जयपुर. भारतीय मजदूर संघ की बैठक में सरकार ने बिजली सेवाओं के निजीकरण का विरोध कर वर्तमान कांग्रेस सरकार के खिलाफ रोष जताया. भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस ने कहा था कि ठेका प्रथा हटा दी जाएगी, लेकिन सरकार ने ठेका प्रथा खत्म नहीं की और विद्युत सेवाओं का निजीकरण करने के लिए तैयार है.
भारतीय मजदूर संघ ने कहा सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने कहा था कि बेरोजगारों के रोजगार के लिए खाली पड़े पदों पर भर्तियां खोलेंगे. यह पद डिस्काम सहित अन्य विभागों में खाली पड़े हैं। लेकिन और सरकार ने आते ही अपने काम निजी कंपनियों से कराने की तैयारी कर ली है.
भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष विशाल सिंह तवर ने कहा कि सरकार ने नगरों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत की सेवाएं प्राइवेट करने तैयारी कर रही है. मजदूर संघ कांग्रेस सरकार के इस कदम का विरोध करता है. मजदूर संघ ने कहा कि विद्युत की सेवाएं और वितरण को ठेके पर देने से मजदूरों, बेरोजगारों के साथ ही उपभोक्ताओं का भी शोषण होगा.
उन्होंने कहा कि विद्युत वितरण की सेवाएं का निजी काम करने से उपभोक्ताओं को अधिक 4 देना पड़ेगा. संघ ने खाली पड़े पदों पर भर्ती निकालने की भी मांग की. भारतीय मजदूर संघ ने विद्युत उत्पादन और वितरण को डिस्कॉम ने ही जारी रखने की मांग की. यदि फिर भी सरकार नहीं मानती है तो प्रजातांत्रिक तरीके से भारतीय मजदूर संघ रैली प्रदर्शन और हड़ताल के माध्यम से निजीकरण का विरोध करेगा.