चौमूं (जयपुर). जहां कोरोना के संक्रमण काल में सरकार बेहद चिंतित हैं. लोगों से बार-बार हाथ धोने साफ-सफाई रखने के लिए अपील कर रही है. वहीं दूसरी तरफ चौमूं शहर के रैगर मोहल्ले में लोग नरक में जीने को मजबूर हैं. रैगर मोहल्ला में नगर पालिका 82 लाख रुपए की लागत से नाला निर्माण करवा रही है, लेकिन पिछले कई दिनों से नाला निर्माण कार्य ठेकेदार की मनमानी के चलते बंद पड़ा है. इसके चलते मोहल्ले से होकर निकलना मुश्किल हो रहा है.
दरअसल खुदाई के चलते गंदा पानी रास्ते में बह रहा है. लिहाजा यहां दुर्गंध के चलते लोगों का जीना दूभर हो गया है. नगर पालिका में ठेकेदार की मनमानी की शिकायत करने पर कोई सुनवाई करने वाला नहीं है. इतना ही नहीं 10 साल बाद नगर पालिका में कांग्रेस का बोर्ड बना है. नगर पालिका में सुनवाई नहीं होने के कारण नगरपालिका के खिलाफ इन दिनों कांग्रेस पार्षद भी मोर्चा खोले हुए हैं.
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2 दिन पहले अशोक विहार में सड़क को तोड़ देने पर कांग्रेस पार्षद महेंद्र लांबा, पूर्व पार्षद शैलेंद्र चौधरी ने नगर पालिका पर मनमानी करने के आरोप लगाए थे. अब वार्ड 38 के पार्षद उत्तम गोठवाल ने नगर पालिका के चेयरमैन विष्णु सैनी पर ही मनमानी करने के आरोप लगा दिए. साथ ही कहा कि शिकायत करने पर चेयरमैन विष्णु सैनी केवल आश्वासन देते हैं. इसके अलावा काम नहीं करवाते हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो यहां लोग नरक की जिंदगी जीने को मजबूर हो रहे हैं. आने जाने में बूढ़े बुजुर्ग और बच्चों को काफी परेशानी होती है. कई बार तो गंदे पानी में लोग गिर भी जाते हैं. गौरतलब है कि नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी का पद भी पिछले कई दिनों से खाली पड़ा है. अधिशासी अधिकारी का हाल फिलहाल जेईएन लोकेश सैनी के पास है.