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Rajasthan Politics: कांग्रेस के इन मंत्री, विधायकों की विधानसभा में अब तक नहीं बन सके हैं ब्लॉक अध्यक्ष, जानें वजह

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Published : Mar 11, 2023, 3:47 PM IST

राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं, बावजूद इसके (Political dispute in Rajasthan Congress) कांग्रेस में व्याप्त आपसी तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. जिसकी बानगी समय-दर-समय देखने को मिलते रही है. ताजा वाकया ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति से जुड़ा है.

Political dispute in Rajasthan Congress
Political dispute in Rajasthan Congress

जयपुर. करीब ढाई साल के इंतजार के बाद 29 जनवरी से अब तक राजस्थान में कांग्रेस ने 400 में से 350 ब्लॉक अध्यक्ष बनाए हैं. वहीं, डेढ़ महीने से चल रही नियुक्ति की प्रक्रिया के बावजूद छह बार अलग-अलग लिस्ट निकालने के बाद भी अब भी 50 ब्लॉक अध्यक्ष बनाए जाने बाकी हैं. जिन नेताओं की विधानसभा में 50 ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बने हैं, उनमें कुछ ऐसे चेहरे हैं, जिनके खुद की वजहों से वहां ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बन पाए हैं. चाहे 25 सितंबर की घटना के चलते कारण बताओ नोटिस पाने वाले जलदाय मंत्री महेश जोशी हो या फिर लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बयानबाजी करने वाले राजेंद्र गुढ़ा. लगता है कि इन दोनों ही मंत्रियों की विधानसभा में ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बनाए जाने का कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की नाराजगी है. जबकि कारण बताओ नोटिस पाने वाले दूसरे मंत्री शांति धारीवाल के कोटा उत्तर विधानसभा के दोनों ही ब्लॉकों के अध्यक्ष नियुक्ति किए जा चुके हैं.

वहीं, बसपा से कांग्रेस में आए छह विधायकों में से पांच विधायकों की विधानसभा में ब्लॉक अध्यक्ष बना दिए गए हैं. केवल एक मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की उदयपुरवाटी विधानसभा ही ऐसी है, जहां ब्लॉक अध्यक्ष की अब तक नियुक्ति नहीं हो सकी है. इन दोनों मंत्रियों के अलावा भी भरतपुर के वैर से आने वाले मंत्री भजन लाल जाटव के अब तक दोनों ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बनाए जा सके हैं. ऐसे में साफ है कि भजन लाल जाटव के क्षेत्र में ब्लॉक अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर विवाद है. इसी के चलते अब तक दोनों ब्लॉक अध्यक्ष घोषित नहीं किए गए हैं.

इसे भी पढ़ें - नये जिलों पर फैसला सितंबर तक टला, गहलोत सरकार ने दिया राम लुभाया कमेटी को एक्सटेंशन

इनके साथ ही मंत्री रमेश मीणा की विधानसभा सपोटरा में फिलहाल एक ही ब्लॉक अध्यक्ष बनाया जा सका है और एक ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति होनी शेष है. लेकिन कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीत कर आए विधायक जो मंत्री नहीं है, उनमें से केवल एक विधायक परसराम मोरदिया ही ऐसे हैं, जिनके विधानसभा धौध में अब तक ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बनाए जा सके हैं. जिसे साफ तौर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और परसराम मोरदिया के बीच चल रही अदावत को माना जा रहा है. ऐसे में कहा जा सकता है कि राजस्थान में कांग्रेस की टिकट पर जीत कर आए महेश जोशी, भजन लाल जाटव और परसराम मोरदिया तीन ऐसे विधायक हैं, जिनके यहां अब तक ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं हो सकी है. वहीं, विवाद के चलते ही अब तक सहाड़ा और लूणी विधानसभा में दो में से एक ही ब्लॉक अध्यक्ष बनाया जा सका है.

इन 5 विधानसभाओं में नहीं बनाए जा सके ब्लॉक अध्यक्ष - चाहे प्रदेश में सियासी संकट हो या फिर राज्यसभा या अन्य चुनाव में मतदान की बात. प्रदेश में 10 ऐसे निर्दलीय विधायक हैं, जो हर परिस्थिति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ खड़े रहे हैं. वहीं, सभी निर्दलीय 13 विधायकों ने समय-समय पर सीएम गहलोत पर विश्वास जताया है. लेकिन इन 13 विधायकों में से पांच विधायक ऐसे हैं, जिनके यहां अभी तक ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बन सके हैं. जिसका मतलब साफ है कि आने वाले समय में इन निर्दलीय विधायकों को टिकट मिलेगा या नहीं यह अभी फिलहाय तय नहीं है.

इन पांच विधायकों में गंगानगर से निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़, कुशलगढ़ से निर्दलीय विधायक रमिला खड़िया, मारवाड़ जंक्शन से निर्दलीय विधायक खुशवीर सिंह, महुआ से निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुड़ला और शाहपुरा के निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल है. इसी तरह से बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले छह विधायकों में केवल मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ही एक ऐसे विधायक हैं, जिनकी विधानसभा उदयपुरवाटी में अब तक ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बने हैं.

जयपुर. करीब ढाई साल के इंतजार के बाद 29 जनवरी से अब तक राजस्थान में कांग्रेस ने 400 में से 350 ब्लॉक अध्यक्ष बनाए हैं. वहीं, डेढ़ महीने से चल रही नियुक्ति की प्रक्रिया के बावजूद छह बार अलग-अलग लिस्ट निकालने के बाद भी अब भी 50 ब्लॉक अध्यक्ष बनाए जाने बाकी हैं. जिन नेताओं की विधानसभा में 50 ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बने हैं, उनमें कुछ ऐसे चेहरे हैं, जिनके खुद की वजहों से वहां ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बन पाए हैं. चाहे 25 सितंबर की घटना के चलते कारण बताओ नोटिस पाने वाले जलदाय मंत्री महेश जोशी हो या फिर लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बयानबाजी करने वाले राजेंद्र गुढ़ा. लगता है कि इन दोनों ही मंत्रियों की विधानसभा में ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बनाए जाने का कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की नाराजगी है. जबकि कारण बताओ नोटिस पाने वाले दूसरे मंत्री शांति धारीवाल के कोटा उत्तर विधानसभा के दोनों ही ब्लॉकों के अध्यक्ष नियुक्ति किए जा चुके हैं.

वहीं, बसपा से कांग्रेस में आए छह विधायकों में से पांच विधायकों की विधानसभा में ब्लॉक अध्यक्ष बना दिए गए हैं. केवल एक मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की उदयपुरवाटी विधानसभा ही ऐसी है, जहां ब्लॉक अध्यक्ष की अब तक नियुक्ति नहीं हो सकी है. इन दोनों मंत्रियों के अलावा भी भरतपुर के वैर से आने वाले मंत्री भजन लाल जाटव के अब तक दोनों ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बनाए जा सके हैं. ऐसे में साफ है कि भजन लाल जाटव के क्षेत्र में ब्लॉक अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर विवाद है. इसी के चलते अब तक दोनों ब्लॉक अध्यक्ष घोषित नहीं किए गए हैं.

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इनके साथ ही मंत्री रमेश मीणा की विधानसभा सपोटरा में फिलहाल एक ही ब्लॉक अध्यक्ष बनाया जा सका है और एक ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति होनी शेष है. लेकिन कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीत कर आए विधायक जो मंत्री नहीं है, उनमें से केवल एक विधायक परसराम मोरदिया ही ऐसे हैं, जिनके विधानसभा धौध में अब तक ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बनाए जा सके हैं. जिसे साफ तौर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और परसराम मोरदिया के बीच चल रही अदावत को माना जा रहा है. ऐसे में कहा जा सकता है कि राजस्थान में कांग्रेस की टिकट पर जीत कर आए महेश जोशी, भजन लाल जाटव और परसराम मोरदिया तीन ऐसे विधायक हैं, जिनके यहां अब तक ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं हो सकी है. वहीं, विवाद के चलते ही अब तक सहाड़ा और लूणी विधानसभा में दो में से एक ही ब्लॉक अध्यक्ष बनाया जा सका है.

इन 5 विधानसभाओं में नहीं बनाए जा सके ब्लॉक अध्यक्ष - चाहे प्रदेश में सियासी संकट हो या फिर राज्यसभा या अन्य चुनाव में मतदान की बात. प्रदेश में 10 ऐसे निर्दलीय विधायक हैं, जो हर परिस्थिति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ खड़े रहे हैं. वहीं, सभी निर्दलीय 13 विधायकों ने समय-समय पर सीएम गहलोत पर विश्वास जताया है. लेकिन इन 13 विधायकों में से पांच विधायक ऐसे हैं, जिनके यहां अभी तक ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बन सके हैं. जिसका मतलब साफ है कि आने वाले समय में इन निर्दलीय विधायकों को टिकट मिलेगा या नहीं यह अभी फिलहाय तय नहीं है.

इन पांच विधायकों में गंगानगर से निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़, कुशलगढ़ से निर्दलीय विधायक रमिला खड़िया, मारवाड़ जंक्शन से निर्दलीय विधायक खुशवीर सिंह, महुआ से निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुड़ला और शाहपुरा के निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल है. इसी तरह से बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले छह विधायकों में केवल मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ही एक ऐसे विधायक हैं, जिनकी विधानसभा उदयपुरवाटी में अब तक ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बने हैं.

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