जयपुर. पदभार संभालने के बाद पीएचईडी के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने शुक्रवार को अपनी पहली समीक्षा बैठक ली. बैठक में समित शर्मा ने अधिकारियों को पारदर्शिता के साथ काम करते हुए नवाचार अपनाने को कहा. साथ ही अधिकारियों को हिदायत दी कि किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अपनी पहली समीक्षा बैठक में समित शर्मा ने अधिकारियों को कहा कि जल जीवन मिशन में राजस्थान काफी पिछड़ा हुआ है और अगले एक वर्ष में राजस्थान को जल जीवन मिशन योजना में प्रथम 10 राज्यों की सूची में लाना उनकी प्राथमिकता रहेगी.
टाइम टेबल बनाकर करें पानी का वितरण : पीएचईडी के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने जलदाय विभाग के अधिकारियों से कहा कि राजस्थान के 7 करोड़ लोगों को स्वच्छ, गुणवत्तापूर्ण व नियमित रूप से पेयजल उपलब्ध कराना बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है और इसे एक पुण्य कार्य के रूप में किए जाने का जो अवसर मिला है, इसे बहुत ही प्रतिबद्धता और समर्पण भाव से किया जाना चाहिए. राजस्थान के जल उपभोक्ताओं को नियमित रूप से और समय पर पानी का वितरण बहुत ही आवश्यक है. इसके लिए प्रत्येक शहर और कस्बे में टाइम टेबल तैयार कर उसे वेबसाइट पर डिस्प्ले करने और उसके अनुसार निश्चित समय पर पानी वितरण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए.
पानी की गुणवत्ता का रखे ध्यान : शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विभाग की ओर से वितरित किए जाने वाले जल की गुणवत्ता तय मानकों के अनुरूप सुनिश्चित की जाए और विभाग की वाटर क्वालिटी कंट्रोल लैब में नियमित रूप से सैंपलिंग की जाए. उन्होंने जल वितरण पाइपलाइनों में ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन लॉसेस से होने वाली छीजत और चोरी को रोकने के लिए आवश्यक कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए. जल की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए निकट के स्थानीय स्रोतों जैसे शहरों व ग्रामों में स्थित तालाब आदि का उपयोग करने और नए स्रोत विकसित करने के उन्होंने निर्देश दिए.
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समित शर्मा ने गुणवत्ता नियंत्रण विंग को विभाग की महत्वपूर्ण विंग बताया और कहा कि यह सुनिश्चित करना क्वालिटी कंट्रोल विंग की जिम्मेदारी है कि परियोजना पर कार्यरत फर्मों ने तय मानकों के अनुरूप मैटेरियल काम में लिया या नहीं. उन्होंने पेयजल से जुड़ी योजनाओं में उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने और परियोजनाओं की सघन मॉनिटरिंग और निरीक्षण पर जोर दिया.
किसी भी रूप में स्वीकार नहीं होगा भ्रष्टाचार : डॉ. शर्मा ने कहा कि जल जीवन मिशन में राजस्थान को अग्रणी राज्यों में लाने के लिए प्राथमिकता के साथ कार्य किया जाए. अगले एक वर्ष में इसे प्रथम दस राज्यों की सूची में लाना है. मुख्यमंत्री की मंशानुरूप भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि भ्रष्टाचार किसी भी रूप में स्वीकार नहीं होगा.
सात दिन में देंगे नए जल कनेक्शन : डॉ. समित शर्मा ने कहा कि नए कनेक्शन आवेदन के बाद निर्धारित 7 दिवस के देंगे. नई पाइपलाइन डाले जाने और घरेलू वाटर कनेक्शन के लिए रोड कटिंग किए जाने पर उसे रिपेयर कर वापस पहले जैसी स्थिति में लाया जाए, जिससे किसी दुर्घटना की संभावना से बचा जा सके. इसमें नीतिगत निर्णय लेते हुए रोड रिपेयर का कार्य स्थानीय निकाय या पीडब्ल्यूडी के माध्यम से करने की बजाय स्वयं पीएचईडी विभाग की ओर से ही करवाया जाने पर विचार किया जाए.
ई-फाइल का करें उपयोग : शर्मा ने विभाग की ओर से आईटी का उपयोग करने, इस संबंध मे विश्वभर में उपयोग में ली जा रही बेस्ट तकनीक का विभाग की योजनाओं व कार्यक्रमों में शामिल किए जाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से विकसित किया गया आईटी मॉड्यूल राजनीर को राज्य स्तर पर लागू किया जाए. फिलहाल इसके माध्यम से जयपुर शहर में नए जल कनेक्शन दिए जा रहे हैं. समस्त फाइलों को स्कैन कर ई-फाइल के रूप में चलाने के भी उन्होंने निर्देश दिए, जिससे कि राजकार्य में पारदर्शिता बनी रहे और कार्य में गति आए.
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अभियंताओं की परर्फोर्मेंस के आधार हो रेंकिंग व ग्रेडिंग : शर्मा ने कहा कि फील्ड अभियंताओं की 'की-परर्फोर्मेंस इंडीकेटर्स' के आधार पर मासिक रेंकिंग व ग्रेडिंग की जाएगी, जिससे प्रोजेक्ट्स में गति लाई जा सके और अच्छे कार्य करने वाले अधिकारियों को प्रोतसाहन मिल सके. उन्होंने चीफ इंजीनियर, अतिरिक्त चीफ इंजीनियर, अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता से लेकर वॉल्वमैन तक पूर्ण मानव संसाधन की सूचना को भी ऑनलाइन करने के निर्देश दिए. समीक्षा बैठक से पहले समित शर्मा ने जल भवन का निरीक्षण किया. उन्होंने जल भवन को विकसित किए जाने और 31 मार्च तक नाकारा सामान का निस्तारण, रिपेयर, वाइटवॉशिंग और मैप संकेतक आदि लगाकर जल भवन को आई.एस.ओ. सर्टिफाई करने के निर्देश दिए.