जयपुर. राजस्थान एसीबी ( Rajasthan ACB ) डीजी बीएल सोनी के पदभार ग्रहण के बाद से प्रदेश में बेईमानों पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है. प्रदेशभर में रिश्वतखोरों ( Action Against Bribery ) के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत रोजाना ऐसे बेईमान लोगों को दबोचा जा रहा है. इससे ना सिर्फ परिवादी के रुके काम पूरे हो रहे हैं, बल्कि आमजन का पुलिस और एसीबी के प्रति भरोसा फिर कायम हो रहा है. एसीबी के कड़े रुख से रिश्वतखोरों में खौफ भी पैदा हुआ है.
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एसीबी की हेल्पलाइन बनी मददगार
राजस्थान एसीबी के हेल्पलाइन नंबर लोगों के लिए काफी मददगार साबित हो रहे हैं. इन नंबरों पर शिकायत मिलने के आधार पर भी रिश्वतखोरों को दबोचा जा रहा है. रिश्वतखोरों को दबोचने के साथ ही परिवादी से जिस काम की एवज में रिश्वत मांगी गई थी, उस काम को भी एसीबी पूरा करवा रही है.
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एसीबी ने 5 नवंबर को मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज जयपुर कार्यालय में भारतीय इंजीनियरिंग सेवा के वर्ष 2017 के अधिकारी दान सिंह मीणा और तकनीकी सहायक सीताराम वर्मा को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. यह रिश्वत परिवादी को पेट्रोल पंप की एनओसी जारी करने की एवज में मांगी गई थी. इस पर एसीबी की टीम ने न सिर्फ आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की, बल्कि 6 नवंबर को डीजी एसीबी बीएल सोनी ने मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज कार्यालय के अन्य अधिकारियों को परिवादी को जल्द पेट्रोल पंप की एनओसी जारी करने को कहा. इसके बाद महज आधे घंटे में पेट्रोल पंप की एनओसी जारी कर दी गई।