जयपुर. राजस्थान सहित तीन राज्यों में मुख्यमंत्री के नाम से अब जल्द सस्पेंस खत्म होने वाला है. मुख्यमंत्री के नाम को लेकर विधायकों में सहमति बनाने के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए गए हैं. सूत्रों की मानें तो शनिवार देर शाम तक तीनों पर्यवेक्षक जयपुर पहुंच जाएंगे और रविवार को विधायक दल की बैठक पार्टी ऑफिस में बुलाई जाएगी. इस बैठक में राजनाथ सिंह सभी विधायकों की मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनाएंगे.
10 दिसंबर को विधायक दल की बैठक ! : राजस्थान को मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर दिल्ली में मंथन लगातार चल रहा है. इस मंथन के बीच विधायकों की सहमति बनाने का जिम्मा बीजेपी ने अपने सबसे वरिष्ठ और अनुभवी नेता केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दिया है. राजनाथ सिंह के साथ दो अन्य पर्यवेक्षक राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को भी नियुक्त किया गया है. पार्टी सूत्रों के मानें तो यह पर्यवेक्षक शनिवार देर शाम तक जयपुर पहुंच जाएंगे और रविवार संभवतः विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें मुख्यमंत्री के नाम पर आम सहमति बनाने का काम किया जाएगा. बताया जा रहा है कि तीनों राज्यों में से सबसे ज्यादा चुनौती वाला राज्य भाजपा शिर्ष नेतृत्व के लिए राजस्थान है. यहां पर उन विधायकों की बड़ी संख्या है जो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, जबकि पार्टी ने चुनाव से पहले सीएम फेस घोषित नहीं करके यह साफ दर्शा दिया था कि इस बार सीएम फेस में बदलाव किया जा सकता है.
सीएम फेस की रेस में ये नाम : बता दें कि राजस्थान में मुख्यमंत्री फेस को लेकर कई बड़े नाम सामने हैं. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, बीजेपी के वरिष्ठ नेता ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव, दीया कुमारी, बाबा बालक नाथ और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के नाम चर्चाओं में हैं.