जयपुर. राजधानी में हवामहल विधानसभा क्षेत्र में चांदी की टकसाल के पास रहने वाले रामप्रसाद मीणा आत्महत्या मामले में लग रहे आरोपों को लेकर मंगलवार को पीएचईडी मंत्री महेश जोशी ने सफाई दी. सिविल लाइन्स स्थित अपने आवास पर पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मंत्री महेश जोशी ने कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं. वे खुद हैरान हैं कि जिस व्यक्ति को वे जानते ही नहीं. वह उन पर इतने गंभीर आरोप कैसे लगा सकता है. मंत्री जोशी ने कहा कि अगर उन पर लगाए गए आरोप प्राथमिक रूप से भी सही पाए जाते हैं, तो वे उच्चतम नैतिक मूल्यों की पालना करते हुए उदाहरण पेश करेंगे.
अपने बयान में मंत्री महेश जोशी ने कहा कि गत 17 अप्रैल को उनके विधानसभा क्षेत्र स्थित चांदी की टकसाल इलाके में रामप्रसाद नाम के एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली. यह जानकारी मिली, तो बहुत दुख हुआ. बाद में पता चला कि आत्महत्या करने से पहले रामप्रसाद ने अन्य लोगों के साथ मुझ पर भी आरोप लगाया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि मैंने भी उसे परेशान किया है. जो कि सरासर निराधार है. मंदिर में निर्माण की शिकायत थी.
इसलिए रुकवाया कामः मंत्री महेश जोशी का कहना है कि वह मृतक या उसके परिवार को नहीं जानते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले किसी ने राजामल तालाब स्थित 260 वर्षों से भी अधिक पुराने श्री गिरधारी जी के मंदिर परिसर में हो रहे निर्माण को गलत बताते हुए काम रुकवाने को कहा था. इस प्राचीन धर्मस्थल से लोगों की धार्मिक आस्था जुड़ी होने के चलते मामला संवेदनशील लगा. इसलिए काम रुकवा कागजों की जांच के लिए कहा था. दो पक्षों के विवाद की स्थिति में काम रुकवाना आम बात है. कोई भी जनप्रतिनिधि यही करेगा.
उन्होंने काम रुकवाया ताकि कागजों की जांच हो सके और जो सही है उस पार्टी के साथ अन्याय हो. जोशी ने कहा कि आत्महत्या को कभी भी सही नहीं ठहराया जा सकता. लेकिन अगर काम नहीं रुकवाया जाता और पुजारी आत्महत्या कर लेता तो फिर क्या होता? लेकिन मृतक के परिवार की ओर से अभी तक भी कोई भी शिकायत, जवाब या स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है.
परिजनों से दुर्व्यवहार के आरोप गलतः पीड़ित परिवार के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों को लेकर भी उन्होंने सफाई दी और कहा कि उस परिवार के किसी भी सदस्य को लात मारने या किसी भी दुर्व्यवहार करने के जो आरोप लग रहे हैं. वे झूठे हैं. मैं जहां लोगों से मिलता हूं. वहां सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. यदि पुलिस जांच में इनकी फुटेज मांगी जाएगी, तो वह भी उपलब्ध करवा दी जाएगी.
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मौत की सच्चाई सामने आना जरूरीः मंत्री महेश जोशी ने आगे कहा कि किसी की भी मृत्यु के कारणों का पता लगना जरूरी है. आत्महत्या आमतौर पर व्यक्ति क्षणिक आवेश में करता है. आत्महत्या करने से पहले तीन-चार वीडियो कौन बनाता है. इसलिए इस पूरे मामले की सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए. वे बोले-FIR करवाना हर किसी का अधिकार है और मैं चाहता हूं कि जल्द से जल्द उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच हो. जिसमें सच्चाई जनता के सामने आ सके. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार किसी भी अधिकारी से जांच करवाना चाहे, तो पुलिस उसी अधिकारी को इस मामले की जांच सौंप दें. उन्हें कोई एतराज नहीं है. मंत्री महेश जोशी ने यह भी कहा कि इस पूरे मामले की जानकारी मिलते ही उन्होंने राजस्थान पुलिस के डीजीपी और जयपुर कमिश्नर को पत्र के माध्यम से उच्च स्तरीय और शीघ्रता से जांच करने के लिए आग्रह किया है.