जयपुर. राजधानी के कृष्ण मंदिरों में शनिवार को राधा अष्टमी के मौके पर राधा रानी का प्राकट्योत्सव मनाया गया. राजधानी के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में मंगला झांकी के बाद तिथि पूजन किया गया और राधा रानी का पंचामृत अभिषेक कर नवीन पीत पोशाक धारण कराई गई. साथ ही पंजीरी, लड्डू, मावे की बर्फी का भोग लगाया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु राधा रानी के दर्शन के लिए आतुर रहे. वहीं, आनंद कृष्ण बिहारी मंदिर में राधा रानी के अभिषेक के बाद भक्तों को साल में एक बार होने वाले चरण दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ.
छप्पन भोग की झांकी : मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि आज 60 लीटर दूध, 40 किलो दही, 2 किलो घी, 5 किलो बूरा, 20 किलो शहद से तैयार पंचामृत से राधा रानी का अभिषेक किया. इसके बाद नवीन पीत पोशाक धारण कराकर विशेष अलंकार धारण कराए गए. साथ ही राधारानी को प्रिय पंजीरी, लड्डू, मावे की बर्फी का भोग लगाया. धूप झांकी खुलने पर ठाकुर जी का अधिवास पूजन किया और छप्पन भोग की झांकी सजाई गई. शृंगार आरती के बाद राधारानी को कपड़े, फल, टॉफी, सहित अन्य सामान अर्पित कर उछाल की गई.
गोविंद देवजी मंदिर में अष्टप्रहर कीर्तन : मंदिर प्रशासन के अनुसार शाम को फूल बंगला झांकी सजाई जाएगी. इस दौरान गौर गोविंद महिला मंडल की ओर से भजन कीर्तन किया जाएगा. रविवार सुबह मंगला झांकी के बाद तिथि पूजन किया जाएगा. इससे पहले गोविंद देवजी मंदिर में अष्टप्रहर हरिनाम कीर्तन भी हुआ. उधर, राजधानी के अन्य कृष्ण मंदिरों में पालना दर्शन, चरण दर्शन, भानोत्सव और भक्ति संध्या का आयोजन किया गया.