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जयपुर: शाहपुरा में प्रोफेसर के खिलाफ प्रदर्शन, संत के लिए कथित अशोभनीय टिप्पणी का आरोप

संस्कृत विश्वविधालय के एक प्रोफेसर की कथित अशोभनीय टिप्पणी से गुस्साए लोगों ने जयपुर के शाहपुरा में विरोध प्रदर्शन किया. शाहपुरा के पीपली तिराहे पर प्रोफेसर का पुतला फूंककर राज्यपाल के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया.लोगों ने प्रोफेसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

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Published : Dec 25, 2019, 6:29 PM IST

Protest in Shahpura, Protest against Professor, अशोभनीय टिप्पणी का आरोप
शाहपुरा में संस्कृत विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर के खिलाफ प्रदर्शन

शाहपुरा (जयपुर). जिले के शाहपुरा सहित आसपास के इलाकों के ग्रामीणों ने बुधवार को संस्कृत विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर के खिलाफ प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का आरोप है, कि प्रोफेसर ने त्रिवेणी धाम के ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज के लिए अशोभनीय टिप्पणी की है.

शाहपुरा में संस्कृत विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर के खिलाफ प्रदर्शन

संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की कथित टिप्पणी को लेकर ग्रामीणों में भारी रोष है. इसके चलते ग्रामीणों ने शाहपुरा के पीपली तिराहे पर प्रोफेसर का पुतला फूंका और राज्यपाल के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों ने प्रोफेसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. साथ ही मांग की है, कि काशी विश्वविधालय की तरह संस्कृत विश्वविद्यालय में ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज की मूर्ति लगवाई जाए और संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से प्रकाशित पुस्तिका में नारायणदास जी का फोटो लगाया जाए.

पढ़ें: हनुमानगढ़: इंदिरा गांधी नहर को 2 समूह में चलाने को लेकर किसानों का बेमियादी आंदोलन

शाहपुरा के त्रिवेणी धाम के ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज के देश में काफी संख्या में अनुयायी हैं. अनुयायी बताते हैं, कि ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज ने कई जगहों पर जनसेवा में कई कार्य किए हैं. बताया ये भी जाता है, कि उनका जयपुर के मदाऊ में जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के निर्माण में भी अहम योगदान रहा है. कथित तौर पर संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की अशोभनीय टिप्पणी से गुस्साए ग्रामीणों ने बाड़ीजोड़ी, साईवाड़ और शाहपुरा में विरोध प्रदर्शन किया.

शाहपुरा (जयपुर). जिले के शाहपुरा सहित आसपास के इलाकों के ग्रामीणों ने बुधवार को संस्कृत विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर के खिलाफ प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का आरोप है, कि प्रोफेसर ने त्रिवेणी धाम के ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज के लिए अशोभनीय टिप्पणी की है.

शाहपुरा में संस्कृत विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर के खिलाफ प्रदर्शन

संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की कथित टिप्पणी को लेकर ग्रामीणों में भारी रोष है. इसके चलते ग्रामीणों ने शाहपुरा के पीपली तिराहे पर प्रोफेसर का पुतला फूंका और राज्यपाल के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों ने प्रोफेसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. साथ ही मांग की है, कि काशी विश्वविधालय की तरह संस्कृत विश्वविद्यालय में ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज की मूर्ति लगवाई जाए और संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से प्रकाशित पुस्तिका में नारायणदास जी का फोटो लगाया जाए.

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शाहपुरा के त्रिवेणी धाम के ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज के देश में काफी संख्या में अनुयायी हैं. अनुयायी बताते हैं, कि ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज ने कई जगहों पर जनसेवा में कई कार्य किए हैं. बताया ये भी जाता है, कि उनका जयपुर के मदाऊ में जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के निर्माण में भी अहम योगदान रहा है. कथित तौर पर संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की अशोभनीय टिप्पणी से गुस्साए ग्रामीणों ने बाड़ीजोड़ी, साईवाड़ और शाहपुरा में विरोध प्रदर्शन किया.

Intro:त्रिवेणी धाम के ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज के लिए संस्कृत यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कौशलेंद्र दास द्वारा की गई अशोभनीय टिप्पणी से ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है। नाराज़ ग्रामीणों ने कौशलेंद्र दास का पुतला फूंका तथा राज्यपाल के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।Body:जगद्गुरू रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कौशलेंद्र दास द्वारा ब्रह्मलीन नारायण दास महाराज के लिए की गई अशोभनीय टिप्पणी का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। शाहपुरा समेत आस-पास के इलाकों में ग्रामीणों का विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है। टिप्पणी से खफा ग्रामीणों ने शाहपुरा के पीपली तिराहे पर प्रोफेसर कौशलेंद्र दास का पुतला फूंका। इसके बाद ग्रामीणों ने प्रोफेसर कौशलेंद्र दास के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर राज्यपाल के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। जानकारी के अनुसार शाहपुरा स्थित त्रिवेणी धाम के ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज का क्षेत्र ही नहीं, अपितु पूरे देश मे नाम है। उनके अनुयायी देश के कोने-कोने में है। ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज ने विभिन्न स्थानों पर जनसेवा में कई कार्य किए है। जयपुर के मदाऊ में स्थित जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत यूनिवर्सिटी के निर्माण में नारायणदास जी का अहम योगदान रहा है। गत दिनों यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कौशलेंद्र दास उर्फ महेश शर्मा ने ब्रह्मलीन संत नारायण दास महाराज के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी कर दी, जिससे अनुयायियों व ग्रामीणों में रोष व्याप्त हो गया। टिप्पणी से गुस्साए ग्रामीणों ने बाड़ीजोड़ी, साईवाड़, शाहपुरा में विरोध-प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने शाहपुरा के पीपली तिराहे पर कौशलेंद्र दास का पुतला फूंका। इस दौरान नाराज़ ग्रामीणों ने जमकर नारे लगाए। यहां से ग्रामीण रैली के रूप में शाहपुरा तहसील परिसर में पहुंचे औऱ नायब तहसीलदार को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में ग्रामीणों ने मांग की है कि ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज के लिए अशोभनीय टिप्पणी करने वाले कौशलेंद्र दास के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। काशी विश्वविधालय की तरह संस्कृत यूनिवर्सिटी में ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज की मूर्ति लगवाई जाए। संस्कृत यूनिवर्सिटी की ओर से प्रकाशित पुस्तिका में नारायणदास जी का फोटो लगाया जाए।
बाईट-
1-महेश हलसर, युवा नेताConclusion:
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