जयपुर. राजस्थान में मानसून के दूसरे दौर में जबरदस्त बारिश देखने को मिल रही है. बीते दो दिनों में सिरोही, अजमेर, जयपुर और सीकर के कई इलाकों में भारी बरसात हुई है. इन क्षेत्रों में बरसाती नदियों के उफान की वजह से रास्ते तक अवरुद्ध हो गए हैं, वहीं सिरोही और जालोर में ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ है. बीते दिन सिरोही जिले की माउंट आबू तहसील में 9 इंच बरसात यानी 232 मिलीमीटर पानी बरसा था. जयपुर में भी रविवार रात से लेकर सोमवार रात के बीच 114 मिलीमीटर की बरसात हुई है. राजधानी जयपुर में सोमवार को 68 मिलीमीटर बरसात हुई.
अजमेर में सोमवार को सालों बाद फायसागर की चादर चली, तो वहीं आनासागर के नाले में रहने से आरपीएससी के सेक्शन ऑफिसर की मौत हो गई. आज जयपुर में भी नाले में बहने से वीकेआई क्षेत्र में 6 वर्षीय बालक की मौत हो गई थी. इस तरह से सोमवार को प्रदेश के खराब ड्रेनेज सिस्टम ने दो लोगों की जान लील ली. जयपुर की लाइफलाइन बीसलपुर बांध में भी आज मंगलवार सुबह 8:00 बजे तक 11 सेंटीमीटर पानी की आवक हुई. जिसके बाद बांध का जल स्तर 313.43 RL मीटर तक पहुंच गया. बांध तक पानी पहुंचाने वाली त्रिवेणी नदी 2.90 मीटर के बहाव पर तेजी के साथ बह रही है.
मंगलवार को मौसम विभाग में चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि कोटा और बारां के कुछ हिस्सों में भारी बरसात की संभावना जताई है. विभाग ने यहां ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, वहीं येलो अलर्ट के तहत अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, अजमेर, भीलवाड़ा, पाली और झालावाड़ में बारिश की चेतावनी दी गई है. मौसम विभाग की जयपुर केंद्र के मुताबिक जिलो में मेघ गर्जन के साथ हल्की और मध्यम बारिश हो सकती है. फिलहाल प्रदेश भर में जारी बरसात के बाद तापमान में 3 से 4 डिग्री की गिरावट के बाद यह करीब 30 डिग्री के आसपास पहुंच चुका है. राजधानी में मंगलवार सुबह मौसम साफ रहा और धूप खिली रही.
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जयपुर में रात तक जनजीवन प्रभावित : जयपुर में लगातार बरसात के दौर के बाद ड्रेनेज सिस्टम की पोल खुल गई. शहर के कई हिस्सों में ट्रैफिक को पानी भरने से परेशानी का सामना करना पड़ा. हर वर्ष की तरह इस बार भी सीकर रोड दरिया में तब्दील नजर आई, जहां बरसात के कारण जलभराव में गाड़ियां फंस गई और लोगों को एक दूसरे की मदद के लिए आगे आना पड़ा. देश की सबसे बड़ी सवाई मानसिंह अस्पताल में भी पानी भर गया हालात यह रहे कि रेडियोथैरेपी वार्ड में पानी भरा रहा और कैंसर की गंभीर रोगियों को भी इस पानी के बीच रखा गया, इसके बाद परिजनों ने विरोध किया, तो मरीजों को अलग-अलग वार्ड में शिफ्ट किया गया.
ट्रॉमा सेंटर में माइनर ओटी में पानी भरने से सर्जरी नहीं हो पाई, वही धनवंतरी ब्लॉक में फॉल्स सीलिंग गिर गई. बारिश से परेशान लोग जेडीए के फोन की घंटी खनखनाते रहे, लेकिन बाहरी कॉलोनियों में राहत नहीं मिल सकी. परकोटे के जौहरी बाजार का वीडियो भी वायरल हुए, यहां कुम्हारों की नदी में तेज बहाव के कारण दुकानों और घरों के बाहर रखा सामान बह गया. उसके बाद नंदपुरी अंडरपास और खिरनी फाटक क्षेत्र में भी जलभराव के कारण सड़क पर आवाजाही रोकी गई.
तेज बारिश में नेहरू गार्डन और क्वीन्स रोड पर आर्मी एरिया की दीवार ढह गई. निर्माण नगर में जनपथ पर एक बार फिर सड़क धंस गई, जहां मिट्टी के कट्टे लगाकर रास्ता रोका गया. सीएमओ की ओर जाने वाली रास्ते पर भी जलभराव के बाद कुछ देर तक ट्रैफिक बाधित रहा. जयपुर में इस मानसून अगर बरसात के आंकड़ों की बात की जाए, तो यह औसत से 106 फ़ीसदी अधिक यानी 220 मिलीमीटर के करीब है. जबकि पिछले साल जुलाई के पहले हफ्ते तक 160 मिलीमीटर ही बारिश हुई थी.
सोमवार को देश के अलग-अलग हिस्सों में भी बरसात के बाद पानी भरने की खबरें आई. पाली में जवाई नदी के उफान के साथ ही कई बरसाती नदियों में पानी की आवक होने से रास्ते अवरुद्ध रहे. तख्तगढ़ कस्बे में इस मौसम में दूसरी बार बाढ़ के हालात बन गए, तो जालोर में भी ट्रेन मार्ग प्रभावित रहा. वहीं बाड़मेर के समदड़ी में बरसाती नदी में यात्रियों से भरी बस पलट गई, जिसे जेसीबी की मदद से बाहर निकाला गया.