जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी कार्यकारिणी के एक्सटेंशन और संगठन की नियुक्तियों में 2 साल की देरी पर चल रही है. इसके बावजूद कांग्रेस आलाकमान की ओर से 27 मई को प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) में किए गए 85 सचिवों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई, जिसके बाद कांग्रेस संगठन में नियुक्तियों में और देरी सम्भव है. दूसरी तरफ 31 मई को जारी किए गए प्रदेश कांग्रेस के सदस्यों की सूची के बाद अब इन नेताओं की सदस्यता पर भी सवाल खड़ा हो गया है.
जब सचिव नहीं तो पीसीसी सदस्य कैसे सही : 27 मई को राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के हस्ताक्षर और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के अप्रूवल के साथ 85 नए सचिव नियुक्त किए गए थे. इसके ठीक 3 दिन बाद 31 मई को प्रदेश कांग्रेस के 189 सदस्यों की भी सूची जारी हुई, जिसमें 1 दिन पहले सचिव बनाए गए ज्यादातर सदस्यों के नाम भी शामिल थे. अब नियुक्तियों पर रोक लगने के बाद इन नेताओं के प्रदेश कांग्रेस के सदस्य होने पर भी तलवार लटक रही है.
फरवरी महीने में कांग्रेस का रायपुर अधिवेशन और इस अधिवेशन में प्रदेश कांग्रेस सदस्यों, एआईसीसी सदस्यों, एआईसीसी सह व्रत सदस्यों और प्रदेश कांग्रेस सहव्रत सदस्यों को भी बुलाया गया था. ऐसे में जो नेता प्रदेश कांग्रेस से व्रत सदस्यों के तौर पर रायपुर अधिवेशन में शामिल हो चुके हैं, उनके नाम पर कोई संदेह नहीं है, लेकिन नए बने प्रदेश कांग्रेस के सहव्रत सदस्यों के नामों पर भी अब सवाल खड़े हो गए हैं.