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लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी था शकरउल्ला, TV की आवाज को लेकर हुआ था झगड़ा - जयपुर सेंट्रल जेल

जयपुर सेंट्रल जेल में हुए बारे में जानकारी देते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग राजीव स्वरूप ने बताया कि बुधवार दोपहर करीब 1.20 बजे बैरक नंबर 10 में 9 कैदी टीवी देख रहे थे. इस दौरान पाकिस्तानी कैदी शकर उल्ला ने टीवी की आवाज को कम करने के लिए कहा.

पाकिस्तानी कैदी
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Published : Feb 21, 2019, 12:07 AM IST

जयपुर. जयपुर सेंट्रल जेल में कैदियों द्वारा जानलेवा हमला कर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी को मौत के घाट उतार दिया गया. मौत के घाट उतारे गए पाकिस्तानी कैदी शकर उल्ला उर्फ मोहम्मद हनीफ उर्फ अमर सिंह को 2011 में गिरफ्तार किया गया था.

वीडियो

इस जानवेला हमले में शकर उल्ला की मौके पर ही मौत हो गई. अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग राजीव स्वरूप ने जेल के अंदर पाकिस्तानी कैदियों द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करने की बात का खंडन करते हुए कहा कि इस घटना का नारेबाजी से कोई भी लेना देना नहीं है. यह महज टीवी की आवाज कम करने को लेकर एक विवाद था. इस विवाद में पाकिस्तानी कैदी शकरुल्लाह पर हमला हुआ और उसने दम तोड़ दिया.

राजीव स्वरूप ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा दायर कर दिया गया वहीं न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि कैदियों में पहले से किसी प्रकार का कोई मनमुटाव नहीं था, कैदियों के वार्ड में 66 बंदी थे. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम करवाकर अग्रीम कार्रवाई की जा रही है. भारतीय एम्बेसी को सूचना दे दी गई है.

लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी था शकर उल्ला
डीजी जेल एन.आर.के रेडी ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम में शामिल अजीत, मनोज, कुलविंद्र और भजन मीणा को डिटेन कर लिया गया है. घटनाक्रम के दौरान बैरक में हाजी खान, महेश, नंदलाल और मल्लाह नाम के कैदी भी मौजूद थे. जिनसे भी पुलिस इस पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी जुटा रही है.

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पुलिस ने बताया कि पाकिस्तानी कैदी शकर उल्ला लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी था जिसे राजस्थान एटीएस द्वारा 2011 में आठ आतंकियों के साथ गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार करने के बाद वर्ष 2017 में कोर्ट ने आतंकी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

जयपुर. जयपुर सेंट्रल जेल में कैदियों द्वारा जानलेवा हमला कर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी को मौत के घाट उतार दिया गया. मौत के घाट उतारे गए पाकिस्तानी कैदी शकर उल्ला उर्फ मोहम्मद हनीफ उर्फ अमर सिंह को 2011 में गिरफ्तार किया गया था.

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इस जानवेला हमले में शकर उल्ला की मौके पर ही मौत हो गई. अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग राजीव स्वरूप ने जेल के अंदर पाकिस्तानी कैदियों द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करने की बात का खंडन करते हुए कहा कि इस घटना का नारेबाजी से कोई भी लेना देना नहीं है. यह महज टीवी की आवाज कम करने को लेकर एक विवाद था. इस विवाद में पाकिस्तानी कैदी शकरुल्लाह पर हमला हुआ और उसने दम तोड़ दिया.

राजीव स्वरूप ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा दायर कर दिया गया वहीं न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि कैदियों में पहले से किसी प्रकार का कोई मनमुटाव नहीं था, कैदियों के वार्ड में 66 बंदी थे. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम करवाकर अग्रीम कार्रवाई की जा रही है. भारतीय एम्बेसी को सूचना दे दी गई है.

लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी था शकर उल्ला
डीजी जेल एन.आर.के रेडी ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम में शामिल अजीत, मनोज, कुलविंद्र और भजन मीणा को डिटेन कर लिया गया है. घटनाक्रम के दौरान बैरक में हाजी खान, महेश, नंदलाल और मल्लाह नाम के कैदी भी मौजूद थे. जिनसे भी पुलिस इस पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी जुटा रही है.

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पुलिस ने बताया कि पाकिस्तानी कैदी शकर उल्ला लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी था जिसे राजस्थान एटीएस द्वारा 2011 में आठ आतंकियों के साथ गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार करने के बाद वर्ष 2017 में कोर्ट ने आतंकी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

Intro:जयपुर
जयपुर सेंट्रल जेल में कैदियों द्वारा जानलेवा हमला कर मौत के घाट उतारे गए पाकिस्तानी कैदी शकर उल्ला उर्फ मोहम्मद हनीफ उर्फ अमर सिंह के बारे में जानकारी देते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग राजीव स्वरूप ने बताया कि आज दोपहर बैरक नंबर 10 में 9 कैदी टीवी देख रहे थे। इस दौरान पाकिस्तानी कैदी शकर उल्ला ने टीवी की आवाज को कम करने के लिए कहा। यह सुन अन्य कैदी आग बबूला हो गए और उन्होंने वहां रखें पत्थर को उठाकर शकर उल्ला के सर पर ताबड़तोड़ वार किए जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग राजीव स्वरूप ने जेल के अंदर पाकिस्तानी कैदियों द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करने की बात का खंडन करते हुए कहा कि इस घटना का नारेबाजी से कोई भी लेना देना नहीं है यह महज टीवी की आवाज कम करने का एक विवाद था और विवाद के चलते ही पाकिस्तानी कैदी शकरुल्लाह की हत्या की गई।


Body:लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी था शकर उल्ला

डीजी जेल एन.आर.के रेडी ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम में शामिल अजीत, मनोज, कुलविंद्र और भजन मीणा को डिटेन कर लिया गया है। रोहित घटनाक्रम के दौरान बैरक में हाजी खान, महेश, नंदलाल और मल्लाह की नामक कैदी भी मौजूद थे। जिनसे भी पुलिस इस पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी जुटा रही है। पुलिस ने बताया कि पाकिस्तानी कैदी शकर उल्ला लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी था जिसे राजस्थान एटीएस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार करने के बाद वर्ष 2017 में कोर्ट ने आतंकी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

बाइट- राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव- गृह विभाग
बाइट- एन.आर.के. रेडी, डीजी जेल


Conclusion:
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