जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में स्टाफ क्वार्टर आवंटन में बरती गई अनियमितताओं के कारण अशैक्षणिक कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है. इसे लेकर कर्मचारी रमेश चंद कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन को अवगत कराने के बाद, सोमवार को परिवार सहित भूख हड़ताल पर बैठ गए.
उनका आरोप है कि विश्वविद्यालय में वरिष्ठता लांघ कर कनिष्ठ कर्मचारियों को क्वार्टर आवंटित किया जा रहा है. जबकि वो खुद 19 साल से आवास मिलने की कतार में खड़े बाट जोह रहे है. चार बेटियों और पत्नी के साथ सोमवार को राजस्थान विश्वविद्यालय के कर्मचारी रमेश चंद डाबोडिया विश्वविद्यालय परिसर में ही भूख हड़ताल पर बैठ गए. मामला विश्वविद्यालय में कर्मचारियों के आवास आवंटन का है.
दरअसल, साल 1995 से कार्यरत लिपिक रमेश डाबोडिया आवश्यकता होने के कारण, साल 1997 से लगातार विश्वविद्यालय परिसर में क्वार्टर आवंटन के लिए आवेदन कर रहे हैं. उनका आरोप है कि दलित वर्ग से होने के कारण हमेशा उनका नाम आवेदन सूची से हटा दिया जाता है जबकि विश्वविद्यालय आवास आवंटन नियम के अनुसार वरिष्ठता के आधार पर उनका नाम सूची में सबसे पहले होना चाहिए था. साल 2017 में भी उन्होंने आवेदन किया था, लेकिन इस बार भी सूची में उनका नाम शामिल नहीं किया गया.
इसकी शिकायत उन्होंने कुलपति और रजिस्ट्रार से भी की. बावजूद इसके सुनवाई नहीं होने के चलते, आज वो परिवार सहित एडम ब्लॉक के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ गए. उन्होंने कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय में स्टाफ क्वार्टर आवंटन में अनियमितताएं बरती जा रही है और वरिष्ठता लांघ कर कनिष्ठ कर्मचारियों को क्वार्टर आवंटित किए जा रहे हैं. ऐसे में अब जब कर्मचारी रमेश चंद पूरे परिवार के साथ भूख हड़ताल पर है तो देखना होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस नीतिगत और नियमानुसार किए जाने वाले आवास आवंटन पर किस तरह का फैसला लेता है.