जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कांग्रेस के 81 विधायकों के विधानसभा स्पीकर को इस्तीफे देने से जुड़े मामले में लंबित याचिका में संशोधन के लिए एक सप्ताह का समय देते हुए मामले की सुनवाई 9 अक्टूबर को तय की है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह आदेश नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ की जनहित याचिका पर दिए.
सुनवाई के दौरान विधानसभा सचिव की ओर से एजी एमएस सिंघवी और अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफों पर स्पीकर की ओर से निर्णय कराने का आग्रह किया था. स्पीकर ने गत 13 जनवरी को इस्तीफों पर अपना फैसला दे दिया है. ऐसे में याचिका में की गई प्रार्थना पूरी हो गई है. इसलिए याचिका को निस्तारित किया जाए.
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वहीं राजेन्द्र राठौड़ ने अपने अधिवक्ता हेमंत नाहटा के साथ संयुक्त रूप से पैरवी करते हुए कहा कि विधानसभा स्पीकर ना तो सदस्यों के इस्तीफों की कॉपी रिकॉर्ड पर लाए और ना ही उनके इस्तीफों में जांच के आदेश ही दिए. इतना ही नहीं स्पीकर ने एमएलए के इस्तीफों पर फैसला देने में 113 दिन की देरी की है. ऐसा करना कांग्रेस के आलाकमान को दबाव में लाए जाने का एक नया तरीका है, जो ना केवल लोकतंत्र के साथ मजाक है बल्कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था के लिए भी घातक है. ऐसे में अदालत इस बिंदु पर भी संज्ञान लेकर स्पीकर की ओर से एमएलए के इस्तीफों पर निर्णय करने की वैध अवधि भी तय करे, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो.
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गौरतलब है कि जनहित याचिका में कहा गया था कि कांग्रेस के विधायकों ने 25 सितंबर, 2022 को विधानसभा स्पीकर को अपने इस्तीफे दिए थे. इसके बाद 18 अक्टूबर, 19 अक्टूबर, 12 नवंबर और 21 नवंबर को याचिकाकर्ता ने स्पीकर को प्रतिवेदन देकर उनके इस्तीफों पर निर्णय करने का आग्रह किया था, लेकिन स्पीकर ने एमएलए के इन इस्तीफों को लेकर कोई निर्णय नहीं किया. इसलिए स्पीकर से एमएलए के इस्तीफों पर निर्णय कराए जाए.