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नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 20 साल की सजा

पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम 1 ने नाबालिग (20 years imprisonment to the accused ) का अपहरण करके दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 20 साल की सजा सुनाई है.

Pocso court has sentenced,  sentenced 20 years imprisonment
अभियुक्त को 20 साल की सजा.
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Published : May 18, 2023, 8:51 PM IST

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर प्रथम ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ जबरन विवाह कर दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त सोनू को बीस साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 72 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. पीठासीन अधिकारी मनीषा सिंह ने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने 16 साल से कम उम्र की पीड़िता को उसके माता-पिता की मंजूरी के बिना ले जाकर उसके साथ जबरन शादी की और कई बार दुष्कर्म किया.

उसने पीड़िता की गरिमा व व्यक्तित्व को आहत किया है. ऐसा अपराध करना गंभीर है और इसके लिए उसे दंडित करना जरूरी है. अदालत ने कहा कि पीड़िता की उम्र 16 साल से कम है, अवयस्क बालिका की सहमति कोई विधिक अर्थ नहीं रखती है. यदि यह भी मान लिया जाए कि पीड़िता ने अभियुक्त के साथ संबंध बनाने की सहमति दी थी तो यह दुष्कर्म की श्रेणी में ही आएगा और अभियुक्त ऐसे सहमति के आधार पर अपने आपराधिक दायित्व से मुक्त नहीं हो सकता.

पढ़ेंः पॉक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म कर गर्भपात कराने वाले अभियुक्त को सुनाई 20 साल की सजा

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि पीड़िता की मां ने मुहाना पुलिस थाने में 8 नवंबर 2020 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी नाबालिग बेटी 6 नवंबर को पड़ोस की नाबालिग लड़की के साथ शौच के लिए गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. पुलिस ने रिपोर्ट पर कार्रवाई कर आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया. पीड़िता ने अपनी गवाही में कहा कि आरोपी मंडी में ठेकेदार का काम करता था और वह भी वहां पर फल की गाड़ी में काम करती थी. एक दिन काम नहीं होने पर वह अपनी सहेली के साथ घूमने गई तो उसने उसे रुमाल सुंघा दिया. वहीं बाद में आरोपी सोनू ने उसे धमकाकर मंदिर ले जाकर माला पहना दी और अपने अलवर स्थित घर ले जाकर उसके साथ 15 दिन तक दुष्कर्म किया. मौका पाकर उसने अपने भाई को फोन पर घटना की सूचना दी. इसके बाद पुलिस ने आकर उसे बरामद किया.

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर प्रथम ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ जबरन विवाह कर दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त सोनू को बीस साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 72 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. पीठासीन अधिकारी मनीषा सिंह ने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने 16 साल से कम उम्र की पीड़िता को उसके माता-पिता की मंजूरी के बिना ले जाकर उसके साथ जबरन शादी की और कई बार दुष्कर्म किया.

उसने पीड़िता की गरिमा व व्यक्तित्व को आहत किया है. ऐसा अपराध करना गंभीर है और इसके लिए उसे दंडित करना जरूरी है. अदालत ने कहा कि पीड़िता की उम्र 16 साल से कम है, अवयस्क बालिका की सहमति कोई विधिक अर्थ नहीं रखती है. यदि यह भी मान लिया जाए कि पीड़िता ने अभियुक्त के साथ संबंध बनाने की सहमति दी थी तो यह दुष्कर्म की श्रेणी में ही आएगा और अभियुक्त ऐसे सहमति के आधार पर अपने आपराधिक दायित्व से मुक्त नहीं हो सकता.

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अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि पीड़िता की मां ने मुहाना पुलिस थाने में 8 नवंबर 2020 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी नाबालिग बेटी 6 नवंबर को पड़ोस की नाबालिग लड़की के साथ शौच के लिए गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. पुलिस ने रिपोर्ट पर कार्रवाई कर आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया. पीड़िता ने अपनी गवाही में कहा कि आरोपी मंडी में ठेकेदार का काम करता था और वह भी वहां पर फल की गाड़ी में काम करती थी. एक दिन काम नहीं होने पर वह अपनी सहेली के साथ घूमने गई तो उसने उसे रुमाल सुंघा दिया. वहीं बाद में आरोपी सोनू ने उसे धमकाकर मंदिर ले जाकर माला पहना दी और अपने अलवर स्थित घर ले जाकर उसके साथ 15 दिन तक दुष्कर्म किया. मौका पाकर उसने अपने भाई को फोन पर घटना की सूचना दी. इसके बाद पुलिस ने आकर उसे बरामद किया.

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