जयपुर. जिले में पूजा स्थलों के बाहर स्थित दुकानों पर मिलावटखोरी के खिलाफ कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. समीक्षा बैठक में जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव ने कहा कि पूजा स्थलों के बाहर स्थित प्रसाद बेचने की दुकानों पर कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. खाद्य विभाग के अधिकारी उन दुकानों से नमूने लेने की कार्रवाई जारी रखेंगे. यदि कोई दोषी पाया जाएगा तो सूखे खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
इसी तरह प्रसाद बेचने वाली दुकानों पर भी इसी तरह की सैंपलिंग की जाएगी. जगरूप सिंह यादव ने कहा कि इसी तरह से मिलावटी आइसक्रीम चॉकलेट और बेकरी उत्पाद बेचने वालों पर भी कार्रवाई के लिए जिला कलेक्टर ने निदेश दिए हैं. इसी तरह निगम अधिकारियों को भी रेस्टोरेंट, होटल या खाद्य पदार्थ बेचने वाले खोमचे पर विशेष नजर रखने को कहा है और वहां जाकर स्वास्थ्य, सफाई, अपशिष्ट आदि की जांच के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिया है.
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30 फ़ीसदी हिस्सा जहां पानी सप्लाई नहीं हो रहा है उसकी मांगी कार्ययोजना
जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव ने समीक्षा बैठक में जलदाय विभाग के अधिकारी को कहा है कि जयपुर के जिस 30 फ़ीसदी हिस्सों में विभाग द्वारा पानी साप्लाई नहीं किया जा रहा हैं. उसकी कार्य योजना बनाकर रिपोर्ट दें और इस मामले से राज्य सरकार को अवगत कराया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में विभाग द्वारा पेयजल सप्लाई नहीं की जा रही हैं. इसे लेकर भी रिपोर्ट दी जाए. विभाग ने कहा है कि दोनों ही मामलों में प्रक्रिया विचाराधीन है और जल्द ही रिपोर्ट सौंपी जाएगी.
प्राइवेट टैंकरों से पानी सप्लाई की दर हो निश्चित
जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने कहा है कि प्राइवेट टैंकरों से पानी सप्लाई करने पर उनकी दर एक बड़ी समस्या हैं. इसके लिए जलदाय विभाग को कहा गया हैं. इसके लिए कोई ठोस नीति बनाएं और इसके लिए तकनीक का उपयोग किया जाए.
निगम को निर्देश, हूपर के ट्रिप करें सुनिश्चित
कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने समीक्षा बैठक में नगर निगम के अधिकारियों को भी विशेष निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने कहा है कि निगम शहर से 1480 मैट्रिक टन कचरा उठा रहा हैं. इसके लिए 520 हूपर नगर निगम के पास हैं. उन्होंने कहा कि नगर निगम का दावा है कि एक हूपर तीन से चार ट्रिप करता हैं. कलेक्टर ने नगर निगम को हूपर के ट्रिप सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं और इसके लिए कहा गया है कि वह इंटरनेट ऑफ थिंग माध्यम से करे. कलेक्टर ने कहा कि यदि कोई एक ही जाकर प्रमाणीकरण करता है तो उसे टूटी होने की संभावना रहती हैं. इसलिए इंटरनेट ऑफ थिंग के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने वीडियो कैमरा लगाने का भी सुझाव दिया है.