जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर प्रथम ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को बीस साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर तीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि वर्तमान समय में इस तरह की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. ऐसे में अभियुक्त के साथ नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता. दुष्कर्म के मामले में पीड़िता का न केवल शरीर, बल्कि उसका मस्तिष्क भी प्रभावित होता है और पीड़िता अवसाद में चली जाती है.
अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि अभियुक्त और पीड़ित पक्ष एक ही परिसर में किराए के कमरों में रहते थे. अभियुक्त व उसके माता-पिता एक ही फैक्ट्री में काम करते थे. घटना के दिन सुबह पीड़िता नहाने जा रही थी. इस दौरान अभियुक्त ने उसके भाई-बहनों को घर से बाहर भेज दिया, इसके बाद अभियुक्त बाथरूम में आ गया और उसके साथ दुष्कर्म किया. वहीं उसे धमकाया और घटना की जानकारी देने पर परिजनों को जान से मारने की धमकी दी.
इसके चलते उसने कुछ दिन तक घटना की जानकारी किसी को नहीं दी. वहीं तबीयत खराब होने पर पीड़िता ने अपनी मां को घटना की जानकारी दी. इस पर मां ने एक अक्टूबर, 2020 को शिवदासपुरा थाने में अभियुक्त के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान अभियुक्त की ओर से अदालत को कहा गया कि अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों में विरोधाभास है. प्रकरण में उसे फंसाने के लिए मामला दर्ज कराया गया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाते हुए अर्थदंड से दंडित किया है.