जयपुर. नियमितीकरण की मांग (Demand For Regularization) को लेकर आंदोलन कर रहे पंचायत सहायक (Panchayat Sahayaks) सरकार के प्रशासन गांवों के संग अभियान (Prashasan Gaon Ke Sang Abhiyan) का बहिष्कार कर रहे हैं. अब उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो सभी संविदाकर्मी (Contract Workers) जयपुर (Jaipur) में महापड़ाव डालेंगे. उन्होंने मांग पूरी होने तक धरना जारी रखने की बात कही है. अपनी मांगों को लेकर ये शहीद स्मारक पर फिलहाल धरना दे रहे हैं.
पंचायत सहायक संघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण जसरासर का कहना है कि अब हम सरकार की नीतियों के खिलाफ पूरी तरह से निर्णय कर चुके हैं कि मांग पूरी होने तक धरना नहीं उठाएंगे. प्रशासन गांवों के संग अभियान का जायजा लेने मुख्यमंत्री अब गांवों में जा रहे हैं. राजस्थान के 27 हजार ग्राम पंचायत सहायक ही नहीं सभी संविदाकर्मी यहां धरने पर बैठे हैं. उनकी नियमितीकरण की मांग पर सरकार को जल्द से जल्द ध्यान देना चाहिए अन्यथा जिस तरह से प्रशासन गांवों के संग शिविरों में सरकार और प्रशासन को संविदाकर्मियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है वो जारी रहेगा.
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यह आंदोलन और तेज किए जाएंगे. चेताया कि वो दिन दूर नहीं जब प्रदेश के सभी संविदाकर्मी एक साथ आंदोलन पर उतरेंगे. उनका कहना है कि जो सरकार बना सकते हैं वो सरकार गिरा भी सकते हैं.
मजबूर हैं सहायक
वे बताते हैं कि पंचायत सहायक (Panchayat Sahayaks) पिछले 13-14 साल से 6-7 हजार रुपए में परिवार का गुजारा करने को मजबूर हैं. मुख्यमंत्री (CM Gehlot) कहते हैं कि केंद्र की नीतियों के कारण महंगाई बढ़ी है तो वो बताएं कि राजस्थान (Rajasthan) में पंचायत सहायक (Panchayat Sahayak) 6-7 हजार रुपए में कैसे परिवार का गुजारा कर पा रहे हैं? कोरोना काल में 20 पंचायत सहायकों की मृत्यु हुई, कई विद्यार्थी मित्र और पंचायत सहायक खुदकुशी कर चुके हैं. स्थिति बेहद दयनीय है.