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सख्ती से आंदोलन खत्म कराने पहुंची पुलिस, कर्मचारियों ने निकाल दी एंबुलेंस के टायरों की हवा

एंबुलेंस कर्मियों ने बीते बुधवार को एम्बुलेंस के टायरों की हवा निकाल दी. सरकार की ओर से कई दौर की वार्ता के बाद भी कोई सहमति नहीं बन पाई है. अपने आंदोलन के 5वें दिन भी एंबुलेंसकर्मी अपनी मांगों पर अड़े रहे.

Police deployed to forceful eviction of protesters
सख्ती से एंबुलेंसकर्मियों की हड़ताल खत्म कराने पहुंचा प्रशासन
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 7, 2023, 7:17 AM IST

Updated : Sep 7, 2023, 8:18 AM IST

सख्ती से आंदोलन खत्म कराने पहुंचा प्रशासन

जयपुर. एंबुलेंस कर्मियों ने बुधवार को एम्बुलेंस सर्विसेज की हवा निकाल दी. प्रदेश सरकार की ओर से कई बार वार्ता के बावजूद अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है. अपने आंदोलन के 5वें दिन भी एंबुलेंस कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े रहे. ऐसे में जब प्रशासन सख्ती दिखाने और धरने से हटाने के लिए के लिए पहुंचे तो एंबुलेंसकर्मियों ने सभी एम्बुलेंस के पहियों की हवा निकाल दी. एंबुलेंस कर्मियों का कहना है कि ठेका प्रथा बंद करते हुए, उन्हें संविदा कैडर में शामिल किया जाए.

employee deflate ambulance tyre
प्रशासन की सख्ती के खिलाप कर्मचारियों ने एंबुलेंस के टायरों की निकाली हवा

प्रदेश में बीते 5 दिन से 108 और 104 एम्बुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल जारी है. वार्ता का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाने के कारण अब भी एसएमएस मेडिकल कॉलेज के बाहर एंबुलेंस कर्मचारी धरने पर डटे हुए हैं. एम्बुलेंस कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष सूजाराम ने बताया कि ठेका कंपनी के तहत लगे होने के चलते महज 10 से 11 हजार रुपए दिए जाते हैं. इतने कम मानदेय की वजह से उनका गुजर बसर नहीं हो पा रहा है. अब एंबुलेंस कर्मचारियों ने संविदा कैडर में शामिल करने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि वो नहीं चाहते हैं कि किसी मरीज को परेशानी हो. लेकिन सरकार ने आंदोलन के लिए हमें मजबूर किया है. सरकार की ओर से कई दौर की वार्ता के बावजूद कोई सहमति नहीं बनी है. अब प्रशासन ने भारी पुलिस बल को प्रदर्शन स्थल पर भेज दिया है. ऐसे में सभी एम्बुलेंस की हवा निकाल कर आंदोलन तेज किया गया है. जब तक ठेका प्रथा बंद नहीं की जाती तब तक आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा.

Ambulance employee sitting in strike
एम्बुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल जारी

पढ़ें चार दिन से थमे हैं 'जीवनदायिनी' के पहिए, संविदा कैडर में शामिल करने की मांग को लेकर स्टाफ हड़ताल पर, पहले दौर की वार्ता विफल

बता दें की प्रदेश में 6200 एम्बुलेंसकर्मी हैं. एम्बुलेंस कर्मचारी संघ के बैनर तले चल रहे इस आंदोलन की मुख्य मांग ठेका प्रथा को समाप्त कर एम्बुलेंस कर्मचारियों को संविदा कर्मचारी मानकर स्थायीकरण करने की है. राजस्थान में 108 सर्विसेज की कुल 741 एंबुलेंस हैं और 104 सर्विसेज की 286 हैं. जिनका फिलहाल चक्का जाम है.

पढ़ें Jaipur Fire Incident : 108 एंबुलेंस ऑफिस में लगी भीषण आग, लाखों रुपये का सामान जलकर राख

सख्ती से आंदोलन खत्म कराने पहुंचा प्रशासन

जयपुर. एंबुलेंस कर्मियों ने बुधवार को एम्बुलेंस सर्विसेज की हवा निकाल दी. प्रदेश सरकार की ओर से कई बार वार्ता के बावजूद अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है. अपने आंदोलन के 5वें दिन भी एंबुलेंस कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े रहे. ऐसे में जब प्रशासन सख्ती दिखाने और धरने से हटाने के लिए के लिए पहुंचे तो एंबुलेंसकर्मियों ने सभी एम्बुलेंस के पहियों की हवा निकाल दी. एंबुलेंस कर्मियों का कहना है कि ठेका प्रथा बंद करते हुए, उन्हें संविदा कैडर में शामिल किया जाए.

employee deflate ambulance tyre
प्रशासन की सख्ती के खिलाप कर्मचारियों ने एंबुलेंस के टायरों की निकाली हवा

प्रदेश में बीते 5 दिन से 108 और 104 एम्बुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल जारी है. वार्ता का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाने के कारण अब भी एसएमएस मेडिकल कॉलेज के बाहर एंबुलेंस कर्मचारी धरने पर डटे हुए हैं. एम्बुलेंस कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष सूजाराम ने बताया कि ठेका कंपनी के तहत लगे होने के चलते महज 10 से 11 हजार रुपए दिए जाते हैं. इतने कम मानदेय की वजह से उनका गुजर बसर नहीं हो पा रहा है. अब एंबुलेंस कर्मचारियों ने संविदा कैडर में शामिल करने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि वो नहीं चाहते हैं कि किसी मरीज को परेशानी हो. लेकिन सरकार ने आंदोलन के लिए हमें मजबूर किया है. सरकार की ओर से कई दौर की वार्ता के बावजूद कोई सहमति नहीं बनी है. अब प्रशासन ने भारी पुलिस बल को प्रदर्शन स्थल पर भेज दिया है. ऐसे में सभी एम्बुलेंस की हवा निकाल कर आंदोलन तेज किया गया है. जब तक ठेका प्रथा बंद नहीं की जाती तब तक आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा.

Ambulance employee sitting in strike
एम्बुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल जारी

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बता दें की प्रदेश में 6200 एम्बुलेंसकर्मी हैं. एम्बुलेंस कर्मचारी संघ के बैनर तले चल रहे इस आंदोलन की मुख्य मांग ठेका प्रथा को समाप्त कर एम्बुलेंस कर्मचारियों को संविदा कर्मचारी मानकर स्थायीकरण करने की है. राजस्थान में 108 सर्विसेज की कुल 741 एंबुलेंस हैं और 104 सर्विसेज की 286 हैं. जिनका फिलहाल चक्का जाम है.

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Last Updated : Sep 7, 2023, 8:18 AM IST
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