जयपुर. कोरोना संकट (corona crisis) के चलते इस बार दो साल बाद बच्चे ऑफलाइन परीक्षा (offline exam after two years) देने जा रहे हैं. ऐसे में उन्हें भय और तनावमुक्त होकर परीक्षा देने के लिए विशेषज्ञों ने कई टिप्स दिए हैं. राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से आज मंगलवार को परीक्षा पर्व आयोजित किया गया, जिसमें आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल के निर्देशन में प्रसिद्ध विषय विषेषज्ञों, मनोचिकित्सकों, मनोवैज्ञानिकों, प्रेरक वक्ताओं के साथ राजस्थान के समस्त विद्यालयों के शिक्षकों और बच्चों से संवाद किया गया.
बाल आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि स्कूली छात्रों को परीक्षा के दौरान,तैयारी संबंधी, शैली संबंधी, आवश्यक जानकारी संबंधी समस्याओं के साथ माता-पिता का पढ़ाई के लिए दबाव का अनुभव होता है. इस वर्ष भी कोविड के चलते बच्चों ने ऑनलाइन पढ़ाई दी है. जिससे बच्चों में आत्मविश्वास की कमी की शिकायते सामने आई थी. इसे ध्यान में रखते हुए बाल आयोग ने बच्चों के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया है.
उन्होंने कहा कि परीक्षा से पूर्व व परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों में तनाव की स्थिति उत्पन्न होने से उनके शारीरिक, मानसिक एवं शैक्षणिक विकास में रूकावट उत्पन्न होती है. यह तनाव विद्यार्थियों को अवसाद की ओर ले जाती है. नतीजतन, बच्चों में परीक्षा के परिणाम के बारे में तर्कहीन विचार आने लगते हैं तथा विद्यार्थियों में नकारात्मकता भावना पैदा होती है. इसके अलावा बच्चों ने परीक्षा के दौरान टाइम मैनेजमेंट, रिविजन कैसे करें, परीक्षा से एक दिन पहले क्या करें आदि जैसे कई सवाल किए जिनका बाल आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल, एक्सपर्ट्स डॉ. राजेंद्र गौरव और डॉ. सुशीला परीक ने जवाब दिए.