि कुछ सबूत मिले हैं, जिसके संबंध में पूछताछ के लिए चारों आरोपियों को 3 दिन के रिमांड पर लिया गया है. राजस्थान एसीबी ने शनिवार को घुमंतु बोर्ड के पूर्व चेयरमैन गोपाल केसावत समेत चार आरोपियों को 18.5 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था.
एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने रविवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा था कि इस पूरे मामले में आरपीएससी सदस्य के साथ कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है. न ही कोई भर्ती प्रक्रिया और न ही किसी मेंबर के साथ कोई कनेक्शन सामने आया है. मोबाइल रिकॉर्ड की जांच की जा रही है. एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी का कहना है कि कुछ टेक्निकल एविडेंस के आधार पर आरोपियों से पूछताछ की जाएगी. आरोपियों के मोबाइल की जांच भी की जाएगी. आरोपियों की चैटिंग और अन्य सबूतों के आधार पर एक दूसरे से कनेक्शन के बारे में भी पूछताछ की जाएगी. हालांकि आरोपियों ने गिरफ्तार होने के बाद एक दूसरे को पहचानने से भी इंकार कर दिया था. लेकिन अब एसीबी के हाथ कुछ टेक्निकल एविडेंस (तकनीकी साक्ष्य) हाथ लगे हैं. एसीबी को मिले सबूतों से पता चलता है कि आरोपी एक दूसरे को पहले से जानते थे. जिनके आधार पर आगे की पूछताछ की जाएगी. आरोपियों के बैंक अकाउंट और लॉकरों की भी जांच की जाएगी.
जानकारी के मुताबिक एसीबी ने आरोपियों के मोबाइल फोन की जांच की तो पता चला कि आपस में एक दूसरे से चैटिंग हुई थी. चैटिंग से साबित होता है कि काफी समय से वे लोग एक दूसरे के संपर्क में थे. रविवार को एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने मीडिया से कहा था कि आरोपियों के खिलाफ अभी कोई सबूत नहीं है, जिसके आधार पर इनको रिमांड पर लिया जाए. आरोपियों को न्यायालय में पेश करके जेल भेज दिया गया था. एसीबी ने आरपीएससी को भी क्लीन चिट दे दी थी. एसीबी के एडीजी ने कहा था कि चारों आरोपियों का आरपीएससी के किसी भी अधिकारी, कर्मचारी और सदस्य के साथ कोई कनेक्शन नहीं मिला है. लेकिन सोमवार को एसीबी ने न्यायालय में पहुंचकर पूछताछ के लिए आरोपियों को 3 दिन के रिमांड पर लिया है. फिलहाल एसीबी आरोपी से पूछताछ करके आगे की जांच करेगी.
क्या कहा था एडीजी ने : एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने रविवार को बताया था कि गोपाल केसावत समेत चार आरोपियों के ट्रैप मामले में आरपीएससी के किसी भी कर्मचारी, अधिकारी और सदस्य के साथ संपर्क के कोई सबूत नहीं मिले हैं. चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से न्यायालय ने आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया. आरोपियों के मोबाइल डाटा और सीडीआर का विश्लेषण किया जा रहा है. आरोपियों की एकाउंट्स की भी जांच की जाएगी. जांच पड़ताल में जो भी चीजें सामने आएंगी, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. जरूरत पड़ने पर आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की जाएगी.
आरपीएससी सदस्य के नाम से मांगी थी रिश्वत : एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया था कि आरोपियों ने आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा के नाम से रिश्वत मांगी थी. परिवादी ने अपनी रिपोर्ट में यह बात बताई थी. एफआईआर में भी मंजू शर्मा का नाम है. लेकिन दूर-दूर तक मंजू शर्मा का इस मामले से कोई वास्ता नहीं है. बता दें कि आरपीएससी की सदस्य मंजू शर्मा विख्यात कवि कुमार विश्वास की पत्नी हैं.
क्या है मामला : बता दें कि राजस्थान एसीबी ने शनिवार को राज्य घुमंतु जाति कल्याण बोर्ड के पूर्व चेयरमैन गोपाल केसावत समेत चार आरोपियों को साढ़े 18.5 लाख रुपये की रिश्वत राशि लेते हुए गिरफ्तार किया था. आरपीएससी की ओर से आयोजित अधिशासी अधिकारी भर्ती परीक्षा में पास करवाने के नाम पर रिश्वत मांगी गई थी. सीकर और जयपुर में कार्रवाई करते हुए राज्य घुमंतू जाति कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गोपाल केसावत, अन्य व्यक्ति अनिल कुमार, ब्रह्म प्रकाश और रविंद्र शर्मा को परिवादी से 18.5 लाख रुपये रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था.