जयपुर. प्रदेश में शुक्रवार को प्रमुख शासन सचिव माइंस, पेट्रोलियम और डीओआईटी अजिताभ शर्मा ने माइंस विभाग की अधिकारियों की पहली बैठक ली. जिसमें उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अवैध खनन पर कारगर रोक और राजस्व वृद्धि उनकी पहली प्राथमिकता होगी. साथ ही कहा कि हमें नियमों की पालना कराने और विभाग को आगे लाने में रेगूलेटर के साथ ही फेसिलेटर की भूमिका भी निभानी होगी.
वहीं, अजिताभ शर्मा माइंस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रमुख प्राथमिकता वाले बिन्दुओं पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि विभाग की नई खनन नीति का प्रारुप अंतिम चरण में है. इसे पब्लिक डोमेन में अपलोड़ किया जाएगा ताकि खनन गतिविधियों से जुड़े विशेषज्ञों के भी सुझावों का समावेश किया जा सके. उन्होंने कहा कि विचाराधीन प्रकरणों के निस्तारण की प्राथमिकता तय करते हुए प्राप्त प्रकरणों का समय पर निस्तारण सुनिश्चित करना है.
प्रमुख सचिव शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय, खान मंत्री कार्यालय, केंद्र सरकार से प्राप्त पत्रों, मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त सचिवालय सहित विभिन्न आयोगों से प्राप्त प्रकरणों, सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त पत्रों के साथ ही संपर्क पोर्टल आदि से प्राप्त प्रकरणों का समयवद्ध निष्पादन की मानसिकता बनानी होगी.
उन्होंने विधान सभा प्रश्नों, आश्वासनों आदि के समय पर उत्तर भिजवाने, न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों के समय पर जबाव दावें प्रस्तुत करने और बजट घोषणाओं की समयबद्ध क्रियान्वयन की आवश्यकता प्रतिपादित की. बता दें कि दरअसल करंट इन में होने के चलते अपने तबादले के बाद अजिताभ शर्मा ने गुरुवार शाम को ही अपना पदभार ग्रहण किया था और शुक्रवार को उन्होंने अपनी पहली बैठक ली.
इस अवसर पर संयुक्त सचिव माइन्स ओम कसेरा ने विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी. प्रबंध निदेशक राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड मोहन सिंह ने आरएसजीएल की गतिविधियों की जानकारी दी. वहीं चर्चा में उप सचिव माइंस नीतू बारुपाल सहित अधिकारी उपस्थित थे.