जयपुर. किसी अनजान कॉल पर ओटीपी बताना और बैंक खाते के ट्रांजेक्शन पर गंभीरता से ध्यान नहीं देना बहुत महंगा पड़ सकता है. ऐसा ही एक मामला राजधानी जयपुर में सामने आया है. साइबर ठगों ने एक निजी अस्पताल के आईसीयू इंचार्ज को कॉल कर लोन वेरिफिकेशन के बहाने ओटीपी पूछकर 5.92 लाख रुपए की चपत लगा दी. अब इस संबंध में जयपुर के मालपुरा गेट थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है.
मालपुरा गेट थानाधिकारी सतीश चंद के अनुसार, एक निजी अस्पताल के आईसीयू इंचार्ज राजाराम शर्मा के साथ साइबर ठगी का मामला सामने आया है. इसे लेकर उन्होंने रविवार को थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. उन्होंने रिपोर्ट में बताया कि 31 जुलाई की शाम को करीब 7ः30 बजे एक कॉल आया और कॉल करने वाले ने खुद को बैंक का कर्मचारी बताकर लोन वेरिफिकेशन करने की बात कही.
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उसने उससे मोबाइल नंबर पर आया ओटीपी पूछा, तो उन्होंने उसे ओटीपी बता दिया. इसके बाद खाते से 11 हजार रुपए कट गए. उन्होंने कॉल किया तो बताया गया कि बैंक लोन की किस्त जमा की गई है. इस दौरान पीड़ित के खाते में मकान बनवाने के लिए रखे 6.50 लाख रुपए 3 अगस्त को बैंक खाते में जमा करवाए. इसके बाद दो दिन में बैंक खाते से अलग-अलग ट्रांजेक्शन हुए और साइबर ठगों ने कुल 5.92 लाख रुपए उनके खाते से उड़ा लिए. थानाधिकारी का कहना है कि उनकी रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही
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कभी अजय तो कभी राहुल नाम के खाते में ट्रांजेक्शनः पीड़ित ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 3 अगस्त को उनके खाते से पहले 50 हजार और फिर 8733 रुपए अजय कुमार नाम के शख्स के खाते में जमा हुए. इसके बाद तीन बार 50-50 हजार रुपए भी उसी बैंक खाते में जमा करवाए गए. शाम को खाते से एक लाख का और ट्रांजेक्शन किया गया. अगले दिन राहुल नाम के शख्स के खाते में ट्रांजेक्शन किया गया. इस तरह अलग-अलग ट्रांजेक्शन के माध्यम से पीड़ित के बैंक खाते से कुल 5.92 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन किया गया है.